रिएलिटी चेक

- BRD मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस से लगायत विभिन्न वार्डो की छत पर रखी करीब 30-35 टंकियों के ढक्कन नहीं

- छत पर लगी हैं 100 से अधिक टंकियां, ढक्कन नहीं होने से साफ पानी में पल रहे डेंगू के मच्छर

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक तरफ डेंगू के पेशेंट्स का इलाज किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल भवन की छत पर डेंगू के मच्छरों के फलने-फूलने के लिए पानी की टंकियों के ढक्कन खोलकर छोड़ दिए गए हैं। जिले को डेंगू के प्रति सजग करने वाले डॉक्टरों के कैम्पस में इंसेफेलाइटिस वार्ड से लगायत विभिन्न वार्डो की छतों पर 100 से अधिक पानी की टंकियां हैं। इनमें अधिकतर टंकियों के ढक्कन गायब हैं। इन टंकियों के साफ पानी में खतरनाक मच्छर पल रहे हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब शनिवार को इसका रिएलिटी चेक किया तो यह लापरवाही सामने आई।

टंकियों में काई

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब बीआरडी कॉलेज की छत पर लगी पानी की टंकियों को चेक किया तो हैरानी का ठिकाना न रहा। अधिकतर टंकियों के ढक्कन टूट गए हैं। टंकी में पानी तो साफ है लेकिन काई की मोटी परत जमी हुई है। टंकी के आसपास बड़ी-बड़ी घासें उग आई हैं। बता दें कि साफ जमा पानी में ही डेंगू के मच्छर सबसे अधिक पलते हैं। अस्पताल के गायनी, नेत्र वार्ड, मेडिसिन, सर्जरी मेल, फीमेल, आर्थो, चर्म रोग, न्यूरो वार्ड के साथ अन्य वार्डो की छतों की भी यही हालत है। सभी वार्डो की छत पर जैसे डेंगू मच्छर के लिए आशियाने का इंतजाम कर दिया गया हो।

नहीं होती देखरेख

एक कर्मचारी ने बताया कि जबसे टंकियां लगी हैं, उनकी सफाई तक नहीं हुई है। सबको पता है कि इन टंकियों का पानी पीने योग्य नहीं है इसलिए ज्यादातर लोग बाथरूम में ही इसका उपयोग करते हैं। हालांकि बाहर से आने वाले अंजान तीमारदार इस पानी को ही पीते है। उन्हें कोई बताता भी नहीं। बीमार को इलाज कराने बीआरडी पहुंचे तीमारदारों के भी इस पानी को पीकर बीमार हो जाने की संभावना बनी रहती है। टंकियों की सफाई व देखरेख तो होती ही नहीं। यही कारण है कि महीनों से ढक्कन टूटे पड़े हैं। ऊपर छत पर डेंगू के मच्छर पलते हैं और नीचे वार्डो में बीमारों का इलाज किया जाता है।

बॉक्स

एक साल पहले ही लगाए गए थे ढक्कन

डेंगू के फैलने पर पिछले साल मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने टंकियों के ढक्कन बदलने पर काफी रुपए खर्च किए थे लेकिन क्वालिटी सही नहीं होने के कारण एक वर्ष में ही अधिकतर ढक्कन बेकार हो गए। इस साल भी डेंगू को लेकर अलर्ट जारी हुआ और संबंधित तैयारी का निर्देश शासन से आया लेकिन बीआरडी ने इस संबंध में कोई तैयारी नहीं की। एक तरफ डॉक्टर डेंगू का इलाज करते रहे और दूसरी तरफ अस्पताल में डेंगू के मच्छर पलते रहे।

एक तिहाई टंकियों के ढक्कन गायब

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साढ़े दस सौ बेड वाले वार्ड की छतों पर करीब 100 पानी की टंकियां लगी हैं। जिनमें से एक तिहाई टंकियों से ढक्कन गायब हैं। टंकियों के गायब ढक्कन बताते हैं कि डेंगू को लेकर शासन से अलर्ट जारी होने के बाद भी बीआरडी में इसको लेकर कोई तैयारी नहीं की गई।

वर्जन

अगर टंकियों के ढक्कन गायब हैं और उनमें काई जमी है तो इसकी जांच कराई जाएगी। टंकियों की सफाई कराने के साथ ही जल्द से जल्द उनके ढक्कन बदल दिए जाएंगे।

- डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी