आरटीई के तहत बदली व्यवस्था के चलते स्कूलों में नहीं रहेगा हेड

चालू शैक्षिक सत्र से ही व्यवस्था में अमल में लाने की तैयारी, शिक्षक एकजुट

ALLAHABAD: छात्रों की कम संख्या ने प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों में हेडमास्टर के पद पर संकट खड़ा कर दिया है। चालू शैक्षिक सत्र से लागू होने जा रही व्यवस्था के अनुसार जिले के एक तिहाई से भी कम स्कूलों में हेड मास्टर रह जाएंगे। बाकी सभी स्कूल सहायक अध्यापकों के भरोसे ही चलेंगे। आरटीई में किए गए प्रावधान के आधार पर लागू की जा रही व्यवस्था ने शिक्षकों के कान खड़े कर दिए हैं। भविष्य में प्रमोशन का रास्ता बंद होने से उन्होंने आने वाले दिनों में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने को लेकर प्रस्तावित आंदोलन में इस मुद्दे को भी शामिल करने का फैसला लिया है।

छात्र संख्या बढ़ाने का प्रेशर

बेसिक शिक्षा परिषद के इस फैसले को स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर चल रही कवायद के साथ भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले सालों में परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गयी थी। इसका बड़ा कारण गली कूचों में प्राइवेट स्कूलों में खुल जाना था। हेड मास्टर विहीन स्कूलों की संख्या का फिलहाल जो डाटा टीचर्स के बीच सर्कुलेट हो रहा है वह पिछले साल 30 सितंबर पर बेस्ड है। इसके अनुसार जिले भर में स्थित तीन हजार से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में कुल छह सौ विद्यालय ही ऐसे हैं जहां अब हेड मास्टर के पद रह जाएंगे। इसका बड़ा नुकसान सहायक अध्यापकों को यह होने जा रहा है कि उनके प्रमोशन की राह मुश्किल हो जाएगी। हजारों हेड मास्टर को फिर से अपने ही स्कूल में सहायक अध्यापक बन जाना पड़ जाएगा। इसी उनका पारा चढ़ा हुआ है।

जूनियर में 100 और प्राइमरी में 150

राइट टु एजूकेशन के अन्तर्गत बनाए गए नियमों के बारे में जानकारी देते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि प्रधानाध्यापक पदों के लिए स्टूडेंट्स की संख्या निर्धारित की गई है। इसके अनुसार जूनियर हाई स्कूल यानी उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या 100 से कम होने पर वहां प्रधानाध्यापक के पद समाप्त कर दिए जाएंगे। विद्यालय सहायक अध्यापकों के भरोसे संचालित किया जाएगा। प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में छात्रों की संख्या 150 से कम होने पर प्रधानाध्यापक का पद समाप्त करने का प्रावधान है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि परिषद से निर्देश जारी होने के बाद ऐसे स्कूलों की सूची तैयार करायी जा रही है, जहां मानक के अनुरूप छात्र संख्या नहीं है। उन स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद समाप्त किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।

प्रमोशन में आ जाएगी बाधा

बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राइमरी हो या जूनियर हाईस्कूल दोनो में पहली नियुक्ति सहायक अध्यापक के रूप में ही होती है। पहले की व्यवस्था के अनुसार बेसिक का सहायक अध्यापक प्रोन्नति पाकर हेड मास्टर बनता था। उसके पास एक विकल्प जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक बनने का भी होता था। जूनियर हाईस्कूल में सपा सरकार में सीधी भर्ती शुरू हो जाने के बाद बेसिक के शिक्षकों के प्रमोशन का विकल्प सीमित हो गया था। नई व्यवस्था में प्रमोशन मिलना और मुश्किल हो जाएगा।

कौन संभालेगा जिम्मेदारी

अभी तक लागू व्यवस्था के अनुसार मिड डे मील से लेकर स्कूल की व्यवस्था संबंधी पूरी जिम्मेदारी हेड मास्टर ही देखता था। कम छात्र संख्या के आधार पर यह पद समाप्त कर दिये जाने से सभी सहायक अध्यापक हो जाएंगे। इस स्थिति में मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार कौन होगा? यह तय करना भी मुश्किल काम होगा। चार्ज कैसे और किसे ट्रांसफर होगा? इसमें भी मुश्किल आएगी।

आंकड़ों की नजर में शहर एरिया

89

प्राइमरी स्कूल हैं शहरी एरिया में

260

है कुल अनुमन्य पदों की संख्या

02

स्कूलों में रह जाएंगे हेड मास्टर

258

स्कूल में रहेंगे सहायक अध्यापक

6172

बच्चे रजिस्टर्ड हैं शहर के प्राइमरी स्कूलों में

291

बच्चों के साथ टॉप पर है प्राइमरी स्कूल बेगम सराय बालक

170

बच्चों के साथ दूसरे स्थान पर है प्राथमिक विद्यालय हरवारा बालक

33

जूनियर हाईस्कूल हैं शहर एरिया में

99

है कुल अनुमन्य पदों की संख्या

00

स्कूलों में रह जाएंगे हेड मास्टर

1183

बच्चे रजिस्टर्ड हैं शहर के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में

आंकड़ों की नजर में देहात एरिया

2388

प्राइमरी स्कूल हैं ग्रामीण एरिया में

10795

है कुल अनुमन्य पदों की संख्या

558

स्कूलों में रह जाएंगे हेड मास्टर

1830

स्कूल में रहेंगे सहायक अध्यापक

295092

बच्चे रजिस्टर्ड हैं ग्रामीण क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों में

968

उच्च प्राइमरी स्कूल हैं ग्रामीण एरिया में

3550

है कुल अनुमन्य पदों की संख्या

391

स्कूलों में रह जाएंगे हेड मास्टर

577

स्कूल में रहेंगे सहायक अध्यापक

87215

बच्चे रजिस्टर्ड हैं ग्रामीण क्षेत्र के उच्च प्राइमरी स्कूलों में

(बेसिक शिक्षा विभाग ने यह आंकड़ा 30 सिंतबर 2017 की संख्या के आधार पर तैयार कराया है। इसी के आधार पर पद निर्धारण किया गया है.)

आरटीई के प्रावधान के तहत नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों के तरफ से मिलने वाले दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।

अर्जुन सिंह,

खंड शिक्षा अधिकारी

ऐसा निर्णय शिक्षकों के अधिकार का हनन है। शिक्षकों के प्रमोशन पर इसका सीधा असर पड़ेगा। जिले में बड़ी संख्या में शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है। इसी महीने के अंत में होने वाली चाक डाउन स्ट्राइक में इस इश्यू को भी शामिल किया गया है।

देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव,

शिक्षक नेता

100

से कम छात्र होने पर जूनियर हाई स्कूल में नहीं होगा प्रधानाध्यापक पद

150

से कम छात्र होने पर प्राथमिक विद्यालय में नहीं रहेंगे प्रधानाध्यापक

391

रह जाएगी जिले के जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की संख्या

560

प्राइमरी स्कूलों में ही रह जाएगा प्रधानाध्यापक का पद