इतनी आई कंप्लेन

-34 कंप्लेन सी विजिल एप पर अभी तक आई हैं

-6 शिकायतें उनमें अधिकारियों द्वारा टेस्टिंग की हैं

-6 शिकायतें अभी तक मिली हैं जेन्यून

-12 शिकायतें फर्जी मिली हैं

-10 शिकायतें में अधिकारियों को समझ में नहीं हैं

- सेल्फी और फेक कंप्लेन अपलोड कर प्रशासन को किया जा रहा गुमराह

- आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत के लिए जारी किया है सी-विजिल एप

बरेली --

चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत के लिए सी-विजिल एप जारी किया था, लेकिन पब्लिक इसमें फेक कंप्लेन कर प्रशासन को गुमराह कर रही है. लोगों ने सी विजिल को मनोरंजन का साधन बना लिया है. लोग इसमें अपनी सेल्फी अपलोड कर रहे हैं. साथ ही नाम और पता न होने की वजह से प्रशासन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कुछ लोग फर्जी शिकायतें भी कर रहे हैं.

यह आ रहे हैं केस

केस नंबर 1

शिकायत की जगह सेल्फी

नवादा शेखान स्थित एक व्यक्ति ने सी-विजिल पर अपनी सेल्फी अपलोड कर दी. शिकायतकर्ता ने देर रात कमरे में बैठकर ली गई सेल्फी को शिकायत की जगह पर अपलोड कर दिया. फोटो देखकर अधिकारियों को समझ नहीं आया कि वह क्या कहना चाह रहा है. मोबाइल पर कॉल करने पर उसने रिसीव नहीं किया.

केस नंबर 2

नमो की आ रही कंप्लेन

पीलीभीत बाईपास रोड निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत में बताया कि टीवी पर एक नया चैनल नमो टीवी खुला है, जिसमें सिर्फ भाजपा के ही प्रोग्राम दिखाए जा रहे हैं. यह आचार संहिता का उल्लंघन है. कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारियों ने इस शिकायत को अपने सीनियर अधिकारियों के पास ट्रांसफर कर दिया और जबाव भेजने को कहा.

केस नंबर 3

दूसरे देश में मोदी की रैली

एक शिकायकर्ता ने लिखा कि यू-ट्यूब पर आचार संहिता का उल्लघंन किया जा रहा है. विदेश में हो रहे भाजपा सरकार के प्रचार को यू-ट्यूब पर दिखाया जा रहा है. जब अधिकारियों ने उसकी डिटेल लेनी चाही तो उसकी शिकायत में कोई डिटेल नही मिली. सिर्फ फोन नंबर पड़ा हुआ था. जब फोन पर संपर्क किया तो फोन भी बंद आ रहा था.

केस नंबर 4

फर्जी शिकायत से कर रहे परेशान

मिनि वाईपास स्थित एक व्यक्ति ने शिकायत में लिखा कि यहां पर किसी पार्टी विशेष का झंडा लगा हुआ है, लेकिन जब टीम शिकायत कर्ता के बताए गए लोकेशन पर पहुंची तो वहां पर कुछ भी नहीं मिला. टीम ने मौके पर पहुंचकर शिकायतकर्ता को फोन किया तो उसने फोन भी नहीं उठाया. जिसके बाद टीम ने उसे फेक सूचना बताकर खारिज कर दिया.

पब्लिक नहीं है अवेयर

एसीएम थर्ड के मुताबिक इस तरह की शिकायतें वह लोग करते हैं, जिन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. अभी तक पब्लिक इस बात से अवेयर नहीं है कि उन्हें किस तरह की शिकायतें करनी चाहिए और कहां करनी चाहिए. लोगों को अवेयर होने में अभी समय लगेगा.

ज्यादातर आईं फर्जी कंप्लेन

सी विजिल एप पर अभी तक 34 शिकायतें आई हैं, जिसमें से करीब 6 शिकायत जेन्यून थी, जिन्हें तत्काल सॉल्व कर दिया गया. बाकी की शिकायतें ऐसी थी कि जिसमें न तो शिकायत समझ आ रही थी और न ही शिकायतकर्ता से कॉन्टेक्ट हो पा रहा था. वहीं 12 शिकायतें फर्जी पाई गई और 6 शिकायतें टेस्ट मोड की है.