एसएन की एक और स्टूडेंट चपेट में  

सिटी में डेंगू की शुरुआत एसएन मेडिकल कॉलेज से हुई थी। कुछ दिनों पहले एक मेडिको स्टूडेंट को डेंगू का बुखार आने पर दिल्ली रेफर किया गया था। थर्सडे को नर्सिंग की एक छात्रा अंशिका को प्लेटलेट्स 40 हजार से कम होने पर मेडिसिन वार्ड में एडमिट कराया गया। वहीं सिकंदरा निवासी ब्रजेश कुमार और डौकी निवासी नरेश की एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर भर्ती कराया गया है।

प्लेटलेट्स में आई कमी

एसएन में एडमिट दो दर्जन पेशेंट्स की हालत बेहद खराब है। जिनका आईसीसीयू में इलाज चल रहा है। वहीं कई पेशेंट्स की प्लेटलेट्स 20 हजार से कम हो गई है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। मृदुल चर्तुवेदी बताते हैं कि सीरियस पेशेंट्स को प्रॉपर इलाज मिल रहा है।

फागिंग के नाम पर खानापूर्ति

मच्छरों को दूर करने के लिए नगर निगम फागिंग के नाम खानापूर्ति कर रहा है। नगर निगम के मुताबिक सिटी में पिछले एक-डेढ़ महीने से फॉगिंग हो रही है। लेकिन पिछले छह दिनों में बढ़ी पेशेंट्स की काउंटिंग यह साबित कर रही है कि फागिंग कहां तक कारगर है। वहीं थर्सडे को एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन और ओपीडी में दवा का छिड़काव कराया गया।

गंदगी कर रही दावों को फ्लाप

एक ओर एसएन मेडिकल कॉलेज पेशेंट्स को बेहतर इलाज देने के दावे कर रहा है। वहीं दूसरी ओर कॉलेज के कई वार्डों में गंदगी इस दावे को फ्लॉप कर रही है। मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिर्पाटमेंट के आगे कूड़ा डाला जाता है।

डॉ। अजय अग्रवाल, प्रिसिंपल, एसएन मेडिकल कॉलेज

डेली एक-दो केस आ रहे हैं। सभी को प्रापर इलाज मिल रहा है। थर्सडे को सात केस आए हैं। 30 लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। कॉलेज प्रशासन ने मेडिसिन वार्ड और ओपीडी में दवा का छिड़काव कराया है।

केपी त्रिपाठी, प्रभारी नगरायुक्त, नगर निगम

पिछले डेढ़ महीने से नगर निगम प्रॉपर फॉगिंग करा रहा है। रोज का अलग रोस्टर बना हुआ है। लोग घर में पानी जमा न होने दें.