जलभराव के चलते पनपने लगे मच्छर, जून में चढ़ा मलेरिया का ग्राफ

तीन वार्डो में शुरू हुआ एंटी लार्वा स्प्रे, तैयार नहीं फागिंग का प्लान

ALLAHABAD: मानसून की रिमझिम बारिश के साथ ही मच्छरों के बढ़ने से लोगों को मलेरिया का डर सताने लगा है। शहर के कई इलाकों में बारिश के चलते हुए जलभराव से मच्छरों के पनपने का अंदेशा भी बढ़ गया है, जिसकी ओर जिला मलेरिया विभाग की रिपोर्ट इशारा कर रही है। जून में अचानक बढ़े मलेरिया के मरीजों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हो गए हैं लेकिन नगर निगम अभी भी बेपरवाह बना है। अभी तक निगम ने शहर का फागिंग का प्लान तैयार नहीं किया है।

अकेले जून में चार सौ से अधिक मरीज

आमतौर पर 15 मई से मलेरिया का सीजन स्टार्ट हो जाता है। इस बार भी मानसून ने बीस जून के बाद दस्तक दी तो शहर में जगह-जगह जलभराव होने लगा। इसके चलते मच्छरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है, जिसका असर दिखने लगा है। जहां, जनवरी से लेकर अभी तक कुल 987 मलेरिया के मरीज सामने आए हैँ उनमें से अकेले 410 मरीज जून के महीने में चिंहित किए गए हैं। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बड़ी संख्या में मरीजों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। जिला मलेरिया अधिकारी केपी द्विवेदी ने बताया कि जून में संदेह के आधार पर 12 हजार से अधिक स्लाइड बनाकर खून की जांच की गई है।

कब शुरू होगी फागिंग

मलेरिया और डेंगू का सीजन स्टार्ट होने के बावजूद अभी तक नगर निगम ने अपना फागिंग प्लान तैयार नहीं किया है और न ही इसकी सूचना जिला मलेरिया विभाग को सौंपी है। उधर, खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जसरा, शंकरगढ़, मेजा, रामनगर, कोरांव, करछना आदि इलाकों में दवाओं का छिड़काव शुरू कर दिया है। शहर के कॉल्विन हॉस्पिटल, तेलिरयगंज और रामबाग एरिया में एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों की माने तो समय रहते फागिंग शुरू नहीं की गई तो पिछले कुछ सालों की तरह मलेरिया का ग्राफ ऊचाई पर जा सकता है।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं होशियार

अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां मलेरिया का फैलना आम बात है तो इन लक्षणों को हल्के में कतई न लें

-तेज़ बुखार

-पसीना

-ठंड और कंपकंपी

-सिरदर्द

-मांसपेशियो में दर्द

-थकान

-जी मिचलाना

-उल्टी

-दस्त

-अगर मलेरिया का इलाज न करवाया जाए, तो शरीर में खून की भारी कमी हो सकती है और जान भी जा सकती है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह बीमारी अधिक खतरनाक है।

रोकथाम व इलाज

मलेरिया फैलाने वाला एनाफिलीज मच्छर शाम को अंधेरे में या सुबह के वक्त काटता है। इसलिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे बदन के कपड़े पहनें। घर में मच्छर भगाने वाली दवा का इस्तेमाल होशियारी से करें। फिजीशियन डॉ। आशुतोष गुप्ता कहते हैं कि मच्छरों की रोकथाम के लिए उपयोग लाने वाले कीटनाशक उन पर बेअसर साबित होते जा रहे हैं, ऐसे में लोगों को मलेरिया की रोकथाम करनी है तो सर्वप्रथम खुद को मच्छरों के काटने से बचाना है। अगर लक्षण दिख रहे हैं तो बिना देरी किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।