PATNA : मानसून के दगा देने के पूरे आसार बन रहे हैं। इससे राज्य के 19 जिलों के अन्नदाताओं पर सूखे की मार पड़ सकती है। प्री मानसून के ज्यादा नहीं बरसने से किसान चिंतित हैं। कृषि विभाग के मुताबिक 18 जून तक अनुमानित आंकड़ों से 23 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा सिर्फ 13 फीसदी था। पिछले साल की तुलना में इस बार अभी तक आधी बारिश हो सकी है। इसका सीधा असर धान के बिचड़े पर पड़ रहा है।

50 फीसदी कम हुई है बारिश

अब तक मानसून ने जो रवैया दिखाया है उससे पता चलता है कि राज्य के 19 जिले सूखे की ओर अग्रसर हैं। इन जिलों में जून में अभी तक 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है। इससे किसानों को भारी परेशानी हो रही है। खरीफ के बिचड़े पर सूखे का असर पड़ रहा है। बड़ी संख्या में किसान धान के बिचड़े की बुआई भी नहीं कर पाए हैं। जिन्होंने की है, उनके खेत सूख गए हैं। हालांकि कुछ जिलों में अच्छी प्री मानसून बारिश हुई है।

बारिश के बदले चल रही गर्म हवा

भारतीय मौसम विभाग ने बिहार में मानसून के प्रवेश का अनुमान जून के दूसरे सप्ताह में 10 से 12 जून के बीच किया था, किंतु छह दिन बाद भी मानसून का अता-पता नहीं है। उल्टे गर्म हवाएं एवं लू चल रही हैं। ऐसे में स्थानीय कारणों से भी बारिश के आसार बहुत कम रह गए हैं। हालांकि राज्य सरकार बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों ही स्थितियों से मुकाबले की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के मुताबिक सब्सिडी देने का निर्देश दे दिया है।

बाढ़ और सुखाड़ ने दिया था दर्द

मौसम विभाग ने पिछले साल की तरह इस बार भी बिहार में अच्छी बारिश की संभावना जताई है। ज्यादा और कम बारिश के हालात बिहार के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती हैं। पिछले साल तो राज्य के कई जिलों में बाढ़ और सुखाड़ के हालात एक साथ उत्पन्न हो गए थे। जिससे जानमाल की भारी क्षति हुई थी। पिछले साल से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने सभी प्रमंडलों एवं जिलों के पदाधिकारियों को पहले ही अलर्ट कर दिया है।