ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब : उतरी छोटानागपुर के प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग व क्षेत्र से सटे कोयलांचल का तमगा पाने वाल क्षेत्र रामगढ़ तथा सर्वाधिक उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र माने जाने वाले जिला चतरा में लोग हर साल 37 करोड़ रुपए का दारु गटक रहे हैं। पीने और पिलाने वाले की बात करें तो सबसे ज्यादा शराब बिक्री वाला केंद्र रामगढ़ का नाम आता है जहां अकेले 17 करोड़ रुपए दारु पर पैक पर बहा दिए जाते हैं।

हजारीबाग में 16 करोड़ की शराब

इसी तरह यह रकम हजारीबाग में 16 करोड़ रुपए तथा चतरा का सबसे कम 6 करोड़ रुपए शराब के प्याले पर लूटा देते है। रामगढ़ में यह रकम 44 दुकानों से, हजारीबाग में 66 और चतरा में 35 दुकानों से सरकार को राजस्व के रुप में प्राप्त हो रहा है। ये आंकड़े सरकारी है, जबकि निजी तौर पर बात करे तो यह धंधा करीब 55 करोड़ का है। शराब के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा राजस्व को देखते हुए इस बार विभाग ने कुल रकम में 20 प्रतिशत का वृद्धि करते हुए आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 में राजस्व के रुप में चतरा, हजारीबाग व कोडरमा से 44 करोड़ रुपए पाने का लक्ष्य रखी है। इनमें 42 करोड़ शराब से तथा चार करोड़ रुपए ठेके से प्राप्त करने की योजना बनाई है। गत वर्ष 2014-15 में हजारीबाग में अकेले ठेके के लिए लगाई गई बोली से 3.28 करोड़, चतरा से 38 लाख तथा रामगढ़ से 11 लाख रुपए प्राप्त हुआ था। इस वर्ष 9 मार्च को हजारीबाग में, 10 मार्च को रामगढ़ तथा 14 मार्च को चतरा में ठेके के लिए बोली लगाई जाएंगी। विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग के अंतर्गत आने वाले तीनों जिलों में क्रम प्रत्येक माह राजस्व संग्रह का लक्ष्य 1.11 करोड़, रामगढ़ में 1. 84 करोड़ तथा चतरा से 30 करोड़ रुपए तय किया गया है।