-डॉक्टर्स और स्टाफ के लिए इमरजेंसी में 20 बेड रिजर्व करने की मांग

-लागू किया जाए स्टाफ के लिए ड्रेस कोड

LUCKNOW: एसजीपीजीआई फैकल्टी फोरम और नर्सिग स्टाफ एसोसिएशन अब एक जुट हो गए हैं। एक साथ मिलकर दोनों संगठनों ने डायरेक्टर से संस्थान के हित में निर्णय लेने की मांग की है।

फैकल्टी फोरम के सचिव प्रो। एमएस अंसारी, अध्यक्ष प्रो। अशोक कुमार, नर्सिग स्टाफ एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर अब एक साथ संघर्ष करने का निर्णय लिया है। दोनों संगठनों ने कहा है कि ड्रेस कोड न होने के कारण संस्थान में मरीज टप्पे बाजी के शिकार हो रहे हैं। अपने को कर्मचारी बता कर टप्पेबाज परेशान मरीज के तीमारदारों से ठगी कर लेते हैं। ड्रेस कोड होने पर मरीजों और तीमारदारों के साथ होने वाली ठगी से राहत मिलेगी।

इमरजेंसी में 20 बेड हो रिजर्व

दोनों ही संगठनों के सदस्यों ने अब संस्थान में कर्मचारियों, डॉक्टर्स के लिए इमरजेंसी में 20 बेड रिजर्व करने की मांग की है। गौरतलब है कि संस्थान में 2000 से अधिक कर्मचारी अधिकारी हैं जिन्हे इलाज के लिए भटकना पड़ता है। कई बार उन्हें इमजरेंसी के समय बेड नहीं मिल पाता तो ओपीडी में दिखाने के लिए भी उन्हें इंतजार करना पड़ता है। इसलिए संस्थान के अधिकारियों, कर्मचारियों को देखने के लिए वरीयता दी जाए। सामान्य अस्पताल में भी पहले स्टाफ को देखा जाए।

बनाया जाए क्रेच

कर्मचारियों ने 24 घंटे क्रेच बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 5 सौ से अधिक महिला कर्मचारी हैं इसलिए यहां पर क्रेच बनाने का नियम है, लेकिन संस्थान की ओर से इस दिशा में कोई कदम आज तक नहीं उठाया गया। दोनों संगठनों ने आउट सोर्सिग के कर्मचारियों से ही काम लेने का निर्णय लिया, लेकिन साथ में नियमित भर्ती प्रक्रिया भी चलती रहे। क्योंकि संविदा कर्मी के भरोसे संस्थान को नहीं छोड़ा जा सकता।