- गोलघर में पार्किौंग नहीं होने से परेशान हैं व्यापारी

- लाखों लोगों के आने के बाद भी नहीं हैं मार्केट में सुविधाएं

- साफ-सफाई के भी नहीं रहते इंतजाम

GORAKHPUR: गोरखपुर का दिल कहे जाने वाले गोलघर मार्केट के व्यापारी निगम व प्रशासन की उदासीनता से स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। सड़कों की खराब स्थिति, खुले व अध ढके मेन होल, जलजमाव, पार्किग की कमी, सार्वजनिक पेयजल व शौचालय की अपर्याप्त व्यवस्था, आवारा जानवरों से बढ़ती दुर्घटना, सफाई की अव्यवस्था से तो व्यापारी परेशान ही थे। रेहड़ी-खोमचे की दुकानों से हो रही गंदगी और नियमों को दरकिनार कर गोलघर में खोली गई शराब की दुकानों ने मार्केट में अराजक तत्वों को भी बढ़ावा दिया है। पार्किग की समस्या को लेकर व्यापारियों के कई सुझावों की ओर तो अधिकारियों का ध्यान नहीं गया। लेकिन कई बार की मीटिंग में समस्याओं के सामने आने के बाद अधिकारियों के स्वयं आश्वासन देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। व्यापारी शहर में हो रहे विकास कार्यो पर तो खुशी जाहिर करते हैं, लेकिन सुस्त रफ्तार को व्यवसाय के लिए चिंताजनक बताते हैं।

गंदगी व जल जमाव बने समस्या

शहर के सेंटर में होने के बाद भी गोलघर मार्केट में अपर्याप्त सफाई और जल जमाव की समस्या बनी हुई है। इंदिरा बाल विहार तिराहा व बलदेव प्लाजा के पास जल जमाव की समस्या हमेशा बनी रहती है। जलकल गेट के पास बारिश के दिनों में जल जमाव के कारण दर्जन से अधिक दुकानों में पानी चला जाता है। बलदेव प्लाजा के सामने स्थित डस्टबिन ओवरफ्लो होने के बाद भी हटाया नहीं जाता है, जिसके कारण मार्केट में गंदगी फैलती है। नालियां तल्लीझाड़ सफाई नहीं होने से हल्की बारिश में ही ओवरफ्लो हो जाती हैं। व्यापारियों ने बताया कि नगर आयुक्त व मेयर को कई समस्याओं से अवगत कराया गया था, उन्होंने आश्वासन भी दिया था। लेकिन आज तक अतिक्रमण व सफाई को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

पार्किग की कमी बनी आफत

मार्केट के हालत का जिक्र करते हुए व्यापारियों ने बताया कि शहर की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में शामिल होने के बाद भी अभी तक गोलघर में पार्किग का इंतजाम नहीं किया जा सका है। पार्किग के अभाव में मार्केट आने वाले लोग सड़क पर ही गाडि़यां खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम की समस्या बढ़ती है। शाम के समय में रेहड़ी-खोमचे की दुकानों व पटरी पर खड़ी गाडि़यों के कारण पूरा मार्केट जाम हो जाता है। मार्केट में ही नियमों को ताक पर रखकर चल रही शराब की दुकान के कस्टमर्स भी राहगीरों के लिए आए दिन समस्या खड़ी करते रहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि पार्किग का उचित इंतजाम नहीं होने तक जाम की समस्या से राहत नहीं मिल सकती।

व्यापारियों के सुझाव

- कलेक्ट्रेट की पार्किग को रात 10 बजे तक खोल दिया जाए तो मार्केट को राहत मिल जाएगी।

- सार्वजनिक शौचालय, यूरिनल व पेयजल का इंतजाम जलकल बिल्डिंग की तरफ भी किया जाए।

- मार्केट से शराब की दुकानों को हटाया जाए।

- नालियों की तल्लीझाड़ सफाई कराई जाए।

- मार्केट की पटरियों से अवैध अतिक्रमण को जल्द हटाया जाए।

- मार्केट में ट्रैफिक सिस्टम को सख्ती से के साथ लागू किया जाए।

- मेनहोल को ठीक कर सफाई व्यवस्था को बेहतर किया जाए।

कोट्स

शराब की दुकान के कारण मार्केट में अराजकतत्वों की सक्रियता तेजी से बढ़ रही है। प्रशासन को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे शाम को लोग मार्केट में आने से कतराएं नहीं।

- विनय कुमार सिंह, बिजनेसमैन

शहर का सबसे मेन मार्केट खराब सड़क, अपर्याप्त सफाई की समस्या से परेशान है। संबंधित अधिकारियों को हम लोगों ने कई बार समस्या को लिखित देकर समाधान की मांग की। हमेशा केवल आश्वासन ही मिला। विकास कार्यो की सुस्ती भी चिंताजनक है।

- अनिल टेकड़ीवाल, बिजनसेमैन

रेहड़ी-खोमचे वालों के अतिक्रमण और इनके डिस्पोजल से होने वाली गंदगी से पूरा मार्केट प्रभावित है। निगम चौतरफा अभियान चला रहा है लेकिन सिटी के हार्ट की हालत खराब है।

- रविन्द्र मौर्या, बिजनेसमैन

पटरी पर अतिक्रमण गोलघर मार्केट की बड़ी समस्या है। रेहड़ी-खोमचे वालों ने तो परेशानी बढ़ाई ही है। कुछ दुकानदारों ने भी आवश्यकता से अधिक पटरी तक माल फैला लिया है।

- पवन जैन, बिजनेसमैन

कलेक्ट्रेट पार्किग को रात के लिए खोलकर मार्केट से जाम की समस्या को कम किया जा सकता है। इसके अलावा हमने कई मुद्दों पर प्रशासन व निगम को सुझाव दिया लेकिन संबंधित अधिकारियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।

- राम मोहन अग्रवाल, बिजनेसमैन

मार्केट में आवारा जानवरों की बढ़ती संख्या से दुघर्टनाएं अधिक हो रही हैं। ट्रैफिक नियमों के प्रति सतर्कता जरूरी है। प्रशासन गोलघर मार्केट की समस्याओं के प्रति उदासीन रहता है, जो चिंताजनक है।

- अतुल मेहरोत्रा, बिजनेसमैन