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LUCKNOW: चुनाव में ज्यादा से ज्यादा वोट बटोरने की चाहत में नेता और प्रत्याशी बड़बोलेपन से बाज नहीं आते और इसी वजह से चुनाव आयोग की नजरों में आ जाते है। नेताओं के भाषण पर पल-पल की नजर रखने वाला आयोग लगातार ऐसे मामलों का संज्ञान ले रहा है जिसमें नेताओं द्वारा विरोधियों को नीचा दिखाने के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। चौथे चरण के मुकाबले से एक दिन पहले आयोग ने ऐसे कई मामलों का संज्ञान लिया जिसमें नेताओं की जुबान फिसल गयी और वे आदर्श आचार संहिता के दायरे में आ गये।

नंदी बाबा का रौद्र रूप

रविवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस ट्वीट का संज्ञान लिया जिसमें उन्होंने कन्नौज में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की रैली में सांड घुसने पर कहा कि 'कसाईयों के समर्थकों पर नंदी बाबा का रौद्र रूप'। आयोग ने इसे आपत्तिजनक बयान मानते हुए इसका संज्ञान लिया है जल्द ही सीएम योगी से जवाब-तलब कर सकता है। इसी तरह कौशांबी में प्रचार के दौरान एटा के बीजेपी सांसद राजवीर सिंह के विवादित बयान का भी संज्ञान लिया गया है जिसमें उन्होंने कहा कि 'अगर एक भी वोट बाहर चला गया तो मान के चलना हमने देश से गद्दारी की'।

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महिला प्रत्याशी भी कम नहीं

चुनाव आयोग ने इसे बेतुका बयान मानते हुए इसका संज्ञान भी लिया है। वहीं विवादित बयान देने में महिला प्रत्याशी भी कम नहीं है। आयोग ने केंद्रीय मंत्री मिर्जापुर से अपना दल प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल के उस बयान का संज्ञान लिया है जिसमें उन्होंने कहा कि 'आपको कैसा पीएम चाहिए, आंख मारने वाला या पाकिस्तान को आंख दिखाने वाला'। इस बयान की वजह से अनुप्रिया को आयोग को जवाब देना पड़ेगा।