-हिस्ट्रीशीटर ने नेपाल में बनाया था ठिकाना

-आठ साल पीछे लगी रही मुंबई क्राइम ब्रांच

GORAKHPUR: सिद्धार्थनगर जिले के कुख्यात डकैत राजू इस्माइल गैंग के सक्रिय सदस्य निजामुद्दीन को ज्वॉइंट ऑपरेशन में एसटीएफ गोरखपुर यूनिट और मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुवार की रात अरेस्ट किया। महाराष्ट्र के ठाणे में 50 लाख रुपए के लिए उसने प्रॉपर्टी डीलर की निर्मम हत्या कर दी थी। नौ साल पुराने हत्याकांड में फरार मुल्जिम को पकड़कर एसटीएफ ने सीजेएम कोर्ट में पेश किया। ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई पुलिस उसे अपने साथ ले गई। सीओ ने बताया कि निजामुद्दीन के खिलाफ सिद्धार्थनगर जिले में हिस्ट्रीशीट खुली है। वह कुख्यात डकैत राजू इस्माईल गैंग का सक्रिय सदस्य रह चुका है।

दो बार लौट चुकी थी मुंबई पुलिस

फरार निजामुद्दीन की तलाश में दो बार मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम सिद्धार्थनगर गई। गिरफ्तारी में नाकामी मिलने पर मुंबई पुलिस ने ने एसटीएफ से मदद मांगी। सीओ विकास चंद त्रिपाठी के नेतृत्व में गोरखपुर यूनिट उसकी तलाश में लगी रही। गुरुवार को निजामुद्दीन की सक्रियता की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच ने एसटीएफ को दी। गुरुवार की रात करीब ढाई बजे रेलवे स्टेशन रोड पर एसटीएफ ने निजामुद्दीन को पकड़ लिया। एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच के एसआई एसजी कुस्पे, नितिन ठाकरे की टीम ने निजामुद्दीन को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस उसे मुंबई लेकर चली गई।

दोस्त की हत्या करके लगाया था ठिकाने

एसटीएफ सीओ ने बताया कि 21 फरवरी 2009 को महाराष्ट्र के ठाणे, मुंबरा-पनवेल रोड के शिव गांव के समीप जंगल में कटा सिर मिला। पत्थरों के नीचे छिपा सिर देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जंगल में एक धड़ भी मिला। दोनों को जोड़कर पुलिस ने मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के बरहज थाना क्षेत्र के नौका टोला कपरवार निवासी प्रमोद शर्मा के रूप में की। वह मुंबई के ठाणे, नौपाड़ा में रहकर प्रापर्टी डीलिंग करता था।

पुलिस से बचने को बेचने लगा पान

जांच में सामने आया कि प्रमोद की हत्या 50 लाख रुपए के विवाद में की गई थी। प्रमोद के बिजनेस पार्टनर असउद्दीन लाल मोहम्मद ने सिद्धार्थनगर जिले के तिलखाना, नौगढ़ निवासी निजामुद्दीन को उसके हत्या की सुपारी दी थी। निजामुद्दीन ने अपने एक सहयोगी रफीकुल्लाह के साथ मिलकर प्रमोद को जंगल में घूमने के बहाने बुलाया। उसकी गरदन रेतकर सिर और धड़ को अलग- अलग फेंक दिया। पुलिस की दबाव बढ़ने पर निजामुद्दीन सिद्धार्थनगर भाग गया। नेपाल के लुंबनी, सिवलवा में जाकर पान की दुकान खोल ली।

डकैती डालकर भागा, हत्या करके लौटा

पुलिस की जांच में सामने आया कि निजामुद्दीन सिद्धार्थनगर में कबाड़ का काम करता था। इस दौरान उसका जुड़ाव डकैती के लिए कुख्यात राजू इस्माइल गैंग से हो गया। वह राजू का दाहिना हाथ बनकर काम करता था। डकैती में पुलिस उसकी तलाश शुरू की तो वह भागकर मुंबई चला गया। अपने परिचित मुंबरा निवासी असीउद्दीन लाल मोहम्मद खान से संपर्क होने पर उसने प्रमोद शर्मा की हत्या की सुपारी ली। हत्या के बाद अपने हिस्से की रकम लेकर वह सिद्धार्थनगर आ गया। नेपाल में जाकर पान की दुकान खोल ली। पुलिस का कहना है कि तेतरी बाजार, नौगढ़ थाना के हिस्ट्रीशीटर निजामुद्दीन के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। बम बांधते समय उसकी दो अंगुलिया उड़ गई थी। हालांकि निजामुद्दीन सभी आरोपों से इंकार करता रहा।

वर्जन

आरोपी निजामुद्दीन काफी खतरनाक किस्म का है। गला रेतकर सिर और धड़ करने की घटना से पुलिस हिल उठी थी। मुंबई पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापेमारी की तो वह भागकर नेपाल चला गया था। क्राइम ब्रांच ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखने लगी। रेलवे स्टेशन रोड पर उसके सक्रिय होने की सूचना मिली तो कार्रवाई की गई।

विकास चंद त्रिपाठी, सीओ क्राइम ब्रांच