- ई प्रोटेक्ट फाउंडेशन कर रहा है ऐसे मामलों में पीडि़तों की मदद

- हर रोज आते हैं फाउंडेशन के पास इस तरह के मामले

देहरादून।

साइबर बुलिंग के केसेज से दूनाइटस परेशान हैं। किसी की फेसबुक आईडी हैक हो रही है तो किसी को अपने लिव इन रिलेशनशिप ही आगे चलकर भारी पड़ रहे हैं। यही नहीं दूसरी साइट्स पर किए जाने वाले कमेंट्स से भी लोग आपस में भिड़ रहे हैं। ई-प्रोटेक्ट फाउंडेशन के पास ऐसे कई मामले आ रहे हैं। इनमें हनी ट्रेप के मामले भी शामिल हैं।

फ्रैंड के कजन ने बनाई फेक आईडी

नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक युवती की किसी लड़के ने फेक आईडी बना ली। इसके बाद युवती की नकली पिक्स बनाकर उसके फ्रैंडस को टैग करने लगा। युवती ने जब लड़के संपर्क किया तो उसने उसकी फ्रैंडस के कांटेक्ट नंबर्स मांगे और नंबर न देने पर गंदी पिक्स बनाकर अपलोड करने की धमकी दी। युवती फाउंडेशन के पास पहुंची तो फाउंडेशन ने फेक आईडी बनाकर लड़के को एक लिंक भेजा, जिससे लड़के का आईपी एड्रेस और लोकेशन ट्रेस हो गया। लड़के का एड्रेस फ्रैंड के घर के पास मिला। तब पता चला कि वह लड़की की फ्रैंड का ही कजन है।

नर्स से मांगता था पैसे

दून के एक सरकारी अस्पताल में काम करने वाली नर्स युवक के साथ लिव इन में रहती थी। दोनों के बीच शादी की बात हुई, हालांकि शादी नहीं हो पाई। इसके बाद युवक ने युवकी को ब्लेकमैल करना शुरू कर दिया। वह लगातार उससे पैसे वसूलता रहता था। कभी पांच हजार, कभी दस हजार और एक बार तो फूड वैन का काम शुरू करने के लिए साठ हजार रुपये तक लड़की से ले लिए और पैसा न देने पर उसकी पर्सनल फोटोग्राफ सोशल साइट्स पर शेयर करने की धमकी देने लगा। युवती ने फाउंडेशन वालों से बात की तो उन्होंने लड़के से बात कर उसे समझाया और चालाकी दिखाते हुए उसके पास की सभी पिक्चर्स डिलीट कर दी।

कमेंट पर हो गया झगड़ा

मसूरी की एक युवती कहीं घूमने गई। उस लोकेशन को लेकर उसने गूगल पर रिव्यू कमेंट किए। उस पर ही किसी युवक ने लड़की की शक्ल को भद्दी बताते हुए गलत काम करने जैसे कमेंट कर दिए। लड़की भड़क गई, उसने लड़के को झाड़ा। धीरे-धीरे झगड़ा बढ़ गया। लड़की ने फाउंडेशन के सदस्यों से बात की तो इन्होंने लड़की के नाम से फेक आईडी बनाई, जिसके माध्यम से लड़के से बात की और मिलने बुलाया। लड़के के आने पर उसे थाने ले जाया गया।

फाउंडेशन के पास रोज ही साइबर बुलिंग के मामले आ रहे हैं। ऐसे मामलों में हनी ट्रेप किया जाता है यानी दूसरे व्यक्ति को पहले जाल में फंसाया जाता है। शिकायत करने वाले व्यक्ति की जानकारी गुप्त रखी जाती है इसलिए लड़कियां ऐसे मामलों में घबराएं नहीं बल्कि तुरंत एक्शन लें।

अंकुर चंद्रकांत, साइबर एक्सपर्ट एवं संस्थापक ई-प्रोटेक्ट फाउंडेशन