टेंट लगाकर जब्त किए गए

पहली बार पुलिस ऑफिस के बाहर टेंट लगाकर जब्त किए गए स्टाम्प पेपर, टिकट और जाली नोटों को रखना पड़ा। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना बड़ा रैकेट था। जी हां, करीब 100 करोड़ के स्टाम्प पेपर, पोस्टल टिकट, जाली नोट, एनएससी, किसान विकास पत्र जब्त किए गए हैं। इनके साथ 16 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया, जो इस कारोबार में शामिल थे। पुलिस ने इसे छापने वाला पूरा सेटअप जब्त किया है। इस बड़े रैकेट का खुलासा पत्रकार नगर थाना, रामकृष्णा नगर थाने एरिया में हुआ है। प्रिंटिंग मशीन लगाकर चल रहा यह धंधा थानों की नाक के नीचे चल रहा था, पर कई सालों से पुलिस को भनक भी नहीं थी।

पत्रकार नगर के अपार्टमेंट से अरेस्टिंग

पुलिस को मिली इंफॉरमेशन के बाद पत्रकार नगर के अभय अपार्टमेंट  के फ्लैट नम्बर 204 में रेड कर रंजीत सहित तीन लोगों को अरेस्ट कर लिया गया। रंजीत के साथ ही उसका साला श्याम भी रहता था। दोनों गोरखपुर के रहने वाले हैंं। इन लोगों की निशानदेही पर रामकृष्णा नगर थाना एरिया में रेड कर प्रिंटिंग प्रेस की जानकारी मिली, जहां से करोड़ों के नकली स्टाम्प बरामद किए।

वेंडर्स की है मिलीभगत

स्टाम्प पेपर की बिक्री बिना वेंडर के नहीं हो सकती। ऐसे में इन वेंडर्स की हेल्प से ही इन नकली स्टाम्प को खपाया जाता है। पुलिस ने जिन 16 लोगों को अरेस्ट किया है, उसमें दो वेंडर भी हैं। विनय पंडित और अशोक कुमार की हाईकोर्ट परिसर में दुकान है। सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि लोकल वेंडर्स भी इन लोगों से स्टाम्प की सप्लाई लेते हैं, सारे पहलुओं पर जांच होगी। पटना से स्टाम्प पेपर बिहार के अन्य डिस्ट्रिक्ट में तो भेजे ही जाते हैं, साथ ही कई स्टेट में भी इनकी सप्लाई ये लोग करते थे। पुलिस को इन लोगों से पूछताछ के बाद और उनके मोबाइल फोन की जांच से पता चला है, यूपी वेस्ट बंगाल, ओडि़सा, झारखण्ड सहित कई स्टेट में फर्जी स्टाम्प भेजे जा रहे थे।

ब्रिटेन व इंग्लैड की करेंसी भी मिली

पकड़े गए शातिरों के पास से नकली नोट की गड्डियां बरामद की गईं। इसके अलावा इनके पास से काफी मात्रा में ब्रिटेन और इंग्लैंड की करेंसी भी जब्त की गई। सीनियर एसपी मनु महाराज ने बताया कि बोरे में भरे इतनी करेंसी कहां से आईं, क्यों रखे गए थे, इसकी भी पूछताछ की जा रही है। कुछ और लोगों को दबोचना था, जो भाग निकले। जल्द ही और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

Arrested

रंजीत कुमार, फ्लैट नम्बर 204, अभय अपार्टमेंट, पत्रकार नगर

श्याम कुमार, फ्लैट नम्बर 204, अभय अपार्टमेंट, पत्रकार नगर

अर्जुन कुमार, बहादुरपुर,

मृत्युंजय कुमार, बहादुरपुर

राहुल कुमार, खाजेकलां

जितेन्द्र मिश्रा, फ्लैट नम्बर 504 रघुहरि अपार्टमेंट, पत्रकार नगर

विनय पंडित, पार्क रोड, कदमकुआं

अशोक कुमार, गोपालपुर पटना

मुकेश कुमार उर्फ लल्लू, साइंस कॉलेज के समीप, पीरबहोर

हेमकांत चौधरी उर्फ चौधरी जी, मुसल्लहपुर, कदमकुआं

मल्लू कुमार, मछुआटोली, कदमकुआं

राजकिशोर, आर्य कुमार रोड, कदमकुआं, स्थायी रूप से महाराजगंज, आजमगंज यूपी

अन्नू सिंह, अमरुदी गली, कदमकुआं

अमित कुमार, आर्य कुमार रोड, कदमकुआं,

बबलू कुमार, बाकरगंज, पीरबहोर, स्थायी रूप से बीचपुर 24 परगना पश्चिम बंगाल

मुन्न साव, चांगड़ कंकड़बाग

Obtained

- करीब 100 करोड़ से अधिक के स्टाम्प पेपर, डाक टिकट, राष्ट्रीय बचत पत्र, जिसमें 5 , 10,100, 200, 500, 750, 1000, 5000, 10000 और 20000 रुपए जब्त किये गए।

- पचास रुपए के जाली नोट की गड्डियां।

- 10 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक के नन जुडिशियल स्टांप।

- 5 रुपए से लेकर 500 रुपए तक के कोर्ट फी स्टाम्प।

- जाली बैंक चेक

- जाली राष्ट्रीय बचत पत्र(एनएससी)

- पांच रुपए से लेकर 20 रुपए तक का डाक टिकट।

फिलाटेलिक स्टांप टिकट जाली, दस रुपए और 20 रुपए का।

- जाली वेलफेयर स्टाम्प 10 रुपए।

- प्रिंटिंग पे्रस मशीन दो सेट।

- पेपर कटिंग मशीन और प्रिंटिंग इंक काट्रिज, प्रिटिंग ब्लॉक, कम्प्यूटर, प्रिन्टर, स्कैनर मशीन।

- जाली सेंट्रल रिक्रूटमेंट फी स्टांप 50 रुपए का।

SMS पर होती है डील

पकड़े गये रंजीत के मोबाइल फोन को चेक करने पर पता चला कि कई ऐसे एसएमएस आये हैं, जिसके थ्रू स्टाम्प पेपर की मांग की जाती थी। इसके बाद जितनी जरूरत हो, वहां फर्जी स्टाम्प पेपर पहुंचा दिए जाते थे। बिहार के बाहर से भी एसएमएस भेजे गये थे, साथ ही कुछ लोकल लोगों के भी मैसेज इनके मोबाइल फोन पर आये थे। पुलिस इन सारे नेटवर्क की छानबीन करेगी। कई और बड़े लोग पुलिस की चपेट में आ सकते हैं।

Shortage का खेल

फर्जी स्टाम्प पेपर को खपाने का खेल तो काफी दिनों से चल रहा है। एक बार नहीं, कई बार तो गांधी मैदान थाने की पुलिस ने पटना कलेक्ट्रेरिएट से नकली स्टाम्प और उसे बेचने वाले वेंडर्स को पकड़ा है। अक्सर यह माहौल बनाया जाता है कि स्टाम्प पेपर खत्म हो गए, नहीं मिल रहे। 100 रुपए के स्टाम्प पेपर 500 रुपए में बेचे जाते हैं। इस दौरान ही इन नकली स्टाम्प को मार्केट में खपा दिया जाता है।

ऐसे पहचानें नकली नोट

- नोट के वाटर मार्क में महात्मा गांधी की तस्वीर होती है, जो लाइट पर दिखती है।

- नोट का कागज ज्यादा रिफाइन और खुरदरा होता है। हाथ से छूने पर महसूस हो जाता है।

- नोट के राइट साइड में महात्मा गांधी की तस्वीर के पास नोट की राशि लिखी होती है, जो लाइट में 45 डिग्री पर साफ दिखती है।

-बैंक नोट की प्रिंट की चमक अलग होती है। इसमें ऑप्टिकल फाइबर्स होते हैं। इन्हें अल्ट्रा वायलेट लैम्प में देख सकते हैं।

-नोट के राइट साइड में नीचे रिजर्व बैंक का सील, गारंटी और प्रोमिस क्लाउज के साथ अशोक स्तंभ, रिजर्व बैंक के गवर्नर का सिग्नेचर होता है।

-लेफ्ट साइड वाटरमार्क विंडो के पास बीच में डिफरेंट शेप का डिनोमिनेशन होता है।

20 रुपए - वर्टिकल रेक्टेंगल

50 रुपए -स्क्वायर

100 रुपए- ट्राइंगल

500 रुपए- सर्किल

1000 रुपए- डायमंड

नकली डाक टिकट की पहचान

- डाक टिकट का परफोरेशन एकदम क्लीयर होता है। मतलब उसके किनारे के कटे हुए भाग सारे बराबर होते हैं।

-डाक टिकट के कलर स्किन की क्वालिटी बिल्कुल अलग होती है।

- इसका वाटर मार्क की क्वालिटी, उस पर अशोक स्तंभ पूरी टिकट पर होता है।

-डाक टिकट के असली होने की सबसे बड़ी पहचान उसकी पेपर क्वालिटी है, जो नकली में नहीं हो सकती।

(पोस्टल डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट से मिली जानकारी के आधार पर)