हालात सामान्य, माहौल में दहशत

Do not worry we will come back


Allahabad: ट्यूजडे को भगवान विश्वकर्मा की जयंती के बहाने स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए थे। इससे रोड पर ट्रैफिक कम था लेकिन चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती ने माहौल में खौफ भर दिया था। अनहोनी की आशंका के चलते पुलिस व प्रशासनिक ऑफिसर्स की धड़कनें भी तेज थींं। प्रशासन और पुलिस की यह तैयारी थी आरक्षण महापंचायत को कुचलने के लिए। इसके बाद भी आयोजक और उसके समर्थक घरों से निकले। जुलूस निकालने की कोशिश की। अलग बात है कि वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए और गिरफ्तार कर लिए गए। लेकिन, इससे उनके तेवर पर कोई असर नहीं पड़ा. 

Airport पर बंधक बनाए गए leaders

महापंचायत न होने पाए, इसके लिए पुलिस ने खास तैयारी की थी। ट्यूजडे मार्निंग बमरौली एयरपोर्ट पर पुलिस नेताओं को अरेस्ट करने के लिए मौजूद थी। बाहर से आ रहे लीडर उदितराज को एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने दिया गया। उन्हें रोकने के लिए एसपी ट्रैफिक को लगाया गया था। पुलिस ने उन्हें साफ कह दिया कि वे शहर में एंट्री नहीं कर पाएंगे। उन्हें अगली फ्लाइट से मुम्बई भेज दिया गया.
 
बालसन चौराहे तैनात रहे एसपी सिटी
वैसे तो महापंचायत के लिए आरक्षण समर्थकों ने केपी इंटर कालेज ग्राउंड सेलेक्ट किया था। लेकिन, पुलिस ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया। प्रशासन ने महापंचायत की इजाजत नहीं दी और दूसरी ओर गेट पर बैरीकेडिंग करके पुलिस तैनात कर दी गई ताकि कोई वहां तक पहुंच न सके। शहर के प्रमुख चौराहों पर पुलिस ऑफिसर को लगा दिया गया। ऐसे में आरक्षण समर्थकों का सेंटर प्वाइंट बना बालसन चौराहा। जहां पर मॉब कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदारी एसपी सिटी शैलेष यादव को दी गई थी. 

नारेबाजी के साथ दी गिरफ्तारी 
सुबह से ही पुलिस जगह-जगह एक्टिव दिखी। नारेबाजी करने वालों की पकड़-धकड़ में जुट गई। पुलिस लाइंस में ही पकड़े गए छात्रों के लिए अस्थायी जेल बनाया गया था। उनकी अरेस्टिंग के लिए कई बसें लगा दी गई थीं। धीरे-धीरे शहर के हर तरफ से छात्रों का ग्रुप बालसन चौराहे पर पहुंचने लगा। रूलिंग पार्टी के खिलाफ छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। पोस्टर और बैनर के साथ पहुंचे छात्रों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी की। फिर उन्हें अपनी गिरफ्तारी खुद ही देनी शुरू कर दी। पुलिस उन्हें बस में बैठाकर पुलिस लाइंस अस्थायी जेल पहुंचाती रही। यह क्रम शाम तक चलता रहा। प्रशासन ने खास एहतियात बरतते हुए जंक्शन और रामबाग के बाहर भी फोर्स लगा रखी थी। ताकि बाहर से छात्र पहुंचेंं तो उन्हें वहीं अरेस्ट कर लिया जाए। रामबाग और झूंसी स्टेशन के बाहर पुलिस ने कुछ छात्रों को अरेस्ट किया। शहर में बालसन चौराहे के अलावा लल्ला चुंगी और अल्लापुर एरिया में छात्रों ने थोड़ा हंगामा किया. 

पुलिस लाइंस में जताया विरोध
देखते ही देखते हजारों की संख्या में छात्र पुलिस लाइंस पहुंचने लगे। वहां वो पुलिस और रूलिंग पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सेटिंग करके छात्रों ने अपने पास लाउड हेलर मंगा लिया, जिसकी मदद से एक-दूसरे को संबोधित करके अपना विरोध जताते रहे. 

दिखा लोगों में खौफ 
इस महापंचायत का खौफ पब्लिक और व्यापारियों में साफ दिखा। बालसन चौराहे पर छात्रों का हंगामा और विरोध प्रदर्शन देखकर आसपास के दुकानदारों ने अपने शॉप के शटर गिरा लिए। यहां तक की चाय की दुकानें भी नहीं खुलीं। हां केवल वहां पर ठेलिया वाले लगे रहे। कुछ यही स्थिति लल्ला चुंगी पर भी थी। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छात्रों के मॉब को देखते हुए आईजी को भी मैदान में उतरना पड़ा। आईजी एलवी एंटनी देवनागर पुलिस टीम के साथ शहर की मॉनिटरिंग करने में लगे रहे। एसएसपी उमेश श्रीवास्तव और डीएम राजशेखर एक ही गाड़ी से साथ-साथ घूमते नजर आ आए. 

पुलिस एलर्ट थी। सिक्योरिटी परपज से 14 सेक्टर में पूरे एरिया को बांटा गया था। पुलिस ने महापंचायत को नहीं होने दिया। शान्ति भंग की आशंका में 540 छात्रों को पकड़ा था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया. 
उमेश कुमार श्रीवास्तव 
एसएसपी 

Airport पर बंधक बनाए गए leaders

महापंचायत न होने पाए, इसके लिए पुलिस ने खास तैयारी की थी। ट्यूजडे मार्निंग बमरौली एयरपोर्ट पर पुलिस नेताओं को अरेस्ट करने के लिए मौजूद थी। बाहर से आ रहे लीडर उदितराज को एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने दिया गया। उन्हें रोकने के लिए एसपी ट्रैफिक को लगाया गया था। पुलिस ने उन्हें साफ कह दिया कि वे शहर में एंट्री नहीं कर पाएंगे। उन्हें अगली फ्लाइट से मुम्बई भेज दिया गया।

 बालसन चौराहे तैनात रहे एसपी सिटी

वैसे तो महापंचायत के लिए आरक्षण समर्थकों ने केपी इंटर कालेज ग्राउंड सेलेक्ट किया था। लेकिन, पुलिस ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया। प्रशासन ने महापंचायत की इजाजत नहीं दी और दूसरी ओर गेट पर बैरीकेडिंग करके पुलिस तैनात कर दी गई ताकि कोई वहां तक पहुंच न सके। शहर के प्रमुख चौराहों पर पुलिस ऑफिसर को लगा दिया गया। ऐसे में आरक्षण समर्थकों का सेंटर प्वाइंट बना बालसन चौराहा। जहां पर मॉब कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदारी एसपी सिटी शैलेष यादव को दी गई थी. 

नारेबाजी के साथ दी गिरफ्तारी 

सुबह से ही पुलिस जगह-जगह एक्टिव दिखी। नारेबाजी करने वालों की पकड़-धकड़ में जुट गई। पुलिस लाइंस में ही पकड़े गए छात्रों के लिए अस्थायी जेल बनाया गया था। उनकी अरेस्टिंग के लिए कई बसें लगा दी गई थीं। धीरे-धीरे शहर के हर तरफ से छात्रों का ग्रुप बालसन चौराहे पर पहुंचने लगा। रूलिंग पार्टी के खिलाफ छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। पोस्टर और बैनर के साथ पहुंचे छात्रों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी की। फिर उन्हें अपनी गिरफ्तारी खुद ही देनी शुरू कर दी। पुलिस उन्हें बस में बैठाकर पुलिस लाइंस अस्थायी जेल पहुंचाती रही। यह क्रम शाम तक चलता रहा। प्रशासन ने खास एहतियात बरतते हुए जंक्शन और रामबाग के बाहर भी फोर्स लगा रखी थी। ताकि बाहर से छात्र पहुंचेंं तो उन्हें वहीं अरेस्ट कर लिया जाए। रामबाग और झूंसी स्टेशन के बाहर पुलिस ने कुछ छात्रों को अरेस्ट किया। शहर में बालसन चौराहे के अलावा लल्ला चुंगी और अल्लापुर एरिया में छात्रों ने थोड़ा हंगामा किया. 

पुलिस लाइंस में जताया विरोध

देखते ही देखते हजारों की संख्या में छात्र पुलिस लाइंस पहुंचने लगे। वहां वो पुलिस और रूलिंग पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सेटिंग करके छात्रों ने अपने पास लाउड हेलर मंगा लिया, जिसकी मदद से एक-दूसरे को संबोधित करके अपना विरोध जताते रहे. 

दिखा लोगों में खौफ 

इस महापंचायत का खौफ पब्लिक और व्यापारियों में साफ दिखा। बालसन चौराहे पर छात्रों का हंगामा और विरोध प्रदर्शन देखकर आसपास के दुकानदारों ने अपने शॉप के शटर गिरा लिए। यहां तक की चाय की दुकानें भी नहीं खुलीं। हां केवल वहां पर ठेलिया वाले लगे रहे। कुछ यही स्थिति लल्ला चुंगी पर भी थी। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छात्रों के मॉब को देखते हुए आईजी को भी मैदान में उतरना पड़ा। आईजी एलवी एंटनी देवनागर पुलिस टीम के साथ शहर की मॉनिटरिंग करने में लगे रहे। एसएसपी उमेश श्रीवास्तव और डीएम राजशेखर एक ही गाड़ी से साथ-साथ घूमते नजर आ आए. 

पुलिस एलर्ट थी। सिक्योरिटी परपज से 14 सेक्टर में पूरे एरिया को बांटा गया था। पुलिस ने महापंचायत को नहीं होने दिया। शान्ति भंग की आशंका में 540 छात्रों को पकड़ा था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया. 

उमेश कुमार श्रीवास्तव 

एसएसपी