रैंिगंग से डरने का नई-हेडिं्रग

Do not be tensed


Allahabad: अगर आप इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले चुके हैं या एडमिशन लेने का वेट कर रहे हैं और आपके मन में भी डर है कि एडमिशन लेते के बाद सिनियर रैगिंग लेंगे तब क्या होगा? तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। एयू एडमिनिस्टे्रशन बस कुछ ही दिनों में एन्टी रैंगिंग सेल कान्स्टीट्यूट कर देगा। यह सेल चौबीस घण्टे किसी भी समय स्टूडेण्ट्स की प्राब्लम को साल्व करने के लिए एक्टिव होगा.

बड़ी घटना हुई थी पिछले साल
लास्ट इयर एयू के एएन झा हास्टल में रैगिंग का बड़ा मामला सामने आया था। मामला नेशनल इश्यू बन गया तो एयू एडमिनिस्ट्रेशन भी प्रेशर में आ गया। रैगिंग की फुटेज मीडिया में लीक होने के चलते ऑफिसर्स ने यूनिवर्सिटी की साख बचाने के लिए तेजी से कार्रवाई करते हुए 10 स्टूडेण्ट को सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा भी कैम्पस और कैम्पस के बाहर कई तरह के इन्सीडेंट हुए। जिससे एयू को शर्मसार होना पड़ा। इस तरह का इन्सीडेंट दोबारा न घटे। इसे लेकर एयू एडमिनिस्ट्रेशन सिरियस है. 

कई दिन तक नहीं करते क्लास 
कॉलेज से निकलकर यूनिवर्सिटी में कदम रखने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स पहले से ही काफी असहज होते हैं। ऐसे में देखने में आता है कि सीनियर्स की ओर से थोड़ा भी डिस्टर्ब किए जाने पर वे इतना सहम जाते हैं कि कई दिनों तक क्लासेस में आते ही नहीं। चूंकि एयू में नए प्रॉक्टर प्रो। आरके उपाध्याय और डीएसडब्ल्यू डॉ। एआर सिद्दकी 19 जुलाई को ही आए हैं। ऐसे में नई प्राक्टोरियल टीम और डीएसडब्ल्यू की टीम कान्स्टीट्यूट की जा रही है। प्राक्टोयिल बोर्ड से ही एन्टी रैंगिंग सेल बनेगा। आर्ट, साइंस, कामर्स, लॉ और वुमेन कॉलेज कैम्पस के लिए डिफरेंट-डिफरेंट सेल होंगे। इस सेल के अलावा डीएसडब्ल्यू की टीम हास्टल्स की निगरानी करेगी. 

Students  को करेंगे aware
एयू में बहुत जल्द जगह-जगह एन्टी रैंगिंग और उसके रूल्स से संबंधित पोस्टर बैनर नजर आएंगे। इसके अलावा स्टूडेण्ट्स की सुविधा के लिए एयू की वेबसाइट www.allduniv.ac.inपर एन्टी रैगिंग सेल के सभी मेम्बर्स के मोबाइल नम्बर आनलाइन किए जाएंगे।     

क्या है रैगिंग
-उकसाना या छेडऩा
-आपराधिक षडयंत्र
-अवैध ढंग से रोकना या धमकी
-उत्पात करना
-शालीनता व नैतिकता भंग करना
-शारीरिक चोट पहुंचाना
-बल प्रयोग या प्रहार करना
-मौन संबंधि अपराध
-अप्राकृतिक अपराध
-बिना अधिकार दूसरे के स्थान पर प्रवेश
-शारीरिक या मानसिक आघात एक्सेक्ट्रा

ये मिलेगी सजा
-क्लास या हास्टल से सस्पेंशन
-स्कालरशिप समेत अन्य लाभ से वंचित करना
-किसी टेस्ट, एग्जाम या अन्य इवैलुएशन प्रासेस से वंचित करना
-रिजल्ट रोकना
-स्टेट, नेशनल या इण्टरनेशन मीट, प्ले या यूथ फेस्टिवल आदि से वंचित करना
-एडमिशन कैंसिल करना
-दोषी की पहचान न होने पर सामूहिक दण्ड एक्सेक्ट्रा
बाक्स
यहां भी कर सकते हैं शिकायत
हॉयर इन्स्टीट्यूशन को डायरेक्शन देने वाली यूनिवर्सिटी ग्रान्ट कमीशन (यूजीसी) भी रैंगिंग के मामले में काफी स्ट्रिक्ट है। यूजीसी ने स्टूडेण्ट्स को रैंगिग से निजात दिलाने के लिए एक एन्टी रैगिंग हेल्पलाइन बनाई है। जिसका नम्बर 1800-180-5522 है। इसके अलावा विक्टिम अपनी कम्प्लेन ईमेल आईडी www.allduniv.ac.in  पर भी कर सकते हैं। यहां से कम्प्लेन पर डायरेक्ट एक्शन लिया जाएगा. 

वीसी का एप्रुवल मिलते ही प्राक्टोयिल बोर्ड का गठन हो जाएगा। नए छात्रों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्हें कोई समस्या है तो सीधे बताएं। सीनियर्स नैतिक आचरण के तहत इंट्रोडक्शन लेते हैं तो इसे एक्सेप्ट करना चाहिए। अनैतिक आचरण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 
प्रो। आरके उपाध्याय, 
चीफ प्राक्टर एयू

डीएसडब्ल्यू की टीम हास्टल्स पर पूरी नजर रखेगी। कहीं कोई प्राब्लम नहीं होने दी जाएगी। सख्ती का ही परिणाम है कि पिछले कई वर्षों में रैंगिंग की घटना में कमी आई है.
डॉ। एआर सिद्दकी, 
डीएसडब्ल्यू एयू  

बड़ी घटना हुई थी पिछले साल

लास्ट इयर एयू के एएन झा हास्टल में रैगिंग का बड़ा मामला सामने आया था। मामला नेशनल इश्यू बन गया तो एयू एडमिनिस्ट्रेशन भी प्रेशर में आ गया। रैगिंग की फुटेज मीडिया में लीक होने के चलते ऑफिसर्स ने यूनिवर्सिटी की साख बचाने के लिए तेजी से कार्रवाई करते हुए 10 स्टूडेण्ट को सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा भी कैम्पस और कैम्पस के बाहर कई तरह के इन्सीडेंट हुए। जिससे एयू को शर्मसार होना पड़ा। इस तरह का इन्सीडेंट दोबारा न घटे। इसे लेकर एयू एडमिनिस्ट्रेशन सिरियस है. 

कई दिन तक नहीं करते क्लास 

कॉलेज से निकलकर यूनिवर्सिटी में कदम रखने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स पहले से ही काफी असहज होते हैं। ऐसे में देखने में आता है कि सीनियर्स की ओर से थोड़ा भी डिस्टर्ब किए जाने पर वे इतना सहम जाते हैं कि कई दिनों तक क्लासेस में आते ही नहीं। चूंकि एयू में नए प्रॉक्टर प्रो। आरके उपाध्याय और डीएसडब्ल्यू डॉ। एआर सिद्दकी 19 जुलाई को ही आए हैं। ऐसे में नई प्राक्टोरियल टीम और डीएसडब्ल्यू की टीम कान्स्टीट्यूट की जा रही है। प्राक्टोयिल बोर्ड से ही एन्टी रैंगिंग सेल बनेगा। आर्ट, साइंस, कामर्स, लॉ और वुमेन कॉलेज कैम्पस के लिए डिफरेंट-डिफरेंट सेल होंगे। इस सेल के अलावा डीएसडब्ल्यू की टीम हास्टल्स की निगरानी करेगी. 

Students  को करेंगे aware

एयू में बहुत जल्द जगह-जगह एन्टी रैंगिंग और उसके रूल्स से संबंधित पोस्टर बैनर नजर आएंगे। इसके अलावा स्टूडेण्ट्स की सुविधा के लिए एयू की वेबसाइट www.allduniv.ac.inपर एन्टी रैगिंग सेल के सभी मेम्बर्स के मोबाइल नम्बर आनलाइन किए जाएंगे।     

क्या है रैगिंग

-उकसाना या छेडऩा

-आपराधिक षडयंत्र

-अवैध ढंग से रोकना या धमकी

-उत्पात करना

-शालीनता व नैतिकता भंग करना

-शारीरिक चोट पहुंचाना

-बल प्रयोग या प्रहार करना

-मौन संबंधि अपराध

-अप्राकृतिक अपराध

-बिना अधिकार दूसरे के स्थान पर प्रवेश

-शारीरिक या मानसिक आघात एक्सेक्ट्रा

ये मिलेगी सजा

-क्लास या हास्टल से सस्पेंशन

-स्कालरशिप समेत अन्य लाभ से वंचित करना

-किसी टेस्ट, एग्जाम या अन्य इवैलुएशन प्रासेस से वंचित करना

-रिजल्ट रोकना

-स्टेट, नेशनल या इण्टरनेशन मीट, प्ले या यूथ फेस्टिवल आदि से वंचित करना

-एडमिशन कैंसिल करना

-दोषी की पहचान न होने पर सामूहिक दण्ड एक्सेक्ट्रा

यहां भी कर सकते हैं शिकायत

हॉयर इन्स्टीट्यूशन को डायरेक्शन देने वाली यूनिवर्सिटी ग्रान्ट कमीशन (यूजीसी) भी रैंगिंग के मामले में काफी स्ट्रिक्ट है। यूजीसी ने स्टूडेण्ट्स को रैंगिग से निजात दिलाने के लिए एक एन्टी रैगिंग हेल्पलाइन बनाई है। जिसका नम्बर 1800-180-5522 है। इसके अलावा विक्टिम अपनी कम्प्लेन ईमेल आईडी www.allduniv.ac.in  पर भी कर सकते हैं। यहां से कम्प्लेन पर डायरेक्ट एक्शन लिया जाएगा. 

वीसी का एप्रुवल मिलते ही प्राक्टोयिल बोर्ड का गठन हो जाएगा। नए छात्रों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्हें कोई समस्या है तो सीधे बताएं। सीनियर्स नैतिक आचरण के तहत इंट्रोडक्शन लेते हैं तो इसे एक्सेप्ट करना चाहिए। अनैतिक आचरण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

प्रो। आरके उपाध्याय, 

चीफ प्राक्टर एयू

डीएसडब्ल्यू की टीम हास्टल्स पर पूरी नजर रखेगी। कहीं कोई प्राब्लम नहीं होने दी जाएगी। सख्ती का ही परिणाम है कि पिछले कई वर्षों में रैंगिंग की घटना में कमी आई है।

डॉ। एआर सिद्दकी, 

डीएसडब्ल्यू एयू