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LUCKNOW: मालूम हो कि आयोग में तैनात आठ सूचना आयुक्त राजकेश्वर सिंह, गजेंदर यादव, विजय शंकर शर्मा, पारसनाथ गुप्ता, अरविंद सिंह बिष्ट, हाफिज उस्मान, सैयद हैदर अब्बास रिजवी और स्वदेश कुमार रविवार को रिटायर हो गये हैं। अब आयोग में केवल मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ही बचे हैं जिनके ऊपर तमाम केस का बोझ पडऩे वाला है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने नये सूचना आयुक्तों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए तमाम आवेदन भी आ चुके हैं। बताते चलें कि आयोग में वर्तमान में करीब 45 हजार केस पेंडिंग हैं। वहीं रोजाना करीब डेढ़ से दो हजार केसेज की सुनवाई हो रही थी।

45 हजार केस पेंडिंग

आयोग में रोजाना पूरे प्रदेश से ढाई से तीन हजार शिकायतें आती है। आठों सूचना आयुक्तों के रिटायर होने और नये लोगों की तैनाती में देरी से पेंडेंसी बढऩा तय है। वहीं वर्ष 2014 में जहां पांच साल की पेंडेंसी थी, वह बीते पांच सालों दौरान घटकर दो साल रह गयी है। इस दौरान करीब 35 हजार केस निपटाए गये। नये आयुक्तों की तैनाती में देरी से हर महीने आने वाली शिकायतों से पेंडेंसी बढ़ती चली जाएगी। आम जनता को आरटीआई एक्ट के तहत सूचना पाने और अपील में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ध्यान रहे कि यूपी में दो सूचना आयुक्तों के पद पहले से खाली चल रहे है। ऐसे में आठ सूचना आयुक्तों का रिटायर होना आयोग की परेशानियों में इजाफा करेगा।

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