- सड़कों व खुले स्थानों की ओर भागे लोग

- घंटों तक मची रही अफरातफरी, स्कूल कालेजों से बच्चे लौटे घर

UNNAO:

मंगलवार को दोपहर लगभग क्ख्:फ्7 बजे के करीब शहर में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। जैसे ही धरती में कंपन शुरू हुआ, घरबार व कारोबार छोड़ कर लोग जान बचाने के इरादे से सड़कों व खुले स्थानों की ओर भागने लगे। घंटों तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इसे लेकर अफरातफरी मची रही। जो जहां जैसी हालत में था तुरंत वहां से भागा। मोबाइल फोनों पर लोग एक दूसरे का हाल चाल लेते रहे। झटके लगते ही अभिभावकजन तुरंत अपने-अपने च्च्चों के स्कूल पहुंचे, जहां से वह च्च्चों को साथ लेकर घरों को वापस लौटे। भूकंप के झटकों से डरे सहमे प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों ने तुरंत च्च्चों को कक्षाओं से बाहर निकाल कर उनके अभिभावकों के हवाले कर दिया। शहर भर में इसे लेकर सनसनी मची रही।

स्कूल पहुंचे अभिभावकच्बच्चों को साथ लेकर घर आए

भूकंप के झटकों के महसूस होते ही अभिभावक अपनच् बच्चों को लेने के लिए स्कूल पहुंच गए। जहां से वहच् बच्चों को अपने साथ लेकर घरों को आए। अधिकांश स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों नेच् बच्चों के जानमाल की रक्षा के लिए एहतियात के तौर पर स्कूल की छुट्टी कर दी। शहर के सभी रास्तों पर स्कूल केच् बच्चे घरों को जाते दिखाई दिए।

मानो सब कुछ खत्म हो गया हो

दोपहर के समय जैसे ही भूकंप के झटके आए तो वह दुकान के अंदर थे। उन्होंने बताया कि दुकान के काउंटर व टेबिल्स और वहां रखा सामान सभी कुछ तेजी से हिलने लगा। बाहर भी भगदड़ मच गई। जिसे देखो वही भाग रहा था। कंपन रुकने पर कुछ राहत मिली।

- नीरज पांडेय व्यापारी आवास विकास कालोनी

घर में किचेन के अंदर थे। दोपहर लगभग क्ख्:फ्7 बजे अचानक किचेन के बर्तन आपस में टकराने लगे। घर में रखा सभी सामान हिलने लगा। मैं तुरंत परिवार को लेकर घर के बाहर खुले स्थान की ओर भागा। कुछ समय के लिए लगा कि अब क्या होगा।

- अर्जुन सिंह, एबी नगर उन्नाव

भूकंप के झटके लगते ही सारा सामान जोर- जोर से हिलने लगा। यह देख मैं कांप सी गई। बिना कुछ सोचे बाहर की तरह भागी। घबराहट के कारण चक्कर सा आ गया। ऐसा ²श्य मैंने अपने जीवन में पहली बार देखा। - प्रतिभा बाजपेयी, आवास विकास सी ब्लाक

जैसे ही भूकंप के झटके आने लगे, मैं किसी अनिष्ट होने की संभावना से परिवार वालों को घर से लेकर बाहर की ओर भागा। घंटे भर तक सभी लोग घरों के बाहर ही खड़े रहे। बड़ा साहस जुटाने के बाद घर के भीतर दाखिल हुए।

- कासिम हुसैन जाफरी, बैंक कर्मी कासिम नगर

जैसे ही भूकंप के झटके आए तो घरों के पंखे, कूलर व पलंग आदि हिलने लगे। घरबार छोड़कर पूरे परिवार को लेकर बाहर की ओर भागा। काफी देर तक खुले स्थान पर खड़े रहने के बाद घर के भीतर गया। सच में इतनी दहशत मानो सामने ¨जदगी और मौत की जंग हो रही हो।

- आशीष द्विवेदी कब्बा खेड़ा

झटके लगते ही मेरी सिट्टी पिट्टी गुम सी हो गई। तुरंत खुले स्थान का सहारा लेकर घर के लोगों को फोन कर उन्हें घरों से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा। लगता है प्रलय आने वाली है। न जाने क्या होने वाला है। कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

- शैलेंद्र दीक्षित, अधिवक्ता