- थर्सडे को दून हॉस्पिटल पहुंचे डायरिया के 24 मरीज

- डायरिया पेशेंट्स से इमरजेंसी फुल

देहरादून, तेज गर्मी के बीच दून में डायरिया मरीजों की संख्या एक बार फिर तेजी से बढ़ी है। पिछले तीन दिनों से सैकड़ों की संख्या में लोग डिहाइड्रेशन की शिकायत लेकर दून हॉस्पिटल पहुंचे। दून हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में थर्सडे सुबह हर घंटे औसतन 3 डायरिया मरीज पहुंचे।

इमरजेंसी वार्ड फुल

थर्सडे को दून हॉस्पिटल का इमरजेंसी वार्ड डायरिया मरीजों से फुल रहा। इमरजेंसी वार्ड में 8 परमानेंट बेड के अलावा बरामदे में लगाये गये 5 टेंपोररी बेड में से ज्यादातर पर डायरिया के मरीज थे। इसके अलावा कुछ मरीजों का मरीजों का इलाज स्ट्रेचर पर जारी था।

स्लम में ज्यादा प्रकोप

डायरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप स्लम एरिया और शहर से लगते ग्रामीण क्षेत्रों में है। यहीं से सबसे ज्यादा मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। रिस्पना और बिंदाल के किनारे झुग्गियों में रहने वाले लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। हालांकि शहर के अन्य क्षेत्रों के लोग भी डायरिया पीडि़तों में शामिल हैं।

लापरवाही है डायरिया की वजह

दून हॉस्पिटल में सीनियर फिजिशियन डॉ। केसी पंत के अनुसार गर्मी के मौसम में खानपान में लापरवाही डायरिया की मुख्य वजह है। इस मौसम में खाने-पीने की चीजें कुछ ही घंटे में खराब होने लगती हैं, इनका सेवन करने से डायरिया होने की आशंका रहती है। इसके अलावा पानी के साथ आने वाली गंदगी से भी डायरिया की वजह बनती है।

स्ट्रीट फूड से करें परहेज

डॉक्टर्स के अनुसार गर्मी के मौसम में स्ट्रीट फूड भी खतरनाक साबित हो सकता है। सड़कों के किनारे बिकने वाली खाने-पीने की चीजें आमतौर खुले में रखी रहती हैं और दिन भर धूल मिट्टी से दूषित होती हैं। इनके सेवन से डायरिया की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही सड़क किनारे बिकने वाला गन्ने का जूस भी डायरिया की वजह बन सकता है।