शहर में धारा 144 भी लागू थी। मगर, डीएम, एडीएम, डीआईजी से लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारी सोते रहे। पब्लिक घंटों जाम में फंसी कराहती रही लेकिन उन्हें कुछ पता नहीं चला। आई नेक्स्ट के इस ओर ध्यान दिलाने के बाद भी उनकी नींद नहीं टूटी। 24 घंटे बाद भी न तो मामले में नोटिस सर्व हुई और न लापरवाह अधिकारियों पर एक्शन। डीएम भी मामले में कोई कंक्रीट स्टेप लेने के बजाए मामले को बातों में घुमाते रहे।

आदेश हुए मगर पालन नहीं

ट्यूजडे को जब डीएम से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि बिना परमीशन जुलूस निकाले जाने के मामले पर एडमिनिस्ट्रेशन काफी गंभीर है। शहर में धारा 144 लागू थी। जुलूस के ऑर्गनाइजर्स के खिलाफ नोटिस सर्व करने के आदेश दिए हैं। मगर, सवाल ये है कि अगर प्रशासन वाकई गंभीर होता तो करीब पांच घंटे तक शहर में इस तरह जूलूस कैसे निकलता रहा? डीएम डॉ। हरिओम ने कहा कि नियमों के उल्लंघन पर जुलूस निकालने वालों के खिलाफ धारा-188 के तहत कार्यवाही की जाएगी। अगर आरोपी पक्ष आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो उसके खिलाफ सीएमएम कोर्ट में मुकदमा दायर किया जाएगा. 

क्या करें time ही नहीं मिला

डीएम के आदेशों के बावजूद धारा-144 का उल्लंघन करने वालों को ट्यूजडे को नोटिस सर्व नहीं की जा सकी है। इस बाबत जब एडीएम सिटी शैलेन्द्र कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बड़ा ही हास्यास्पद जवाब दिया। बोले, मॉल रोड स्थित बिल्डिंग में आग लग जाने की वजह से वो वहीं पर व्यस्त थे। नोटिस सर्व कराने का समय ही नहीं मिला। ये रवैया इतना बताने के लिए काफी है कि प्रशासन को शहर की शांति व्यवस्था और पब्लिक की परेशानियों की कितनी फिक्र है।