परिवार को असाधारण पेंशन दी जाती
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LUCKNOW : डीजीपी ओपी सिंह द्वारा एक नई पहल करते हुए शासन से शासकीय कर्तव्य पालन के दौरान गंभीर दुर्घटना होने से लंबे समय तक 'कोमा' में गये अराजपत्रित पुलिसकर्मी के परिवार को अनंतिम असाधारण पेंशन या 'कोमा' अवधि का पूर्ण वेतन दिये जाने के संबंध में शासन से अनुरोध किया गया है। ध्यान रहे कि उप्र पुलिस असाधारण नियमावली 1975 के तहत ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मी, जो डाकुओं या सशस्त्र अपराधियों अथवा विदेशी प्रतिरोधियों से लडऩे के दौरान शहीद होते हैं, उनके परिवार को असाधारण पेंशन दी जाती है।शासन को भेजे प्रस्ताव में डीजीपी ने कहा कि शासकीय कर्तव्य पालन के दौरान पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं तथा कभी-कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि वह लंबे समय तक 'कोमा' में रहता है।

परिवार को सहनी पड़ती है दिक्कत
 इससे उसे अनुमन्य सभी प्रकार के अवकाश समाप्त हो जाते हैं, जिसके कारण उसके परिवार को अत्यधिक आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक प्रकरण  आगरा में सामने आया है, जिसमें कानपुर देहात में नियुक्त आरक्षी वरुण कुमार मिश्रा एवं आरक्षी जितेन्द्र सिंह पुलिस लाइंस से सरकारी महत्वपूर्ण डाक लेकर कानपुर नगर व मेरठ रवाना हुए थे। जौनपुर में ट्रक चालक की लापरवाही से मोटरसाइकिल सवार दोनों आरक्षी घायल हो गये। आरक्षी वरुण मिश्रा की मौके पर मृत्यु हो गयी जबकि जितेन्द्र को उपचार के लिए पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया गया। तब से जितेन्द्र लगातार 'कोमा' में चल रहा है। वहीं मृतक आरक्षी वरुण कुमार मिश्रा के परिवार को असाधारण पेंशन मिल रही है।

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