-बरेली आए थे चार हाथी, बीमार होने पर एक हाथी मीरगंज में ही रोका गया

-कानपुर चिडि़याघर से बुलाए गए विशेषज्ञ चिकित्सक, चल रहा इलाज

बरेली : 11 जुलाई से मीरगंज के गांव परचई स्थित परिषदीय विद्यालय परिसर में जमे दुधवा के तीन हाथी मंगलवार दोपहर रामपुर भेज दिए गए। इन्हें जिले में दाखिल हुए नेपाली हाथियों को नियंत्रित करने के लिए बुलाया गया था, जो अब रामपुर जिले की सीमा में दाखिल हो चुके हैं। दुधवा से चार प्रशिक्षित हाथी बुलाए गए थे। एक हाथी को बीमार होने पर यहीं रोका गया है।

बीमार हुए हाथी ने सोमवार को गुस्से में आकर अपने ही महावत व चारा कटर को पटक दिया था। दुधवा से आई डॉक्टरों की टीम भी जब बीमार हाथी को ठीक नहीं कर सकी। तब सोमवार को उसे ट्रैंकुलाइज किया गया। देर रात बीमार हाथी को गांव से हटाकर फतेहगंज पश्चिमी स्थित रबर फैक्ट्री के जंगल में जंजीरों से बांध दिया गया। जबकि उसके साथ आए अन्य तीनों हाथियों को वाहन पर लादकर रामपुर के रठौंडा गांव भेज दिया। नेपाली हाथी इस समय उसी क्षेत्र में हैं। वहां एक साइकिल सवार को मौत के घाट भी उतार चुके हैं।

इलाज में लगे दुधवा, कानपुर के डॉक्टर

बीमार हाथी के इलाज के लिए कानपुर चिडि़याघर से आए डॉ। आरके सिंह ने उसका परीक्षण किया। बताया कि दिमाग में गर्मी चढ़ जाने से बीमार है। दुधवा से आए डॉ। दयाशंकर भी नियमित रूटीन चेकअप कर रहे हैं। उसे पीपल के पत्ते खिलाए जा रहे हैं। हाथी को पूरी तरह ठीक होने में एक माह का समय लगेगा। तब तक हाथी यहीं रहेगा। महावत ब्रह्मदिन, शफीक, रमौतार, चारा कटर राजपाल भी टीम के साथ लगे हैं।