-मरीजों को प्रॉब्लम न समझें डॉक्टर

-मरीजों का विश्वास जीतने का करें प्रयास

LUCKNOW: बरेली से आए डॉ। बृजेश्वर सिंह ने शनिवार को केजीएमयू के फैकल्टी मेंबर्स को मानवता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि मरीज को प्रॉब्लम न समझें, उसका आत्मीयता के साथ इलाज करें। आर्थोपेडिक सर्जन और श्री सिद्धि विनायक अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ। बृजेश्वर सिंह ने 'पुटिंग ह्यूमेनिटी एंड ह्यूमेनिटीज बैक टू मेडिसिन' विषय पर फैकल्टी मेंबर्स को संबोधित किया और बेहतर डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित किया।

मरीजों का विश्वास जीतने का करें प्रयास

केजीएमयू से 1986 बैच से एमबीबीएस करने वाले डॉ। बृजेश्वर सिंह ने अपनी 'इन एंड ऑउट ऑफ थिएटर्स' नामक किताब के बारे में भी जिक्र किया। इसमें उन्होंने अपने चिकित्सकीय जीवन के अनुभव 31 कहानियों के रूप में साझा किए हैं। डॉक्टर्स और स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मरीजों का डॉक्टर के प्रति खत्म होता विश्वास चिंता का विषय है। डॉक्टर मरीजों को एक प्रॉब्लम की तरह देखते हैं। मरीज भी उन्हें परफेक्ट मानते हुए उनसे गलती की उम्मीद नहीं करते। मरीज अगर ये मानें कि डॉक्टर कोई भगवान नहीं एक इंसान ही हैं और मरीजों को सर्वश्रेष्ठ इलाज करता है, लेकिन उसके बाद भी मरीज की मौत हो सकती है और डॉक्टर भी अपने मरीज को प्रॉब्लम न समझें। उसके साथ आत्मीय संबंध स्थापित कर उसका विश्वास जीतने की कोशिश करें तो दोनों के बीच एक सकारात्मक संबंध स्थापित हो सकता है।

कर्तव्यों का करें पालन

अपने व्याख्यान के दौरान उन्होंने 'एक डाक्टर की मौत', 'पैच एडम्स' की कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा कि किताबी पढ़ाई के साथ साथ फिल्मों और साहित्य का भी हमारे व्यक्तिव को संवारने में बड़ा योगदान है। उन्होंने आजकल के दौर के कुछ आदर्श डॉक्टर्स का उदाहरण देकर छात्रों को डॉक्टर बनने के अपने कर्तव्यों का पालन करने की नसीहत दी। डॉक्टर बृजेश्वर सिंह इसी तरह देश के अलग अलग मेडिकल कॉलेजेस में जाकर छात्रों को डॉक्टर के साथ साथ अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस अवसर पर वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट, डॉ। मधुमति गोयल, डॉ। विनीता दास सहित अन्य लोग मौजूद रहे।