भोर में 3.49 बजे ग्रहण के समाप्त होने पर मंदिरों का खुला कपाट, अभिषेक के बाद उमड़ी भक्तों की आस्था

ALLAHABAD: गुरु पूर्णिमा के दिन लगे सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण के समाप्त होते ही शहर के मंदिरों में भक्तों की आस्था उमड़ पड़ी। भोर में 3.49 बजे जैसे ही ग्रहण समाप्त हुआ मां कल्याणी देवी मंदिर, मां अलोपशंकरी मंदिर, मां ललिता देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, नागवासुकि मंदिर व लेटे हनुमानजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों का कपाट खोला गया। जय माता दी, ओम नम शिवाय व पवनसुत हनुमान के जयकारों से परिसर गूंजता रहा। अपने-अपने इष्ट देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन करने से पहले भक्तों ने घाटों पर स्नान व दान-दक्षिणा की।

सूतक काल में बंद हुआ था कपाट

चंद्रग्रहण का असर इलाहाबाद में भी देश के अन्यों हिस्सों की तरह शुक्रवार की देर रात 1.54 बजे से लेकर भोर में 3.49 बजे तक रहा लेकिन ग्रहण का सूतक काल दोपहर 2.54 बजे ही लग गया था। इसकी वजह से मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्ति को ढक कर कपाट बंद कर दिया गया था।