- जिला महिला अस्पताल का मामला, परिजनों ने डॉक्टर व स्टाफ पर लगाया धनउगाही का आरोप

- पीडि़त ने सीएम, कमिश्नर, डीएम को लिखा पत्र, मामले की दी जानकारी

GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती को प्राइवेट हॉस्पिटल में भेजे जाने का मामला सामने आया है। परिजनों ने आरोप लगाया कि स्टाफ व आया निजी अस्पताल में भेजने पर जोर देने लगे। इलाज के नाम पर पैसे की भी डिमांड की गई। सूचना पर पहुंची डॉक्टर ने भी मरीज की कंडीशन खराब बताते हुए अपनी पहचान के प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने की सलाह दी। उधर महिला दर्द से कराहती रही लेकिन किसी ने एक न सुनी। मामला गरम होता देख डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। परिजन एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां जच्चा-बच्चा पूरी तरह से ठीक हैं। परिजनों ने इस संबंध में सीएम, कमिश्नर, डीएम और एसआईसी को लिखित पत्र देकर शिकायत कर मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है।

तिवारीपुर एरिया के तकिया कवलदह के रहने वाले मोहम्मद यासीन खान दिव्यांग हैं। 17 नवंबर की रात करीब 8 बजे उनकी गर्भवती पत्नी नगमा के पेट में तेज दर्द उठा। परिजनों ने तत्काल उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती करवाया। आरोप है कि अस्पताल में मौजूद आया और नर्सो ने निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। परिजन रात भर गर्भवती महिला को लेकर इधर से उधर दौड़ते रहे लेकिन कोई भी डॉक्टर उसे देखने तक नहीं आया। दूसरे दिन दिव्यांग अपनी पत्‍‌नी को लेकर अस्पताल में रोता रहा फिर भी किसी को दया नहीं आई। 18 नवंबर की रात एक डॉक्टर आई और गर्भवती को देखने के बाद एक निजी अस्पताल में ले जाने को कहा। यह भी कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल में नाम बताने पर डिस्काउंट भी हो जाएगा।

बॉक्स

रात में ऑपरेशन की नहीं है व्यवस्था

जिला महिला अस्पताल में रात के समय ऑपरेशन की व्यवस्था नहीं है। परजिनों का आरोप है कि डॉक्टर का कहना था कि यदि समय से इलाज नहीं मिला तो जच्चा-बच्चा की जान को खतरा है। दिव्यांग ने डॉक्टर से कहा कि इलाज के लिए पैसे नहीं हैं तो उन्होंने मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर करते हुए कहा कि वहां भी यही हाल होगा। प्राइवेट में दिखा लो, बच्चा काफी कमजोर है और पेट में उल्टा है।

जाना पड़ा प्राइवेट हॉस्पिटल

यासीन के भाई नफीस अहमद का कहना है कि रात 10 बजे एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नगमा को भर्ती करवाया। जहां स्वस्थ बच्चा पैदा हुआ। डॉक्टर ने जो बोला था वह झूठ था। महिला अस्पताल में दलालों का बाजार है। इसमें डॉक्टर के साथ हेल्थ कर्मचारी भी शामिल है। उन्होंने शिकायती पत्र के जरिए सीएम, डीएम, कमिश्नर और अस्पताल प्रशासन को अवगत कराते हुए घटना में शामिल हेल्थ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

वर्जन

इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। यदि मरीज के साथ ऐसा किया गया है तो गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। डीके सोनकर, प्रभारी एसआईसी, जिला महिला अस्पताल