ट्रेनों को गुजारने में 24 घंटे भी पड़ रहे हैं कम
balaji.kesharwani@inext.co.in ALLAHABAD: उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी पंक्चुअलिटी अभियान चला लें या कोई भी उपाय कर लें, वे मेल, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों को राइट टाइम नहीं चला सकते। पहले से ओवरलोड चल रहे ट्रैक पर मालगाडि़यों को पहली प्राथमिकता देना रेलवे की मजबूरी है। रेलवे बोर्ड द्वारा एनसीआर का माल लदान लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2018-19 में बढ़ाकर 13 मिलीयन टन से 17 मिलीयन टन किया गया है। रेल मंत्रालय से लेकर बोर्ड तक का आदेश है कि मालगाडि़यों का संचालन प्रभावित किए बिना माल लदान बढ़ाया जाए।

हर साल बोर्ड तय करता है लक्ष्य
माल परिवहन ही रेलवे की अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाता है। इसीलिए हर साल रेलवे बोर्ड हर जोन के लिए अलग-अलग माल लदान लक्ष्य निर्धारित करता है। वर्ष 2017-18 एनसीआर का लक्ष्य 13 मीलियन टन था। एनसीआर ने 100 परसेंट से अधिक 13.1 मिलीयन टन माल लदान किया। इस वर्ष लक्ष्य को बढ़ाकर 17 मिलीयन टन कर दिया गया।

अब तक दौड़ रहीं 240 मालगाड़ी
दिल्ली हावड़ा रूट पर वाया इलाहाबाद होते हुए राजधानी, मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व पैसेंजर ट्रेनों को छोड़ कर 240 मालगाड़ी अप और डाउन लाइन पर दौड़ाई जा रही हैं। पैसेंजर ट्रेनों की बात करें तो उनकी भी संख्या 100 से अधिक है। इस प्रकार पर डे करीब 300 से 350 ट्रेनें दिल्ली हावड़ा रूट पर दौड़ रही हैं।

बॉक्स

क्या है लेट होने का गणित
अब ये मान लेते हैं कि 240 मालगाडि़यों को गुजारने में लगते हैं 60 घंटे और 150 पैसेंजर्स ट्रेनों को गुजारने में लगते हैं कुल 25 घंटे। ऐसे में 60 और 25 को जोड़ने पर सामने आते हैं 85 घंटे। तब अब हम कह सकते हैं कि इस समय एनसीआर के परिचालन विभाग पर 24 घंटे के अंदर 85 घंटे का काम करने का टार्गेट है। अब खुद अंदाजा लगाते रहिए कि अधिकारी आखिर किस तरह ट्रेनों की टाइमिंग सुधार सकते हैं।

ट्रेनों की पंक्चुअलिटी सुधारने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। पंद्रह दिन का अभियान चल रहा है। पंद्रह दिन के अंदर पंक्चुअलिटी का असर ट्रेनों पर दिखाई देगा। ये बात सही है कि इस बार एनसीआर के माल लदान का लक्ष्य बढ़ा है। 13 मिलीयन टन से 17 मिलीयन टन हो गया है।

गौरव कृष्ण बंसल

सीपीआरओ, एनसीआर

240

मालगाड़ी दिल्ली-हावड़ा रूट पर परडे अप-डाउन लाइन पर दौड़ रहीं

15

मिनट का समय लेती है एक मालगाड़ी किसी भी स्टेशन में इंट्री करने और आउटर सिग्नल को पार करने में

240

मालगाड़ी को 15 मिनट का समय देने पर इन्हें गुजारने में कुल साठ घंटे लगते हैं जबकि एक दिन में होते हैं कुल 24 घंटे

10

मिनट का समय देने पर भी 240 मालगाड़ी गुजारने में 40 घंटे का समय लगना तय है

150

से अधिक पैसेंजर ट्रेनें दौड़ रही हैं दिल्ली-हावड़ा रूट पर अप और डाउन में

10

मिनट का समय लेती है एक पैसेंजर ट्रेन एक स्टेशन से गुजरने में

150

ट्रेनों को यदि 10 मिनट दिया जाए तो भी इसके लिए कम से कम 25 घंटे का समय देना होगा