-उर्स में सिक्योरिटी को लेकर 3 ड्रोन कैमरे पुलिस लेगी किराये पर

-पुलिस और प्रशासन के दो ड्रोन कैमरे खराब, एक का होगा इस्तेमाल

BAREILLY: उर्स और धनतेरस एक दिन होने की वजह से अधिकारियों के तोते उड़ रहे हैं। हालांकि, अफसरान सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने की पूरी तैयारी बता रहे है, लेकिन मैदान-ए-जंग में उतरने से पहले हथियारों में ही जंग लग गई है। पुलिस के पास मौजूद तीनों ड्रोन कैमरे खराब हैं। अब काम निकालने के लिए किराए पर ड्रोन मंगा रहा है। किराए के ड्रोन पुलिस अपने ड्रोन की अपेक्षा कितने पावरफुल हैं और कितने कारगर साबित होंगे यह समय ही बताएगा।

दो साल में हो गए खराब

दो ड्रोन कैमरे पुलिस ने खरीदे थे और एक प्रशासन ने खरीदा था, जिसे प्रशासन ने पुलिस को ही सौंप दिया था। पुलिस के एक ड्रोन कैमरे की कीमत 12 लाख तो दूसरे की 3 लाख थी। प्रशासन का ड्रोन भी कीमती बताया जा रहा है। बेहतर रखरखाव के अभाव में खराब हो गए। या फिर, ड्रोन को चलाने के लिए एक्सपर्ट नहीं हैं, जिसके चलते अफसर किराए के ड्रोन पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं।

एक दिन भी नहीं यूज िकया ड्रोन

-12 लाख रुपए की कीमत के कैमरे का कभी इस्तेमाल ही नहीं किया गया। क्योंकि इसे गिरने के डर के चलते चलाया ही नहीं गया।

-जुलाई 2016 में कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस ने ड्रोन कैमरा खरीदा था, इससे पहले किराये के ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता था

-प्रशासन ने भी ड्रोन कैमरा खरीदा था। ताकि पुलिस इसका इस्तेमाल कर सके, लेकिन खराब होने की वजह से इसका भी इस्तेमाल नहीं

-ड्रोन कैमरे ट्रैफिक पुलिस के अंडर में हैं, लेकिन इन्हें पुलिस लाइंस के स्टोर रूम में रखा जाता है।

-कभी भी इस्तेमाल न होने की वजह से ड्रोन कैमरों की बैट्री व अन्य पा‌र्ट्स खराब हो गए।

-बड़े ड्रोन कैमरे को ठीक कराने में करीब 2 लाख रुपए का खर्च आएगा, छोटे कैमरे में 10,500 रुपए की बैट्री लगाई गई है।

-वायरलेस और ट्रैफिक के 6 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई थी। मौजूदा समय में गजेंद्र सिंह यादव के अंडर में ड्रोन चलाए जाते हैं

-जब ड्रोन कैमरे खरीदे गए थे तो ड्रोन बेचने वाली कंपनी के स्टाफ ने प्राइमरी ट्रेनिंग दी थी, लेकिन उसके बाद कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई

-प्रॉपर ट्रेनिंग न होने की वजह से ही बारादरी एरिया में ड्रोन कैमरा उड़ाते वक्त नीचे गिर गया था और इसके पंख टूट गए थे

-अब पुलिस 3 ड्रोन कैमरे किराये पर लेने जा रही है, इन्हें उर्स-धनतेरस में 3 दिन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा

-एक ड्रोन कैमरे का किराया एक दिन का करीब 4 हजार रुपए पुलिस पे करेगी, जिसके हिसाब से 36 हजार रुपए किराये पर खर्च कर देगी

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25 सीसीटीवी कैमरों से पुलिस करेगी निगरानी

3 नवंबर से 5 नवंबर तक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हैं। उर्स स्थल और धनतेरस मार्केट आसपास होने की वजह से लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की संभावना है। यही वजह है कि पुलिस ड्रोन के बाद सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल कर सकती है। पुलिस इन एरिया में 25 सीसीटीवी कैमरे लगाने जाएगी। यह कैमरे कुतुबखाना, इस्लामियां, नावेल्टी, पटेल चौक, चौपुला व आसपास के एरिया में लगाएगी। मौजूदा समय में पुलिस के चौकी चौराहा, चौपुला चौराहा, नावेल्टी चौक, कुतुबखाना और पटेल चौक में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

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यह होंगे फोर्स के इंतजाम

8-सीओ, 42-थाना प्रभारी, 96-सब इंस्पेक्टर, 7-लेडी एसआई, 97-हेड कॉन्स्टेबल, 900-कान्स्टेबल, 48-लेडी कॉन्स्टेबल, 9-टीएसआई, 32-हेड कॉन्स्टेबल ट्रैफिक, 97-कॉन्सटेबल ट्रैफिक, 8-कंपनी पीएसी, 2-सीएफओ, 2-एफएसओ, 8-फायर टेंडर, 12-माउंटेन पुलिस, 12-टियर गन,

यह डायवर्जन होगा लागू

- मुरादाबाद, रामपुर की ओर से आने वाले हैवी व्हीकल परसाखेड़ा से बड़ा बाईपास होकर नैनीताल, पीलीभीत, लखनऊ की ओर जाएगा।

-लखनऊ की ओर से आने वाले हैवी व्हीकल इन्वर्टिस चौराहा से बड़ा बाईपास होकर पीलीभीत, नैनीताल एवं रामपुर की ओर जाएगा।

- रामपुर, नैनीताल, पीलीभीत एवं बरेली की ओर से बदायूं की ओर जाने वाले हैवी व्हीकल इन्वर्टिज चौराहे से फरीदपुरए बुखारा मोड़, रामगंगा होकर आएंगे व जाएंगे।

-लखनऊ से बदायूं की ओर जाने वाले हैवी व्हीकल फरीदपुर से बुखारा मोड़, फरीदपुर से बुखारा मोड़, रामगंगा होकर जाएंगे।

- बदायूं की ओर से आने वाले हैवी व्हीकल नैनीताल, पीलीभीत, रामपुर एवं लखनऊ की ओर जाने के लिये इसी रास्ते से बड़ा बाईपास होकर आएंगे।

-पुराना बस स्टैंड से नैनीताल रोड पर दिल्ली की ओर जाने व आने वाली सभी रोडवेज बस चौकी चौराहे से सेटेलाइट तिराहे से बड़ा बाईपास होकर अपने गन्तव्य को जाएंगी।

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यहां होंगे पार्किंग स्थल

डीएवी पब्लिक स्कूल, रेलवे मनोरंजन केंद्र, मालगोदाम रोड, जीआईसी, सिटी रेलवे स्टेशन, जंक्शन के पीछे, मिशन हॉस्पिटल