वाशिंगटन (पीटीआई)। बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने अपने देश में कानून के शासन और लोकतंत्र के समर्थन के लिए भारत से मदद मांगी है। अमेरिका में राजनीतिक शरण मांगने वाले सिन्हा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत सरकार को अवामी लीग की अगुआई वाली सरकार का समर्थन करके बांग्लादेशी लोगों की इच्छाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बता दें कि 67 वर्षीय सुरेंद्र कुमार सिन्हा बांग्लादेश के पहले हिंदू पूर्व चीफ जस्टिस हैं और उनका आरोप है कि उन्होंने देश में अलोकतांत्रिक और निरंकुश शासन का विरोध किया था। यही कारण रहा कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया।

अपने किताब का किया विमोचन
हालांकि, प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार सिन्हा के आरोपों से इंकार करती है। सिन्हा ने ये सब बातें अपनी किताब 'ए ब्रोकेन ड्रीम: रूल ऑफ लॉ, ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी' के विमोचन के मौके पर कही। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार, हसीना सरकार का समर्थन करके बांग्लादेश के लोगों की इच्छाओं को नजरअंदाज कर रही है।' इसके बाद बांग्लादेश सरकार में काबिज अवामी लीग द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोपों पर उन्होंने कहा, 'ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। मैं बांग्लादेश में वास्तविक लोकतंत्र देखना चाहता हूं।'

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