- पुरकुल गांव से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक बनेगा क्लॉकवाइज रोपवे

- फैंच-इंडियन कंपनी का ज्वॉइंट वेंचर, 30 वर्ष तक पीपीपी मोड पर होगा संचालन

- 285 करोड़ रुपए होंगे खर्च, फॉरेस्ट क्लियरेंस के बाद कंस्ट्रक्शन होगा शुरू

देहरादून, 4 दिन पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दून से मसूरी तक बनने वाले जिस मोस्टअवेटेड रोप-वे की आधारशिला रखी, वह रोपवे कई मामलों खास है। यह उत्तराखंड में बनने वाला सबसे लंबा रोपवे तो होगा ही, लंबाई के मामले में व‌र्ल्ड का पांचवा रोपवे भी होगा। और क्या-क्या होगा इस रोपवे में खास आइये आपको बताते हैं।

फ्रैंच-इंडियन कंपनी का ज्वॉइंट वेंचर

दून टू मसूरी रोपवे का निर्माण फ्रैंच कंपनी पोमा व इंडियन कंपनी एफआईएल ज्वॉइंटली करेंगी। प्रोजेक्ट की लागत करीब 285 करोड़ रुपए आंकी गई है। प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस लेनी होगी, जिसमें कम से कम माह का वक्त लगेगा।

लंबे समय से चल रही थी कसरत

शुरुआत में पुरुकुल से मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट, हाथीपांव तक रोपवे का प्लान किया गया था। जिसकी लंबाई 14.7 किमी तय थी। प्रोजेक्ट को फॉरेस्ट क्लियरेंस भी मिल गई थी, लेकिन प्रोजेक्ट लंबा होने के चलते किसी भी कंपनी ने इसके निर्माण में इंटरेस्ट नहीं दिखाया। बाद में रोपवे की लंबाई कम करते हुए पुरकुल गांव से मसूरी तक 5.58 किमी रोपवे को मंजूरी दी गई।

4 बार हुई बिडिंग

साढ़े पांच किलोमीटर रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 4 बार बिडिंग हुई। देश-विदेश की सीमित बिल्डर कंपनीज ने ही इसमें इंटरेस्ट दिखाया। फिलहाल इंडिया की एफआईएल इंडस्ट्रीज व फ्रांस की पोमा कंपनी को प्रोजेक्ट के लिए फाइनली सिलेक्ट किया गया है। कैबिनेट और पर्यटन मंत्री द्वारा इस पर मुहर लगाई गई।

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30 वर्ष की लीज, 16 परसेंट प्रॉफिट

दून टू मसूरी रोपवे का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप बेस्ड होगा। दोनों कंपनियां प्रोजेक्ट को 30 वर्ष तक रन करेंगी। बदले में सरकार को प्रॉफिट का 16 परसेंट कंपनीज को देना होगा।

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क्लॉकवाइज होगा रोपवे संचालन

- 285 करोड़ रुपए होंगे प्रोजेक्ट पर खर्च।

- 11 मिनट लगेंगे पुरकुल से मसूरी पहुंचने में।

- 23 टावर लगाए जाएंगे रोपवे के लिए।

- 30 परसेंट तक ट्रैफिक लोड हो जाएगा मसूरी रोड पर कम।

-1500 गाडि़यों की पार्किग व्यवस्था होगी पुरुकुल में।

- 500 वाहनों की पार्किग बनेगी मसूरी एंड पर।