रोडवेज बस स्टैंड से लेकर बसों तक कहीं नहीं हैं सुरक्षा के इंतजाम
कोई भी स्टैंड पर या बस में आसानी से रख सकता है विस्फोटक
ALLAHABAD: बस में चढ़ें, कंडक्टर को पैसा देकर टिकट लें और भगवान का नाम जपना शुरू कर दें। यदि गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच गए तो आपका भाग्य वरना उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को आपकी सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। उत्तर प्रदेश विधान सभा में विस्फोटक पहुंचने के बाद जारी एलर्ट के बीच महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा जांच के क्रम में रियलिटी चेक करने के लिए रविवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सिविल लाइंस बस स्टैंड पहुंची।
कहीं कोई सुरक्षा नहीं
सिविल लाइंस बस स्टैंड चौराहे की तरफ के मेन गेट पर तीन चार बसे खड़ी थीं। ये लखनऊ, वाराणसी और सुल्तानपुर आदि के लिए रवाना होने की तैयारी में थीं। सभी बसों में यात्री बैठे थे लेकिन चालक और कंडक्टर गायब थे। कौन बस में चढ़ रहा है कौन उतर रहा है किसी को मतलब नहीं। अंदर लाइन से दर्जनों बसें खड़ीं थीं। सार्वजनिक शौचालय के इंट्री गेट पर बैठे युवक को बस इससे मतलब था कि टेबल पर पैसा रखें और अंदर चले जाएं आपके पास बैग या झोला आदि है तो उसे भी उसके पास छोड़ सकते हैं। फिर आप धीरे से निकल जाएं तो उसे पता भी ना चले।
नहीं दिखी सुरक्षा की चिंता
शौचालय के ठीक सामने यात्रियों के बैठने और नाश्ता आदि के लिए बनीं बिल्डिंग की सुरक्षा की चिंता भी किसी को नहीं दिखी। यहां से आगे बढ़े तो सामने जहां लखनऊ के लिए एसी बसें खड़ी होती हैं वहां बने यात्री प्रतिक्षालय और पूछताछ की सुरक्षा के लिए भी कोई नहीं दिखा। कोई भी यहां कभी आकर विस्फोटक रखकर आसानी से जा सकता है।
20
हजार रोज आवागमन करने वाले यात्रियों की संख्या
40
से 50 कर्मचारी, सिविल लाइन बस अड्डे पर
12
हजार बाहर से आने वाले यात्रियों की संख्या
रोडवेज बस स्टाप पर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती है। विभाग को यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम करना चाहिए। भीड़ भाड़े वाले स्थानों पर अक्सर बड़े हादसे और घटनाएं होती है। ऐसे में शहर के तमाम बस स्टापों पर सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए है।
आशिष दुबे
यात्रियों की सुरक्षा के लिए रोडवेज विभाग को कदम उठाने की जरुरत है। आज जिधर देखो उधर बड़ी घटनाएं हो रही है। विधान सभा की सुरक्षा ताजा घटना है। ऐसे में हर कोई डरा और सहमा हुआ है।
वीरेन्द्र गुप्ता
रोडवेज की तरफ से न तो बसों में कोई सुरक्षा के इंतजाम किए गए है और न ही यात्रियों के लिए बस स्टाप पर, आए दिन हो रहें आतंकी घटनाओं को देखते हुए लोग बसों और रेलवे में सफर करने से डर रहें है।
अंकित जायसवाल
यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़ हो रहा है। विभागीय अधिकारियों को बसों और बस स्टाप पर सुरक्षा के इंतजाम करने की जरुरत है। अगर पुलिस कर्मियों की तैनाती न हो सकती है तो प्राइवेट सुरक्षा कम से कम तैनात हो।
प्रीतू वर्मा
यहां करें शिकायत
महिला हेल्प लाइन - 182
पुलिस कंट्रोल रुम - 100
ये बरतें सावधानी
संदिग्ध अजनबी को देखकर पुलिस को सूचना दें
लावारिस वस्तु को कतई न छूएं
किसी की दी हुई चीज न खाएं
कहीं झगड़ा होने पर सूचित करें