कानपुर। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए आज का दिन बेहद खास है क्योंकि इसी दिन उन्होंने ब्रिटेन में गद्दी संभाली थी। इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के मुताबिक, एलिजाबेथ द्वितिय 6 फरवरी, 1952 को इंग्लैंड की महारानी की गद्दी पर बैठीं थीं। महारानी एलिजाबेथ का जन्म 21 अप्रैल, 1926 को लंदन में हुआ था। 1947 में उनकी शादी नौसेना कमांडर फिलिप माउंटबेटन से हुई और शादी के बाद उन्हें ग्रीस और डेनमार्क का प्रिंस घोषित किया गया। बता दें कि 1951 में किंग जॉर्ज VI का स्वास्थ्य खराब होने लगा था, जिसके बाद राजकुमारी एलिजाबेथ ही उनका सारा काम देखने लगी थीं। फरवरी, 1952 में वह और उनके पति केन्या की यात्रा पर गए थे तभी अचनाक 6 फरवरी, 1952 को उनके पिता जॉर्ज VI के मौत की खबर आई, जिसके बाद एलिजाबेथ को ब्रिटेन की महारानी घोषित किया गया। जब वह महारानी बनी, तब उनकी उम्र सिर्फ 26 साल थी।
कई देश हुए थे आजाद
हालांकि, तब वह सिर्फ गद्दी पर बैठीं थीं, 2 जून, 1953 को उन्हें ब्रिटेन की महारानी का ताज पहनाया गया था। बता दें कि एलिजाबेथ द्वितीय ऐसे समय में महारानी बनीं थीं, जब ब्रिटिश साम्राज्य का सूरज डूब रहा था। दरअसल, उस वक्त इंग्लैंड के शासन वाले कई देश आजाद हुए थे और लगातार हो रहे हैं। एलिजाबेथ द्वितीय के महारानी बनने से पहले भारत (1947), म्यांमार (1948), ऑस्ट्रेलिया(1901) आदि देश ब्रिटिश शासन से आजाद हो गए थे और इनके महारानी बनने के बाद रोडेशिया (1965) और साउथ अफ्रीका (1961) आदि ब्रिटिश शासन से छुटकारा पाकर एक स्वतंत्र देश बने।
इतने सालों में देखी अनेकों घटनाएं
गौरतलब है कि इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन के इतिहास में सर्वाधिक आयु तक जीवित रहने वाली शासक हैं। इतने वर्षों में 92 वर्षीय महारानी ने अनेकों घटनाएं देखी हैं, जिनमें प्रिंस एडवर्ड तथा उनकी पत्नी सोफी के पुत्र के जन्म के साथ उनकी तीसरी पीढ़ी के 8वें सदस्य का जन्म और 1997 में उनकी पुत्रवधू राजकुमारी डायना की कार दुर्घटना में हुई मृत्यु शामिल है।
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