-डर से घरों और ऑफिसेज से बाहर निकले लोग

-नहीं हुआ है बड़ा नुकसान

JAMSHEDPUR : शनिवार की दोपहर क्क्.ब्भ् बजे आए भूकंप के झटकों ने जमशेदपुर को भी हिला कर रख दिया। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों, ऑफिसेज से सुरक्षित जगहों की तलाश में भागे। भूकंप की वजह से हालांकि शहर और पूरे जिले में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ पर कई जगहों पर की दीवारें दरक गईं। एडमिनिस्ट्रेशन ने सभी अंचल अधिकारियों को अलर्ट करते हुए सभी अंचलों से रिपोर्ट मांगी है।

तो होश उड़ गए

शनिवार को आम दिनों की तरह लोग अपने घरों में दैनिक कार्यो में व्यस्त थे। स्कूल की छुट्टी होने की वजह से बच्चे भी घरों पर ही थे। सुबह करीब पौने बारह बजे अचानक घर के पलंग, मेज, अलमारी हिलते हुए महसूस हुए। एक पल तो किसी को समझ नहीं आया पर जैसे ही लोगों को अहसास हुआ की ये भूकंप के झटके हैं, तो उनके होश उड़ गए। लोग फौरन अपने घरों से निकल कर खुली जगहों पर आ गए। घर आने पर जब टीवी ऑन किया तो भूकंप की सारी जानकारी मिली।

ऑफिसेज में मची अफरा-तफरी

आम दिनों की तरह शनिवार को भी नौकरीपेशा लोग अपने-अपने ऑफिसेज में ड्यूटी कर रहे थे। एलआईसी कर्मचारी पूर्वी घोष ने बताया कि वो बिष्टपुर स्थित जीवनप्रकाश बिल्डिंग में रोजाना की तरह अपना काम कर रही थी। अचानक से कुर्सी हिलता हुआ महसूस हुआ। इससे पहले की वो समझ पाती सीनियर जीएम और सभी कर्मचारियों को बिल्डिंग से बाहर निकलने को कहा। उन्होंने कहा कि वहां काम करने वाले करीब भ्00 कर्मचारी फौरन बिल्डिंग से बाहर निकल आए।

कई जगहों पर दरकी दीवारें

भूकंप की वजह से शहर में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन कई जगहों पर दीवारें दरक गईं। मानगो स्थित फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के ऑफिस की दीवार भूकंप के झटके से दरक गयी। उस समय अधिकारी-कर्मचारी ऑफिस में ही थे। सोनारी के आशियाना गार्डेन में एक चबूतरा धंस गया। इसके अलावा बागबेड़ा नया बस्ती में जीएस राव, लक्ष्मी राव, माया देवी, सरिता देवी के घरों के खिड़की के कांच टूट गए। हरहरगुट्टू के कई मकानों में दरार पड़ गई।

काफी देर तक बाहर खड़े रहे लोग

भूकंप का झटका तो कुछ सेकेंड्स में खत्म हो गया पर लोगों के मन में काफी देर तक डर बना रहा। भूकंप के डर से बिल्डिंग्स से बाहर निकले लोग काफी देर तक अंदर जाने से डरते रहे। कई लोग आधे घंट से लेकर एक घंटे तक घरों और ऑफिसेज के बाहर बैठे रहे।

और बजने लगे फोन

भूकंप की जानकारी मिलते ही अपने परिजनों का हाल लेने के लिए फोन की घंटिया भी बजने लगीं। दूसरे शहरों में रहने वाले लोगों को टीवी से जैसे ही झारखंड में भूकंप की जानकारी मिली उन्होंने फौरन अपने परिजनों को फोन कर उनकी कुशलता की जानकारी ली।

अंचल अधिकारियों को किया गया अलर्ट

भूकंप आने के बाद जिले के अपर उपायुक्त सुनील कुमार ने सभी अंचल अधिकारियों को अलर्ट कर दिया था उनसे ग्रामीण इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लेने के बाद रिपोर्ट मांगी गई थी। प्रशासन की आपदा प्रबंधन टीम भी सक्रिय थी लेकिन कहीं से कुछ भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।

परिचर्चा छोड़ भागे एडवोकेट

अधिवक्ता रोजाना की तरह बार भवन में बैठे थे। अचानक टेबल पर रखे बोतल सहित टेबल, कुर्सी हिलने लगे। पहले तो एडवोकेट्स को कुछ समझ में नहीं आया। लेकिन बाद में भूकंप के झटके का अहसास होते ही सभी अपनी-अपनी कुर्सी छोड़कर बाहर की ओर लपके। एक साथ इतने एडवोकेट अचानक उठकर बाहर भागने लगे तो कोर्ट में मौजूद मुवक्किल और पुलिस भी टकटकी लगा कर देखते रहे। उन्हें जब लगा कि खतरा टल गया है तो वे फिर से वापस अपने टेबल पर लौट गये। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा नया बार भवन में डायन प्रथा निरोधक अधिनियम ख्000 विषय पर परिचर्चा हो रही थी। भूकंप के झटके के कारण कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर अधिवक्ता बाहर की अोर भागे।

समझ नहीं आया हुआ क्या

सेल्स टैक्स विभाग में सामान्य दिनों की तरह कामकाज चल रहा था। दोपहर करीब पौने बारह बजे जब भूकंप आया, तो एकबारगी सभी शोर मचाने लगे। देखते ही देखते ऑफिस के अंदर से लोग इस तरह बाहर निकलने लगे, मानो आग लग गई हो। कई लोगों को तो समझ में नहीं आया कि क्या हो गया? अधिकांश लोग एक-दूसरे से पूछ रहे थे कि भूकंप आया है क्या? जब जवाब हां में मिला, तो डर गए। करीब क्भ् मिनट तक लोग ऑफिस से बाहर जमा रहे। जब कुछ देर तक दोबारा झटका या कंपन महसूस नहीं हुआ, तो वे ऑफिस घुसे।