गर्मियों में आपकी सेहत बिगाड़ सकती है एक्सपायरी डेट की आइसक्रीम

बाजार में बिक रही एक्सपायर्ड आइसक्रीम

नापतौल विभाग ने शुरु की चेकिंग

Meerut। गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम आपकी सेहत को बिगाड़ सकती है.दरअसल, नापतौल विभाग को मिली शिकायतों के अनुसार शहर में ब्रांडेड कंपनियों की एक्सपायर्ड डेट की आइसक्रीम बिक रही है। कंपनियां के पिछले साल के स्टॉक को क्लीयर करने के लिए होलसेलर पुरानी आइसक्रीम के स्टॉक पर दुकानदारों को ऑफर देकर माल दे रहे हैं।

होलसेलर से दुकानदारों को स्टॉक नो रिपलेसमेंट की शर्त पर मिलता है।

ऐसे में दुकानदार अपने स्टॉक को बेचने की फिराक में रहते हैं ।

गर्मियों में होलसेलर के पास नए माल की डिलीवर शुरु हो जाती है।

ऐसे में वे पुराने स्टॉक को दुकानदारों को डिस्कांउट ऑफर देते हैं।

दुकानदार की प्रॉफिट के चक्कर में एक्सपायर्ड डेट की आइसक्रीम बेचते हैं।

आइसक्रीम पर कंपनियां 6 माह से एक साल तक की एक्सपायरी डेट देती हैं।

आइसक्रीम पर कंपनी द्वारा पैकिंग डेट लिखी होती है, जो एक साल तक मान्य होती है।

दुकानदार आइसक्रीम पर लिखी डेट को बर्फ जमाकर छुपा देते हैं।

ग्राहक भी आइसक्रीम की एक्सपायरी डेट पर ध्यान नहीं देते हैं।

दुकानदार कहते हैं कि आइसक्रीम को बर्फ में रखने से वो खराब नही होती है।

जबकि बर्फ का प्रयोग सिर्फ आइसक्रीम के शेप को बरकरार रखने में किया जाता है।

आइसक्रीम का स्वाद व रंग बनाने में जो आर्टिफिशियल फ्लेवर प्रयोग किए जाते हैं वह निश्चित अवधि के बाद खराब हो जाते हैं।

हो सकता है डायरिया

सीनियर फिजीशियन डॉ। विश्वजीत बैंबी ने बताया कि आइसक्रीम को आर्टिफिशयल फ्लेवर व कलर से तैयार किया जाता है। ऐसे में एक निश्चित अवधि के बाद आइसक्रीम इंफ्ेक्शन की आशंका को बढ़ा देती है। एक्सपायर आइसक्रीम खाने से फूड पाइजनिंग, लूज मोशन, आंतों में इंफेक्शन, डायरिया यहां तक की पीलिया भी हो सकता है।

लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि आइसक्रीम पर पैकिंग डेट प्रिंट नही है और एक्सपायर्ड है। इन शिकायतों की जांच और पुराने स्टॉक की धरपकड़ के लिए नापतौल विभाग ने अभियान शुरु किया है। ब्रांडेड कंपनियों से लेकर लोकल ब्रांड चेक किए जा रहे है।

आर। के विक्रम, नापतौल इंस्पेक्टर