PATNA: झारखंड के बहुचर्चित एनएचआरएम घोटाले के आरोपित झारखंड कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ। प्रदीप कुमार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा पूरी तरह कस चुका है। ईडी की पटना टीम ने सोमवार को प्रदीप कुमार की रांची व कोलकाता की दो अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है। रांची व कोलकाता स्थित प्रदीप कुमार के दो फ्लैटों को सील करके वहां ईडी के सक्षम प्राधिकार की नोटिस चस्पा कर दी है। बता दें कि झारखंड बंटवारे से पूर्व डॉ। प्रदीप कुमार बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी थे और वह पटना और मुंगेर के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं।

1991 बैच के हैं आईएएस

बता दें कि झारखंड के एनएचआरएम घोटाले के अभियुक्त व 1991 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ। प्रदीप की कुल 1.80 करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्ति जब्त करने का आदेश ईडी के सक्षम प्राधिकार ने विगत फरवरी माह में ही जारी कर दिया था। लेकिन उनकी अचल संपत्ति को कब्जे में लेने की कार्रवाई लंबित थी। हालांकि 1.80 करोड़ की जब्त की जा रही संपत्ति का बाजार मूल्य दस करोड़ से भी अधिक की बताई जा रही है।

भाई के नाम से भी बनाई संपत्ति

ईडी की पटना टीम ने विगत 11 सितंबर को प्रदीप कुमार के भाई राजेंद्र कुमार के नाम पर बेंगलुरू में 4000 स्क्वायर फीट के भूखंड पर भी अपना कब्जा कर लिया था। ईडी के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही ईडी की एक टीम उदयपुर जाकर वहां प्रदीप कुमार व उनके भाई राजेंद्र कुमार के नाम पर दो मकानों को भी जल्द ही अपने कब्जे में लेगी। कोलकाता में जब्त किया गया फ्लैट प्रदीप कुमार ने अपने संयुक्त हिंदू परिवार के नाम पर खरीद रखा था।