क्योंकि शहर में डीजल से चलने वाले आटो, टेंपो और टैक्सी की इंट्री हो जाएगी बैन

सिर्फ सीएनजी से चलने वाले वाहनों को ही मिलेगा प्रवेश, आदेश से वाहन चालकों में हड़कंप

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: बीस जून से शहर में डीजल से चलने वाले ऑटो, टेंपो व टैक्सी बंद हो जाएंगे। यह निर्णय प्रशासन की ओर से पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर लिया गया है। ऐसे में अब सवाल ये है कि अचानक हजारों वाहन यदि रोड से गायब हो जाएंगे तो शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भीषण संकट खड़ा हो जाएगा। क्योंकि वर्तमान में शहर में लगभग पांच हजार आटो-टेंपो चल रहे हैं, जबकि अब तक मात्र सौ वाहन ही सीएनजी में रजिस्टर्ड हुए हैं। यही नहीं हजारों वाहन चालक और ओनर्स के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

सड़कों पर चलेंगे सीएनजी वाहन

पिछले दिनों आरटीए की बैठक में कमिश्नर ने बीस जून के बाद डीजल से चलने वाले टेंपो-टैक्सी बैन करने का आदेश दिया। उन्होंने सिर्फ सीएनजी किट लगे वाहनों को ही शहर में चलाने की अनुमति दी है। वाहन चालक और ओनर्स का कहना है कि जब तक बैंक का लोन अदा नहीं होगा, वह एनओसी नहीं देगा। ऐसे हालात में वाहन में सीएनजी किट लगवाना या इसे बेचकर नया वाहन लेना मुमकिन नहीं है।

लोन लेकर निकाला आटो

एक साल पहले तत्कालीन प्रदेश सरकार ने शहरों में महिला सुरक्षा के मद्देनजर पिंक ऑटो की अनुमति दी थी। शहर में दो सौ पिंक ऑटो का परमिट बना। इनमें डेढ़ सौ ऑटो बैंक से फाइनेंस कराए गए हैं। इन डीजल वाहनों का लोन अभी चुकता नहीं हुआ है। अब बीस जून के बाद ये भी शहर के बाहर कर दिए जाएंगे।

हम तो बर्बाद हो जाएंगे साहब

जेपी त्रिपाठी ने पंजाब नेशनल बैंक झूंसी से लोन लेकर ऑटो खरीदा था। अभी उनका एक लाख से अधिक लोन बकाया है। वे बताते हैं कि इसी बैंक से बीस लोगों ने पिंक ऑटो खरीदने के लिए लोन लिया है। इसी तरह ममफोर्डगंज बैंक ऑफ बड़ौदा से उमेश शुक्ला ने लोन लेकर ऑटो खरीदी थी। इन लोगों का कहना है कि अगर वाहन को बैन किया गया तो परिवार का पेट कैसे भरेगा।

किट हो जा रहा है फेल

शहर में इस समय पांच हजार टेंपो-टैक्सी और ऑटो का संचालन हो रहा है। इनके मुकाबले में आरटीओ कार्यालय में केवल सौ सीएनजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। अब यदि डीजल वाले वाहन बंद कर दिए गए तो मात्र सौ टेंपो शहर की पब्लिक का लोड कैसे उठाएंगे यह समझ से परे है। इस बीच वाहन चालकों का कहना है कि मार्केट में सीएनजी वाहन उपलब्ध ही नहीं हैं। एजेंसियों की तरफ से प्रतिमाह बमुश्किल 20 से 25 वाहनों की सप्लाई की जा रही है। सीएनजी किट लगाने का प्रासेस भी लगभग फेल्योर की कगार पर है।

वाहन आए तो होगी ईधन की किल्लत

यही नहीं शहर में केवल तीन सीएनजी फिलिंग स्टेशन हैं। इनके भरोसे हजारों गाडि़यों का संचालन भी आसान नहीं होगा। हालांकि, नए सीएनजी पंप खोलने की योजना पाइप लाइन में है लेकिन इसे पूरा होने में अभी लंबा समय लगने की बात कही जा रही है।

फैक्ट फाइल

5000 है शहर में चलने वाले कुल ऑटो, टैक्सी और टेंपो की संख्या

100 वाहनों ने ही अब कराया है सीएनजी ईधन के तहत रजिस्ट्रेशन

03 सीएनजी के पंप हैं शहर में, सभी वाहन सीएनजी में कन्वर्ट हुए तो होगा गैस का संकट

जब तक सीएनजी वाहनों की उपलब्धता नहीं हो जाती। प्रशासन को टेंपो-टैक्सी बंद नहीं करना चाहिए। इससे पब्लिक को दिक्कत होगी।

ललिता, गृहणी

प्रशासन को सोच समझकर फैसला लेना चाहिए। किसी की रोजी रोटी को बचाते हुए नए नियम लागू करने चाहिए। इससे तो हजारों लोग सड़क पर आ जाएंगे।

जिम्मी, गृहणी

प्रशासन का फैसला बिल्कुल सही है। सीएनजी वाहनों से प्रदूषण का खतरा कम होगा। लेकिन, उन्हें पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पूरी व्यवस्था कर लेनी चाहिए अन्यथा इस भीषण गर्मी में पब्लिक झेल जाएगी।

हिमांशु, छात्र

लंबे समय से सीएनजी वाहनों की मांग चल रही थी। अब प्रशासन ने फैसला लिया है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। अच्छे बदलाव लाने में थोड़ी दिक्कत का सामना करना ही पड़ता है।

विनोद वर्मा, व्यापारी

बीस जून से डीजल चालित टेंपो-टैक्सी बंद करने के आदेश में कोई बदलाव नहीं किया गया है। व्यवस्था पर मंथन के लिए आरटीए की बैठक बुलाई गई है। इसमें सीएनजी वाहनों की उपलब्धता पर चर्चा होगी।

आशीष कुमार गोयल, कमिश्नर, इलाहाबाद मंडल

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अपना वाहन हो तभी घर से निकलें

प्रशासन ने डीजल वाले वाहनों को शहर में बीस जून से बैन करने का फैसला तो ले लिया है, लेकिन उसकी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में यदि आपके पास अपना वाहन हो तभी बाहर निकलें, वरना परेशान हो सकते हैं, क्योंकि रोड पर आपको वाहन नहीं मिलेंगे।