- सिटी के विभिन्न एरियाज में मिड नाइट से शुरू हो जाता है डंफर का खेल

- डंफर से ढुलाई हो रही मिट्टी, रौंदे जा रही शहर की सड़कें

- मिड नाइट पर चल रहे इस खेल में सो रहे लेखपाल व एसडीएम

सड़कों पर बेखौफ फर्राटा भर रही
Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: अवैध कटान से लगाए तालाब और जलाशय पाटने का खेल भू-माफियाओं ने फिर से शुरू कर दिया है। रात के अंधेरे में जहां डंफर पर लोडेड गाडि़यां मिट्टियों को भरकर सड़कों पर बेखौफ फर्राटा भर रही हैं। यह खेल बेहोश प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम चल रहा है। जबकि सदर लेखपाल से लगाए कानूनगो व एसडीएम तक को इस बात से भलीभांति परिचित हैं, लेकिन इन भू-माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय इन्हें शह दी जा रही है।

एक हफ्ते में 11 शिकायतें
गोरखपुर में मिट्टी के अवैध कारोबार की शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है। हालत यह है कि डीएम ऑफिस में पिछले दिनों करीब एक दर्जन शिकायतें पहुंची हैं, जिसमें शहर के इलाकों की शिकायत की गई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में तो शिकायत की लंबी फेहरिस्त हैं, जिसमें भूमी पर कब्जा के साथ ही अवैध खनन और इससे जुड़ी दूसरी शिकायतें शामिल हैं। इसमें डीएम ने संबंधित जिम्मेदारों को शिकायतें फॉर्वर्ड कर अवैध खनन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

पार्षद से लगाए लेखपाल तक है मौन
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, किसी भी जलाशय को पाटा नहीं जा सकता है। यह बात किसी ने छिपा नहीं है। चाहे पब्लिक हो या फिर प्रशासनिक अधिकारी हों, बावजूद इसके जिला प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों को बिछिया, रूस्तमपुर, नौसड़ व मोहनापुर समेत नंदा नगर एरिया में रात के वक्त डंफर का खेल शुरू हो चुका है। आलम यह है कि भू-माफियाओं के डंफर पर लदी मिट्टियों से मोहल्ले की सड़कें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस की मदद से यह सारा खेल चल रहा है। जबकि एरिया के पार्षद से लगाए लेखपाल, कानूनगों तक इस मामले में चुप्पी साध रखे हैं।

शुरू कर दिया सड़कों को रौंदना
डंफर के खेल में सबसे ज्यादा भू-माफिया शामिल हैं। जो जलाशय में कब्जा करने का काम शुरू कर चुके हैं। बिछिया स्थित जंगल तुलसी राम निकट हनुमान मंदिर जा रही सड़क को डंफर ने रौंदना शुरू कर दिया है। जबकि मोहल्ले की सड़क बनाने में मोहल्ले वासियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। जबकि इस मामले में जिम्मेदार सबकुछ जानकर भी अंजान हैं। कमोवेश बगहा बाबा जा रहे रोड के किनारे बन रहे प्लाटिंग पर रात के वक्त डंफर का आना-जाना शुरू हो चुका है, जिसे रोक टोक करने वाला कोई नहीं है।

बिना नक्शा के बन रहे मकान
सिटी में मकान बनवाने के लिए नक्शा पास करवाना होता है, लेकिन जलाशय पाटकर मकान बनवा रहे भवन स्वामियों के पास न तो नक्शा है और ना ही रजिस्ट्री। कुछ ने रजिस्ट्री विभाग से मिलकर रजिस्ट्री करवा भी ली है तो सवाल इस बात का है कि रजिस्ट्री विभाग ने मौके का मुआयना कराए बगैर ही कैसे रजिस्ट्री कर दी। कहीं न कहीं इन सफेद पोश भू-माफियाओं के साथ रजिस्ट्री विभाग भी शामिल होता हुआ नजर आ रहा है।

किसी भी कीमत पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए तहसील की टीम काम कर रही है। अगर टीम ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है तो उसकी जवाब देही तय होगी।

के विजयेंद्र पांडियन, डीएम