- नगर आयुक्त का अधीनस्थों का दिशा-निर्देश

- बारिश से पहले सभी नालों की हो जाए सफाई

आगरा। बारिश से पहले नालों की साफ-सफाई करके जलभराव की स्थिति से निपटने की तैयारी की जा चुकी है। नगर निगम आयुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तक तय कर दी है। उनका एलान है कि जिस क्षेत्र में नाला के कारण जलभराव की स्थिति हुई। वहां का जेडएचओ सीधे जिम्मेदार होगा। लेकिन 20 दिनों में 300 से अधिक नालों की तलहटी तक सफाई चुनौती से कम नहीं है। निगम पूरे नालों की सफाई का दम भरेगा, तो वह कागजों में ही हो सकता है। बारिश के दौरान जलजला रोकने में कामयाब नहीं होंगे।

दिया जा रहा विशेष ध्यान

पूरे शहर में 350 से अधिक छोटे- बड़े नाले हैं। बारिश से पहले हर साल नालों की सफाई होती है। फिर भी बारिश के दौरान जलमग्न की स्थिति बनी रहती है। इस वर्ष मेयर नवीन जैन ने जलभराव की स्थिति से निपटने के कई उपाए किए। आधुनिक मशीनों चोक सीवरेज लाइन साफ कराई जा रही है। साथ ही नालों की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सीधे जेडएचओ जिम्मेदार

इस दिशा में नगर निगम आयुक्त अरुण प्रकाश ने सोमवार को अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक की। इसमें बारिश से पहले सभी नालों को तलहटी तक साफ करने का निर्देश दिए गए। आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जहां नाला के कारण भराव की स्थिति बनेगी। वहां पर सीधे जेडएचओ को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। ये फरमान जमीन पर पूरी तरह अमल नहीं किया जा सकता। मानसून को महज 20 दिन बचे हैं और ऐसे में 350 छोटे-बड़े नालों को साफ करना कैसे संभव है? ये शहर को डूबने से कैसे बचा पाएंगे?

गंदगी और अतिक्रमण हैं बाधा

नालों को पूरी तरह से साफ करने में बड़ी बाधा अतिक्रमण भी हैं। दर्जनों स्थानों पर नालों को पूरी तरह से पाटा जा चुका है। वहीं नालों में अतिक्रमण आम है। ऐसी स्थिति से अभी उबरना मुश्किल है। वहीं जाम नालों को साफ करना भी चुनौती से कम नहीं है।