Do not avoid, it may be dangerous


बार-बार यूरीन रोकने की आदत हो सकती है खतरनाक

Allahabad: हो सकता है आप वर्क प्लेस पर यूरीन को अवायड करते हों। बॉस या कलीग्स के सामने उठकर टॉयलेट जाना आपको ऑड लगता हो लेकिन ऐसा करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। बार-बार ऐसा होने से आप खतरनाक इंफेक्शन के शिकार हो सकते हैं। डॉक्टर्स की मानें तो प्रजेंट सिनेरियो में यंगस्टर्स की यह हैबिट बनती जा रही है। वह वर्कलोड अधिक होने के दौरान यूरीन रिलीज करने में देरी करते हैं जो आगे चलकर बड़ी प्रॉब्लम बन जाता है. 

तो होंगी एक साथ कई दिक्कतें
बार-बार यूरीन को अनावश्यक रोकना या उसे लंबे समय तक अवॉयड करने से लोग प्रोस्टेटाइटिस शिकार हो जाते हैं। यह बैक्टीरियल या नॉन बैक्टीरियल दोनों हो सकता है। यूरीन रोकने की वजह से यह इंफेक्टेड होकर प्रोस्टेट ग्लैंड में चली जाती है जिससे प्रॉब्लम क्रिएट होने लगती है। आमतौर पर प्रोस्टेट ग्लैंड की प्रॉब्लम 50 साल के बाद होती है और इसमें डॉक्टर्स को सर्जरी करनी पड़ती है, जबकि प्रोस्टेटाइटिस यंगस्टर्स में होने वाली डिजीज है। इसमें सर्जरी की जरूरत नहीं होती लेकिन प्रोस्टेट और प्रोस्टेटाइटिस के लक्षण सेम होते हैं. 

-यूरीन का धीमा और लंबे समय तक होना.
-बार-बार यूरीन होना या उसकी तीव्र इच्छा होना.
-मूत्राशय का ठीक से खाली न होना.
-मूत्राशय का बहुत ज्यादा सेंसेटिव हो जाना.

सोते वक्त नहीं रहता control
डॉक्टर्स बताते हैं कि आधुनिक लाइफ स्टाइल में यूरीन को लंबे समय तक रोकना यंगस्टर्स की हैबिट में शामिल होता जा रहा है। इसकी वजह से प्रोस्टेटाइटिस के पेशेंट्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दिन में तो यंगस्टर्स अपनी मसल्स पॉवर के जरिए यूरीन को रोक लेते हैं लेकिन सोते वक्त कंट्रोल नहीं होने से यही हैबिट बेड वेटिंग का मेन रीजन भी बन जाती है। कई बार पेशेंट बिस्तर गीला होने की शिकायत लेकर चिंतित हो जाते हैं और बाद में उन्हें इसका रीजन बताया जाता है. 

Surgery कर सकती है impotent

समय रहते प्रोस्टेटाइटिस की नॉलेज हो जाने से इसका इलाज संभव है। एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यूरोलॉजिस्ट डॉ। दिलीप चौरसिया ने बताया कि ऐसे मामलों मेें सर्जरी नहीं होती है। अगर ऐसा कराया तो इम्पोटेंट होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। एग्जाम्पल के तौर पर दुबई में जॉब करने वाले एक 30 वर्षीय युवक का वहां के डॉक्टर ने प्रोस्टेटाइटिस होने पर सर्जरी कर दी। ऐसे में सेक्स के दौरान उसका सीमेन आगे जाने के बजाय वापस पेशाब की थैली में जाने लगा. 

50 साल की एज के बाद कई problem
सितंबर मंथ को हर साल प्रोस्टेट डिजीज के अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। डॉ। चौरसिया कहते हैं कि 50 साल की एज के बाद प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाने से कई तरह की दिक्कतें आती हैं। इस एज के 40 परसेंट लोगों में यह डिजीज होने के चांसेज होते हैं, जिनमें से 20 परसेंट की सर्जरी करनी पड़ती है। इलाज में देरी हो जाने से कुल सात परसेंट मामलों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए शुरुआती लक्षणों के दिखने के बाद ही डॉक्टरों से इलाज शुरू कर देना चाहिए. 

Fact file

-24 ऑवर्स में सात से आठ बार यूरीन होना नॉर्मल है.
-पानी पीन के तीन से चार घंटे के बाद यूरीन लगने लगती है.
-एक बार यूरीन रिलीज करने में लगभग 30 सेकंड का टाइम लगता है.
-यूरीन के दौरान जूते गीले हो जाना खतरनाक साइन माना जाता है.
-प्रोस्टेट को इग्नोर करने से किडनी डैमेज हो सकती है.
-यूरीन रिलीज करते समय पेशाब की थैली में 40 सेमी। वाटर प्रेशर होना जरूरी है. 

तो होंगी एक साथ कई दिक्कतें

बार-बार यूरीन को अनावश्यक रोकना या उसे लंबे समय तक अवॉयड करने से लोग प्रोस्टेटाइटिस शिकार हो जाते हैं। यह बैक्टीरियल या नॉन बैक्टीरियल दोनों हो सकता है। यूरीन रोकने की वजह से यह इंफेक्टेड होकर प्रोस्टेट ग्लैंड में चली जाती है जिससे प्रॉब्लम क्रिएट होने लगती है। आमतौर पर प्रोस्टेट ग्लैंड की प्रॉब्लम 50 साल के बाद होती है और इसमें डॉक्टर्स को सर्जरी करनी पड़ती है, जबकि प्रोस्टेटाइटिस यंगस्टर्स में होने वाली डिजीज है। इसमें सर्जरी की जरूरत नहीं होती लेकिन प्रोस्टेट और प्रोस्टेटाइटिस के लक्षण सेम होते हैं. 

-यूरीन का धीमा और लंबे समय तक होना।

-बार-बार यूरीन होना या उसकी तीव्र इच्छा होना।

-मूत्राशय का ठीक से खाली न होना।

-मूत्राशय का बहुत ज्यादा सेंसेटिव हो जाना।

सोते वक्त नहीं रहता control

डॉक्टर्स बताते हैं कि आधुनिक लाइफ स्टाइल में यूरीन को लंबे समय तक रोकना यंगस्टर्स की हैबिट में शामिल होता जा रहा है। इसकी वजह से प्रोस्टेटाइटिस के पेशेंट्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दिन में तो यंगस्टर्स अपनी मसल्स पॉवर के जरिए यूरीन को रोक लेते हैं लेकिन सोते वक्त कंट्रोल नहीं होने से यही हैबिट बेड वेटिंग का मेन रीजन भी बन जाती है। कई बार पेशेंट बिस्तर गीला होने की शिकायत लेकर चिंतित हो जाते हैं और बाद में उन्हें इसका रीजन बताया जाता है. 

Surgery कर सकती है impotent

समय रहते प्रोस्टेटाइटिस की नॉलेज हो जाने से इसका इलाज संभव है। एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यूरोलॉजिस्ट डॉ। दिलीप चौरसिया ने बताया कि ऐसे मामलों मेें सर्जरी नहीं होती है। अगर ऐसा कराया तो इम्पोटेंट होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। एग्जाम्पल के तौर पर दुबई में जॉब करने वाले एक 30 वर्षीय युवक का वहां के डॉक्टर ने प्रोस्टेटाइटिस होने पर सर्जरी कर दी। ऐसे में सेक्स के दौरान उसका सीमेन आगे जाने के बजाय वापस पेशाब की थैली में जाने लगा. 

50 साल की एज के बाद कई problem

सितंबर मंथ को हर साल प्रोस्टेट डिजीज के अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। डॉ। चौरसिया कहते हैं कि 50 साल की एज के बाद प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाने से कई तरह की दिक्कतें आती हैं। इस एज के 40 परसेंट लोगों में यह डिजीज होने के चांसेज होते हैं, जिनमें से 20 परसेंट की सर्जरी करनी पड़ती है। इलाज में देरी हो जाने से कुल सात परसेंट मामलों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए शुरुआती लक्षणों के दिखने के बाद ही डॉक्टरों से इलाज शुरू कर देना चाहिए. 

Fact file

-24 ऑवर्स में सात से आठ बार यूरीन होना नॉर्मल है।

-पानी पीन के तीन से चार घंटे के बाद यूरीन लगने लगती है।

-एक बार यूरीन रिलीज करने में लगभग 30 सेकंड का टाइम लगता है।

-यूरीन के दौरान जूते गीले हो जाना खतरनाक साइन माना जाता है।

-प्रोस्टेट को इग्नोर करने से किडनी डैमेज हो सकती है।

-यूरीन रिलीज करते समय पेशाब की थैली में 40 सेमी। वाटर प्रेशर होना जरूरी है.