राज्य में 15000 अपराधी हैं फरार, मालखाने में सड़ रहे हैं 5000 हथियार

-पुलिस मुख्यालय में रविवार को बैठक के दौरान जिलों के एसपी ने सौंपी रिपोर्ट

-सभी एसपी को 10 दिनों के भीतर 75 फीसदी स्थाई वारंट निष्पादन का दिया गया लक्ष्य

-हाई कोर्ट की फटकार के बाद रेस हुआ पुलिस महकमा

RANCHI 04Nov

झारखंड पुलिस की गिरफ्त से करीब 15 हजार से अधिक अपराधी फरार चल रहे हैं। इन अपराधियों के खिलाफ पुलिस के रिकार्ड में कई मामले दर्ज हैं लेकिन पुलिस इनको गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। यह खुलासा रविवार को पुलिस मुख्यालय में हुए बैठक में हुआ है.डीजीपी डीके पांडेय ने राज्य के सभी एसपी, एसएसपी, रेंज डीआइजी, आइजी और एडीजी के साथ बैठक की.बैठक में मुख्य मुद्दा जिलों में फरार अपराधियों की गिरफ्तारी और मालखानों में पड़े हथियारों का निष्पादन था। हाई कोर्ट में पिछले दिनों झारखंड पुलिस को पड़ी फटकार के बाद आननफानन में यह बैठक बुलाई गई थी.इस दौरान बात निकल कर सामने आई कि राज्य में 15 हजार से अधिक फरार अपराधी हैं।

5000 देसी हथियार मालखाने के बोझ

वहीं जिलों के मालखानों में 5000 से अधिक देसी हथियार जब्त हैं। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को यह लक्ष्य दिया है कि 10 दिनों के भीतर 75 फीसद स्थाई वारंट का तामिला कर देना है। मालखानों में दो तरह के हथियार जब्त हैं। नियमित हथियार और देसी हथियार.देसी हथियार को कानूनन नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी करनी है, वहीं नियमित हथियार के मामले में न्यायालय के गाइडलाइंस के अनुसार सीआइडी में जमा करना है।

कोर्ट ने किया तलब तब टूटी नींद

गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने पिछले दिनों लातेहार के एक मामले में गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे और डीजीपी डीके पांडेय को तलब किया था.मामला वषरें से फरार चल रहे एक अपराधी की गिरफ्तारी नहीं होने से संबंधित था.तब कोर्ट ने झारखंड पुलिस को आदेश दिया था कि राज्य में जितने भी स्थाई वारंट हैं 60 दिनों के भीतर उसका तामिला पूरा करें। इसके बाद ही पुलिस रेस हुई है।

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त्योहारों में बरतें विशेष सावधानी :

डीजीपी ने बैठक के दौरान सभी अफसरों को यह निर्देश दिया है कि नवंबर महीने में बहुत से त्यौहार हैं। धनतेरस, दीपावली, काली पूजा, छठ आदि के दौरान विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। सभी एसपी और एसएसपी जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों की समीक्षा करें और जरूरत के अनुसार वहां बल की प्रतिनियुक्ति करें.दीपावली के दौरान अग्निशमन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर व्यवस्था बनाएं। छठ घाटों पर एनडीआरएफ के साथ मिलकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें.त्योहारों में विघ्न डालने वाले संदिग्धों पर कानून सम्मत कार्रवाई करें।