- शिक्षा मंत्री ने अप्रैल से सेशन शुरू करने को कहा, संभावनाएं कम

- स्कूलों में 220 दिन की पढ़ाई जरूरी, जो कभी पूरी नहीं हो पाती

Meerut: माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान अपने बयान में नेक्स्ट सेशन जुलाई के बजाय अप्रैल से शुरू करने को कहा। साथ ही सीबीएसई की तर्ज पर स्कूलों में पढ़ाई शुरू कराने को भी कहा है। मंत्री जी ने यह कह तो दिया पर ऐसा करना आसान नजर नहीं आ रहा। क्योंकि स्कूलों में एक नियत पीरियड तक पढ़ाई जरूरी है। उससे कम पढ़ाई होगी तो नियम विरुद्ध है। आखिर ऐसा कैसे हो पाएगा और शासन कैसे इसको पूरा कर पाएगा, इस पर संशय बना हुआ है।

यहां होगी समस्या

स्कूलों में ख्ख्0 दिन की पढ़ाई जरूरी है। पूरे साल की स्थिति देखें तो छुट्टियों की भरमार होती है। फिर हाफ ईयरली एग्जाम और अन्य कार्यक्रम होते हैं। देखा जाए तो कभी भी ख्ख्0 दिन की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती। सबसे बड़ी दिक्कत हाई स्कूल के एग्जाम के कारण होने वाली है, जिसमें स्टूडेंट्स की संख्या लाखों में होती है। रेगुलर स्टूडेंट्स के साथ प्राइवेट स्टूडेंट्स की संख्या काफी अधिक होती है। अब रेगुलर और प्राइवेट दोनों के फॉर्म ऑनलाइन भरे जा रहे हैं। रेगुलर फॉर्म भरने में दिक्कतें कम हैं, लेकिन प्राइवेट फॉर्म भरने में काफी समस्याएं आती हैं।

अप्रैल में तो एग्जाम शुरू होते हैं

भले ही बोर्ड ने परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरवाने शुरू कर दिए हों, लेकिन अभी इसमें भी काफी दिक्कतें आ रही हैं। रेगुलर की डिटेल ऑनलाइन आसानी से सबमिट हो रही है, क्योंकि स्कूलों के पास स्टूडेंट्स की पुरानी डिटेल है, लेकिन प्राइवेट की डिटेल कलेक्ट करके उसको ऑलनाइन करना काफी टेढ़ी खीर है। जिसमें समय काफी लग रहा है। वहीं कॉलेजों में दो बार एग्जाम होते हैं। फाइनल एग्जाम मार्च अप्रैल में शुरू होते हैं। जो लगभग पूरे मई चलते हैं। ऐसे में ख्ख्0 दिन की पढ़ाई ही संभव नहीं है। अप्रैल से सेशन शुरू करने के लिए फरवरी-मार्च में एग्जाम कराने पड़ेंगे। जो संभव नहीं हैं।

यहां होता है पंगा

कॉलेजों में हाई स्कूल का रिजल्ट इंटर के रिजल्ट के आसपास जून में आता है। हाई स्कूल व इंटर क्लासेज में लाखों स्टूडेंट्स होते हैं। एग्जाम के बाद इनकी कॉपी का मूल्यांकन भी काफी समय लेता है। इसके बाद रिजल्ट घोषित होता है। हाई स्कूल के एग्जाम और रिजल्ट ही काफी समय ले लेता है। हाईस्कूल वाले ग्यारहवीं में तब आएंगे जब वे पास होंगे। इनके भी एग्जाम फरवरी और मार्च में शुरू करके अप्रैल के शुरू में रिजल्ट देना होगा। यह संभव नहीं है। स्कूल के टीचर्स और अधिकारी इसको एकदम असंभव मानकर चल रहे हैं। अब देखना है कि शासन स्तर पर ऐसा क्या होता है कि सेशन अप्रैल से शुरू हो जाएगा।

यह मैने भी पढ़ा है, अब इसके लिए शासन क्या निर्देश जारी करेगा। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अप्रैल से सेशन शुरू करना इतना आसान नहीं है। सभी जगह पढ़ाई के लिए ख्ख्0 दिन की क्लासेज जरूरी होती हैं। पहले ही यह समय पूरा नहीं हो पाता। छुट्टियां और फिर एग्जाम में ही काफी समय निकल जाता है।

- महेंद्र देव, संयुक्त शिक्षा निदेशक मेरठ मंडल

अप्रैल से सेशन शुरू होना संभव नहीं है। स्कूलों में छुट्टियां बहुत होती हैं। पढ़ाई भी है और फिर एग्जाम भी हैं। अप्रैल से सेशन शुरू होना इतना आसान नहीं है।

- सुनील कुमार, टीचर