मजदूरी अधिनियम में होगा बदलाव
केंद्र सरकार देश के औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में राष्ट्रीय मासिक वेतन 15,000 रुपए करने की तैयारी में है. राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत 45 तरह की आर्थिक गतिविधियों को इस कानून में सूचीबद्घ किया गया. यही कानून राज्यों में भी लागू किया गया. हालांकि राज्य इस कानून के तहत 1,600 प्रकार की आर्थिक गतिविधियों को ला सकते हैं.

राज्यों की जल्द होगी बैठक
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय श्रम मंत्रालय इस संबंध जल्द ही सभी राज्यों की बैठक बुलाकर उनकी राय जानने की कोशिश करेगा. केंद्र चाहता है कि कानून में संशोधन कर नए सिरे से न्यूनतम वेतन तय किया जाए जिसे सभी राज्य लागू करें. एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रम मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अरुण कुमार सिन्हा ने कहा है कि न्यूनतम वेतनमान अधिनियम में संशोधन कर इसमें एक प्रावधान जोड़ा जाएगा. उसके तहत राष्ट्रीय दर राज्यों के लिए भी जरूरी होंगे. अब तक यह राज्यों के लिए सलाह तक ही सीमित थे, लेकिन अब इनका पालन आवश्यक कर दिया जाएगा.  

अब जॉब बदलने से मिलेगा छुटकारा

सरकार का यह नया नियम अगर सामने आता है, तो इससे लाखों लोगों को राहत मिल सकती है. इसका सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो कम सैलरी मिलने के कारण अपनी जॉब बदलते रहते हैं. अब ऐसे में उन्हें अपनी जॉब के साथ कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा और मनमाफिक पैसा मिलेगा. हालांकि श्रम क्षेत्रों पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट की इस बदलाव की कामयाबी को लेकर कई तरह की आशंकायें भी हैं. इन लोगों का मानना है कि अमेरका में ऐसा नियम कारगर साबित हो सकता है क्योंकि इसे तुरंत लागू कर दिया जाता है लेकिन यहां पर सिस्टम के कई तरह की खामियां हैं. ऐसे में इसको व्यवहार में लागू करना आसान नहीं होगा.

Hindi News from Business News Desk

 

Business News inextlive from Business News Desk