- फर्जी रसीद पकड़ा कर्मचारी भरते हैं अपनी जेब

- हाल ही में पकड़ी गई थी राप्तीनगर डिपो की फर्जी एमएसटी

GORAKHPUR: गोरखपुर परिवहन निगम के राप्तीनगर डिपो के बाद गोरखपुर डिपो में भी एमएसटी में खेल चालू हो गया है। यहां एमएसटी रिचार्ज कर फर्जी रसीद पकड़ा देने का मामला सामने आया है। जिसे कई महीनों से अधिकारियों ने दबा दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर डिपो से हर दिन दर्जन से ज्यादा एमएसटी रिचार्ज की जाती हैं, जिनमें से कुछ में खेल कर कर्मचारी अपनी जेब भर रहे हैं। जिससे हर महीने परिवहन विभाग को लाखों रुपए की चपत लग रही है। वहीं, धड़ल्ले से जारी इस मनमानी पर ध्यान देना तो दूर, जिम्मेदार अभी तक कुछ दिनों पहले ही पकड़ी गईं राप्तीनगर डिपो की कई फर्जी एमएसटी मामले तक में कोई ठोस कदम नहीं उठा सके हैं।

अधिकारियों की सुस्ती से यहां पर फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टर माइंड खूब चांदी काट रहे हैं।

अभी तक कोई नहीं जान पाया कि ये फर्जी एमएसटी किसने बनाई थी। वहीं गोरखपुर डिपो में भी

वर्ड पर तैयार करते हैं फार्मेट

सूत्रों के अनुसार गोरखपुर डिपो में इस फर्जीवाड़े के खेल को बहुत ही आसानी से अंजाम दिया जाता है। फर्जीवाड़े में लिप्त कर्मचारी सबसे पहले माइक्रोसॉफ्ट वर्ड पर एमएसटी रसीद का एक फार्मेट तैयार करते हैं। उसके बाद रिचार्ज कराने वालों से पैसे लेकर पुरानी रसीद पर एडिट कर फर्जी रसीद बना उन्हें पकड़ा देते हैं। जबकि एमएसटी बनवाने वाले को इसकी जरा भी भनक नहीं लगती है।

शिकायत पर भी कार्रवाई का पता नहीं

सूत्रों के अनुसार गोरखपुर डिपो में फर्जी एमएसटी का खेल तो काफी दिनों से चल रहा है लेकिन प्रॉपर चेंकिग न होने से मामला पकड़ में नहीं आता है। वहीं जो मामले पकड़े जाते हैं उन्हें जिम्मेदार दबा देते हैं। सूत्रों के अनुसार अप्रैल 2018 में गोरखपुर डिपो में तैनात एक कर्मचारी की बेटी की एमएसटी रिचार्ज की गई थी। जिसके फर्जी होने की शिकायत लेकर कुछ दिन बाद वो कर्मचारी रिचार्ज काउंटर पर गया भी था। लेकिन अपनी गर्दन फंसती देख वहां तैनात कर्मचारियों ने उसे समझाबुझाकर शांत कर दिया और उसकी बेटी की एमएसटी को फिर से आनन-फानन में रिचार्ज कर दिया गया। लेकिन, इस फर्जी रसीद को काउंटर पर मौजूद एक कर्मचारी ने गोरखपुर डिपो के टीएल को कार्रवाई के लिए तत्काल मेल कर दिया। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बॉक्स

डेली पांच से छह हजार की चोरी

सूत्रों के अनुसार गोरखपुर डिपों में हर दिन 25 से 30 हजार रुपए का एमएसटी रिचार्ज होता है। महीने में लगभग आठ लाख तक एमएसटी रिचार्ज हो जाता है। जिसमें सेंध लगाकर हर दिन लगभग पांच से छह हजार रुपए कर्मचारी अपनी जेब में डाल रहे हैं। जिससे हर महीने परिवहन निगम को लाखों का चूना लग रहा है। जबकि जिम्मेदार अधिकारी सुस्त पड़े हुए हैं।

वर्जन

इस मामले की जानकारी नहीं है, गोरखपुर डिपो के एआरएम से बात कर लें, वे ही कुछ बता पाएंगे।

- डीवी सिंह, आरएम गोरखपुर रीजन

मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं पता है। पता करवा कर बताता हूं। अगर ऐसा कुछ भी हुआ है तो कार्रवाई होगी।

- केके तिवारी, एआरएम गोरखपुर डिपो

मेरे पास कोई मेल नहीं आई थी। मैं फिर अपनी मेल चेक करूंगा। अभी तो सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा है। अगर कोई फर्जी रसीद का मामला सामने आता है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

- आलोक राय, टीएल