नई दिल्ली (अाईएएनएस)। साधना सिंह ने उत्तर प्रदेश में मुगलसराय विधानसभा का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने शनिवार को एक रैली में मायावती को एक ट्रांसजेंडर से भी बदतर कहा था। मायावती पर कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करने के लिए अवसरवादी होने का आरोप लगाया था। साधना सिंह का कहना था कि एक महिला के कपड़े फाड़े जाते हैं उसके बाद भी वह राजनीति में भाग लेने के लिए आगे आती है। यह देश की महिलाओं के लिए अपमान है। वह किन्नर (ट्रांसजेंडर) से भी बदतर है, क्योंकि वह न तो पुरुष है और न ही महिला है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने भेजा था नोटिस

साधना सिंह इस बयान के बाद चाैतरफा घेरी जाने लगी। वहीं भाजपा विधायक साधना सिंह को उनके इस बयान के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने उनसे स्पष्टीकरण मांगने के लिए नोटिस जारी किया। कांग्रेस और सपा सहित विपक्ष से गहन हमला किया। कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना था कि इस तरह के अपमानजनक बयान एक नेता की निंदा करने वाले हैं। मुद्दों और विचारों पर मतभेद हो सकता है लेकिन यह निंदनीय है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस तरह का बयान देने वाली महिला नेता यूपी में सत्तारूढ़ पार्टी का प्रतिनिधित्व करती है।

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मेरा इरादा सिर्फ मायावती को याद दिलाना था

ऐसे में इसके बाद विधायक साधना सिंह ने एक बयान जारी किया कि उनका किसी का अपमान करने का इरादा नहीं था। उन्होंने केवल मायावती को 2 जून 1995 की घटना को याद दिलाने के लिए यह कहा था कि उस समय भाजपा ने उनकी कैसे मदद की थी। यदि उनके शब्दों से किसी को दुख पहुंचा है, तो वह इसके लिए माफी मांगती हैं। 1995 में जब उत्तर प्रदेश में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सपा नेताओं ने कथित रूप से मायावती पर लखनऊ में वीवीआईपी गेस्टहाउस में हमला करने का प्रयास किया था।

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