- जिले के सरकारी अस्पतालों में नहीं पहुंच रहे आयुष्मान योजना के लाभार्थी

- योजना शुरू होने के चार दिन बाद भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स ही पहुंचे 15 मरीज

<- जिले के सरकारी अस्पतालों में नहीं पहुंच रहे आयुष्मान योजना के लाभार्थी

- योजना शुरू होने के चार दिन बाद भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स ही पहुंचे क्भ् मरीज

GORAKHPUR: GORAKHPUR: खुद सीएम के हाथों गोरखपुर में शुरू हुई आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी सरकारी अस्पतालों के प्रति मरीजों का नजरिया नहीं बदल सकी है। हो भी क्यों ना, तमाम कवायदों के बावजूद यहां के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था जो बदहाली से बाहर नहीं आ सकी है। सीएचसी-पीएचसी हो या चाहे जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज, कहीं भी मरीजों को मुकम्मल इलाज मयस्सर नहीं हो पाता है। इसी का नतीजा है कि आयुष्मान योजना के लाभार्थी सरकारी अस्पतालों की जगह चयनित प्राइवेट हॉस्पिटल्स की शरण में जाना ही बेहतर समझ रहे हैं। बीते चार दिनों में योजना के क्भ् लाभार्थी प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इलाज कराने पहुंचे हैं जबकि सरकारी का किसी ने मुंह तक नहीं देखा।

व्यवस्था बदहाल तो क्या मिलेगा इलाज

बता दें, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों से लेकर चयनित प्राइवेट हॉस्पिटल्स में लाभार्थियों के लिए इलाज की व्यवस्था शुरू हो गई है। लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल्स को छोड़ दिया जाए तो यहां के सरकारी अस्पतालों में अभी तक एक भी लाभार्थी का इलाज नहीं हो पाया है। बताते चलें कि योजना के तहत शहर में सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटल मिलाकर कुल ब्7 हॉस्पिटल्स का चयन किया गया है। योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त किया जाना है। लेकिन हालत ये है कि योजना के शुभारंभ होने के बाद अभी तक सरकारी अस्पतालों में एक भी मरीज इलाज के लिए नहीं आए हैं। लाभार्थियों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में जाने पर जांच तक ठीक से नहीं हो पाती, इलाज मिलना तो दूर की बात है।

आरोग्य मित्रों का भी पता नहीं

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का ख्फ् सितंबर को गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ और रांची से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ किया। इस दौरान कई लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड भी दिए गए। सरकारी अस्पताल व प्राइवेट नर्सिग होम में आरोग्य मित्रों की भर्ती का सिलसिला भी जारी हुआ लेकिन हकीकत ये कि अभी भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स में आरोग्य मित्रों की भर्ती नहीं हो पाई है।

सरकारी में सुविधा का अभाव

आयुष्मान योजना में शामिल यहां के अधिकतर सरकारी अस्पतालों में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा नहीं है। सीएचसी पर न तो रेडियोलॉजिस्ट और न ही सर्जन हैं। इसी तरह कुछ सीएचसी पर सीजेरियन तक की व्यवस्था नहीं है। वहीं कुछ जगहों पर आईसीयू नहीं है तो कुछ आईसीयू बगैर विशेषज्ञ के चल रहे हैं। जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज का भी हाल बुरा ही है।

डेटा मैच नहीं होने से हो रहे मायूस

आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों को मुफ्त बेहतर इलाज की सुविधा का दावा करने वाला हेल्थ डिपार्टमेंट अभी भी दावे पर दावे कर रहा है। विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि ख्0क्क् में सर्वे हुआ था। जनगणना में जो भी लाभार्थी चुने गए हैं उन्हें सूची में शामिल किया गया है। लेकिन हकीकत में सूची में नाम नहीं मैच करने से दिक्कतें आ रही हैं। जिसके चलते कई लाभार्थियों को योजना का लाभ पाने के लिए गोल्डेन कार्ड नहीं बन पा रहा है।

जिले में योजना के तहत चयनित अस्पताल

जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

सीएचसी - 9

प्राइवेट हॉस्पिटल - फ्भ्

-प्राइवेट हॉस्पिटल में योजना का लाभ लेने वाले मरीज - क्भ्

-सरकारी अस्पताल में लाभ लेने वाले मरीज - 00

- लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड बनाए गए - भ्7

- ग्रामीण एरियाज में चयनित लाभार्थी - ख्ब्ब्क्700

शहर में चयनित लाभार्थी - ब्म्ख्फ्ब्

वर्जन

आयुष्मान योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी आ रहे हैं। अभी तक करीब क्भ् लोग योजना का लाभ ले चुके हैं। चयनित सरकारी अस्पतालों में भी लाभार्थियों का इलाज उपलब्ध है। योजना में शामिल मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिले इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।

- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ गोरखपुर