7th April को हुआ था entrance
जेईई मेन का पेन और पेपर टेस्ट 7 अप्रैल को कंडक्ट कराया गया था। वैसे तो इलाहाबाद के हजारों स्टूडेंट्स ने इसमें पार्टिसिपेट किया था लेकिन इसका सिटी में इसका सिर्फ एक सेंटर बनाया गया था। यहां भी बीटेक करने की इच्छा रखने वालों के लिए कोइई आप्शन नहीं था। उन्हें इस एग्जाम में एपीयर होने के लिए दूसरे जनपदों का सफर करना पड़ा था। एग्जाम में एपीयर होने वाले स्टूडेंट्स को ओएमआरशीट की कॉर्बन कॉपी घर ले जाने के लिए दी गई थी। देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजेज में एडमीशन के लिए जेईई मेन कंडक्ट कराया जाता है। इसमें क्वालीफाई करने वाले टॉप डेढ़ लाख स्टूडेंट्स को जेईई मेन एडवांस में बैठने का अवसर दिया जाएगा। जिसके जरिए वे आईआईटी में एडमीशन के लिए क्वालीफाई करेंगे.

2 मई तक है आपके पास मौका
बोर्ड ने देश भर में अपीयर होने वाले सभी स्टूडेंट्स की ओएमआरशीट को स्कैन कर ट्यूजडे को ऑनलाइन कर दिया है। स्टूडेंट्स के लिए यह सुविधा 2 मई तक अवेलेबल रहेगी। स्टूडेंट्स एप्लीकेशन नम्बर, रोल नम्बर, डेट ऑफ बर्थ और दिए गए सिक्योरिटी पिन को फिल करके लॉगिन कर अपनी ओएमआर व आंसर शीट देख सकते हैं। स्टूडेंट्स कॉबर्न कॉपी में किए गए मार्क का मिलान ऑनलाइन दिए गए स्कैन कॉपी के साथ कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर कोई गलती होती है तो बोर्ड को चैलेंज भी कर सकते हैं.

इन कंडीशन में होगा चैलेंज
एग्जाम के टाइम पर स्टूडेंट को ओएमआरशीट की कॉर्बन कॉपी अवेलेबल कराई गई थी। इसमें उनके आंसर का मार्क प्रिंट था। यदि उनके कॉर्बन कॉपी में दिया गया मार्क स्कैन कॉपी में दिए गए मार्क से डिफर करता है तो ही इन कंडीशन में स्टूडेंट्स बोर्ड को चैलेंज कर सकते हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स को हर चैलेंज के लिए 500 रुपए का बैंक ड्राफ्ट जमा कराना होगा। ड्राफ्ट सेक्रेट्री सीबीएसई, दिल्ली के नाम देय होगा। यदि स्टूडेंट्स का चैलेंज सही पाया जाता है तो उनके ड्राफ्ट रिफंड कर दिए जाएंगे। स्टूडेंट्स को 4 मई तक स्पीड पोस्ट के द्वारा बोर्ड में अपना चैलेंज दाखिल कर सकते हैं.

Online टेस्ट वाले भी देख सकेंगे
जिन स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन इंट्रेंस टेस्ट दिया है उनके लिए भी यह सुविधा प्रदान की गई है। ऑनलाइन टेस्ट के बाद उनके आंसर की डुप्लीकेट कॉपी स्टूडेंट्स को ईमेल द्वारा भेज दी गई थी। इसी कॉपी का मिलान वे ऑनलाइन कर सकते हैं। उनके पास भी कोई आब्जेक्शन है तो वही नाम्र्स फॉलो करने होंगे जो बाकी स्टूडेंट्स के लिए एप्लीकेबल हैं.

रोल नम्बर सबमिट करना जरूरी
बोर्ड ने यह सख्त निर्देश जारी किया है जिन स्टूडेंट्स ने अभी तक अपने इंटर बोर्ड का रोल नम्बर रजिस्टर्ड नहीं कराया है उसेहर हाल में रजिस्टर करा दें। 2 मई तक वे अपना रोल नम्बर रजिस्टर्ड करा सकते हैं। तभी वे ऑनलाइन ओएमआरशीट देख सकते हैं। बोर्ड ने यह साफ कह दिया है कि रोल नम्बर रजिस्टर्ड न कराने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोक दिया जाएगा.

For your information
-यूजीसी नेट आंसरशीट पहले जारी करके सात दिनों में कैंडीडेट्स से फीडबैक लेता है
-यूपीआरटीओयू अपने रेग्युलर एग्जाम का नंबर जारी करके स्टूडेंट्स से करेक्शन के लिए आवेदन मांगता है ताकि मार्कशीट में कोई प्राब्लम न हो
-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी क्रेट एग्जाम की आंसरशीट जारी करके कैंडीडेट्स का फीडबैक लेता है
-टीईटी और सीईटी में भी हो चुका है एक्सपेरीमेंट। कैंडीडेट्स के फीडबैक पर बदले गए थे कई आंसर
-एसएससी और यूपीएससी भी अब इस फॉर्मेट को फॉलो करने लगे हैं

आंसरशीट पहले जारी का मकसद यह है कि रिजल्ट को लेकर ट्रांसपेरेंसी बनी रहे। किसी सवाल पर किसी कैंडीडेट को कोई आब्जेक्शन है तो वह उसे बता सके। इससे फाइनल रिजल्ट जारी करने के समय कोई दिक्कत पेश नहीं आती है और ऑर्गनाइजिंग बॉडी पर भी कोई आरोप नहीं लगता। उसे कोर्ट केस के चक्कर में नहीं फंसना पड़ता.
जेपी गर्ग
रिजनल डायरेक्टर, एसएससी

सीबीएसई की यह पहल स्वागत योग्य है। इससे कैंडीडेट्स को पहले ही पता चल जाएगा कि वह किस पोजीशन पर खड़ा है। एक फायदा और यह है कि वह किसी क्वैश्चन पर अपना आब्जेक्शन भी दर्ज करा सकता है.
सुजीत सिंह,केमिका प्वाइंट

आंसरशीट पहले जारी कर दिए जाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रिजल्ट पर कोई सवाल खड़ा नहीं होगा। स्टूडेंट्स अपने पास मौजूद ओएमआर शीट की कार्बन कापी से अपने आंसर का मिलान कर सकते हैं और पूरी तरह से संतुष्ट भी सकते हैं.
सीपी शर्मा, सीपी शर्मा क्लासेज

7th April को हुआ था entrance

जेईई मेन का पेन और पेपर टेस्ट 7 अप्रैल को कंडक्ट कराया गया था। वैसे तो इलाहाबाद के हजारों स्टूडेंट्स ने इसमें पार्टिसिपेट किया था लेकिन इसका सिटी में इसका सिर्फ एक सेंटर बनाया गया था। यहां भी बीटेक करने की इच्छा रखने वालों के लिए कोइई आप्शन नहीं था। उन्हें इस एग्जाम में एपीयर होने के लिए दूसरे जनपदों का सफर करना पड़ा था। एग्जाम में एपीयर होने वाले स्टूडेंट्स को ओएमआरशीट की कॉर्बन कॉपी घर ले जाने के लिए दी गई थी। देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजेज में एडमीशन के लिए जेईई मेन कंडक्ट कराया जाता है। इसमें क्वालीफाई करने वाले टॉप डेढ़ लाख स्टूडेंट्स को जेईई मेन एडवांस में बैठने का अवसर दिया जाएगा। जिसके जरिए वे आईआईटी में एडमीशन के लिए क्वालीफाई करेंगे।

2 मई तक है आपके पास मौका

बोर्ड ने देश भर में अपीयर होने वाले सभी स्टूडेंट्स की ओएमआरशीट को स्कैन कर ट्यूजडे को ऑनलाइन कर दिया है। स्टूडेंट्स के लिए यह सुविधा 2 मई तक अवेलेबल रहेगी। स्टूडेंट्स एप्लीकेशन नम्बर, रोल नम्बर, डेट ऑफ बर्थ और दिए गए सिक्योरिटी पिन को फिल करके लॉगिन कर अपनी ओएमआर व आंसर शीट देख सकते हैं। स्टूडेंट्स कॉबर्न कॉपी में किए गए मार्क का मिलान ऑनलाइन दिए गए स्कैन कॉपी के साथ कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर कोई गलती होती है तो बोर्ड को चैलेंज भी कर सकते हैं।

इन कंडीशन में होगा चैलेंज

एग्जाम के टाइम पर स्टूडेंट को ओएमआरशीट की कॉर्बन कॉपी अवेलेबल कराई गई थी। इसमें उनके आंसर का मार्क प्रिंट था। यदि उनके कॉर्बन कॉपी में दिया गया मार्क स्कैन कॉपी में दिए गए मार्क से डिफर करता है तो ही इन कंडीशन में स्टूडेंट्स बोर्ड को चैलेंज कर सकते हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स को हर चैलेंज के लिए 500 रुपए का बैंक ड्राफ्ट जमा कराना होगा। ड्राफ्ट सेक्रेट्री सीबीएसई, दिल्ली के नाम देय होगा। यदि स्टूडेंट्स का चैलेंज सही पाया जाता है तो उनके ड्राफ्ट रिफंड कर दिए जाएंगे। स्टूडेंट्स को 4 मई तक स्पीड पोस्ट के द्वारा बोर्ड में अपना चैलेंज दाखिल कर सकते हैं।

Online टेस्ट वाले भी देख सकेंगे

जिन स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन इंट्रेंस टेस्ट दिया है उनके लिए भी यह सुविधा प्रदान की गई है। ऑनलाइन टेस्ट के बाद उनके आंसर की डुप्लीकेट कॉपी स्टूडेंट्स को ईमेल द्वारा भेज दी गई थी। इसी कॉपी का मिलान वे ऑनलाइन कर सकते हैं। उनके पास भी कोई आब्जेक्शन है तो वही नाम्र्स फॉलो करने होंगे जो बाकी स्टूडेंट्स के लिए एप्लीकेबल हैं।

रोल नम्बर सबमिट करना जरूरी

बोर्ड ने यह सख्त निर्देश जारी किया है जिन स्टूडेंट्स ने अभी तक अपने इंटर बोर्ड का रोल नम्बर रजिस्टर्ड नहीं कराया है उसेहर हाल में रजिस्टर करा दें। 2 मई तक वे अपना रोल नम्बर रजिस्टर्ड करा सकते हैं। तभी वे ऑनलाइन ओएमआरशीट देख सकते हैं। बोर्ड ने यह साफ कह दिया है कि रोल नम्बर रजिस्टर्ड न कराने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोक दिया जाएगा।

For your information

-यूजीसी नेट आंसरशीट पहले जारी करके सात दिनों में कैंडीडेट्स से फीडबैक लेता है

-यूपीआरटीओयू अपने रेग्युलर एग्जाम का नंबर जारी करके स्टूडेंट्स से करेक्शन के लिए आवेदन मांगता है ताकि मार्कशीट में कोई प्राब्लम न हो

-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी क्रेट एग्जाम की आंसरशीट जारी करके कैंडीडेट्स का फीडबैक लेता है

-टीईटी और सीईटी में भी हो चुका है एक्सपेरीमेंट। कैंडीडेट्स के फीडबैक पर बदले गए थे कई आंसर

-एसएससी और यूपीएससी भी अब इस फॉर्मेट को फॉलो करने लगे हैं

आंसरशीट पहले जारी का मकसद यह है कि रिजल्ट को लेकर ट्रांसपेरेंसी बनी रहे। किसी सवाल पर किसी कैंडीडेट को कोई आब्जेक्शन है तो वह उसे बता सके। इससे फाइनल रिजल्ट जारी करने के समय कोई दिक्कत पेश नहीं आती है और ऑर्गनाइजिंग बॉडी पर भी कोई आरोप नहीं लगता। उसे कोर्ट केस के चक्कर में नहीं फंसना पड़ता।

जेपी गर्ग रिजनल डायरेक्टर, एसएससी

सीबीएसई की यह पहल स्वागत योग्य है। इससे कैंडीडेट्स को पहले ही पता चल जाएगा कि वह किस पोजीशन पर खड़ा है। एक फायदा और यह है कि वह किसी क्वैश्चन पर अपना आब्जेक्शन भी दर्ज करा सकता है।

सुजीत सिंह,केमिका प्वाइंट

आंसरशीट पहले जारी कर दिए जाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रिजल्ट पर कोई सवाल खड़ा नहीं होगा। स्टूडेंट्स अपने पास मौजूद ओएमआर शीट की कार्बन कापी से अपने आंसर का मिलान कर सकते हैं और पूरी तरह से संतुष्ट भी सकते हैं।

सीपी शर्मा, सीपी शर्मा क्लासेज

Report by-Ajit Shukla