-डायरेक्टर हंसल मेहता इन दिनों शहर में अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग को लेकर बिजी हैं

BAREILLY: नेशनल अवार्ड विनर फिल्म डायरेक्टर हंसल मेहता इन दिनों शहर में अपनी अपकमिंग फिल्म की शूटिंग को लेकर बिजी हैं। जिसके लीड रोल में मनोज वाजपेयी हैं। उनकी फिल्म की पटकथा अलीगढ़ क्षेत्र पर बेस्ड है। बावजूद इसके वे अपनी फिल्म की पूरी शूटिंग बरेली में कर रहे हैं। शहर के विभिन्न लोकेशन को अलीगढ़ का लुक दिया जा रहा है। अलीगढ़ में शूटिंग न करने के पीछे उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि फिल्मों के लिहाज से शहर का लोकेशन काफी खूबसूरत है। यहां के लोकेशन को फिल्मों में यूज नहीं किया जाता है, लेकिन उन्हें शहर परिदृश्य भा गया। हालांकि किसी विवाद ना पड़ने के लिए उन्होंने अलीगढ़ सिटी में फिल्म को शूट नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस सवाल को उन्होंने बड़े ही सहजता से खारिज कर दिया।

सच्ची कहानियों पर अाधारित है

प्रोड्यूसर की तरफ से फिल्म के बारे में कुछ भी कहने से साफ मनाई है। अपनी फिल्म को लेकर उन्होंने बताया कि इसमें कई सच्ची कहानियों का समावेश किया गया है। फिल्म की पटकथा अपूर्वा सेन और ईशानी बैनर्जी के लिखे नॉवेल पर आधारित है। पिछली अवार्ड फिल्म शाहिद की तरह इस फिल्म को उन्होंने विवाद से परे बताया। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि शाहिद को धर्म से जोड़कर विवादित कर दिया गया। जबकि उनके फिल्म में ऐसा कोई मैसेज नहीं था। उनके फिल्म में पॉलीटिकल टच जरूर होता है, और ऐसी फिल्म बनाने में उन्हें मजा आता है। इस फिल्म में भी पॉलीटिकल टच दिया गया है।

अब सीरियल नहीं

हंसल मेहता ने खाना खजाना सीरियल को डायरेक्ट कर करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कई और सीरियल डायरेक्ट किए। अब वे पूरी तरह से फिल्मों पर ही फोकस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब टीवी सीरियल डायरेक्ट करने की नहीं सोच रहे। फिलहाल एक ही फिल्म पर काम कर रहे हैं। लीग से हटकर फिल्म बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे ऐसी ही पटकथा पर फिल्म बनाते हैं जो सभी लोगों से रिलेट करती हो। जिसमें रिएलिटी का आभास हो। तड़क-भड़क वाली फिल्मों से वे परहेज करते हैं।

शूटिंग में हुआ विरोध

सैटरडे को फिल्म की शूटिंग बरेली कॉलेज में हो रही थी। इसी दौरान छात्रनेताओं के विरोध से यहां पर विवाद खड़ा हो गया है। बरेली कॉलेज को वे अलीगढ़ कॉलेज का लुक दे रहे हैं। प्रिंसिपल के ऑफिस में लगी सूचना पट पर उन्होंने बरेली कॉलेज का नाम मिटा कर प्रिंसिपल कॉलेज लिख दिया। जिस पर विशाल यादव, फैज मोहम्मद समेत कई छात्रनेताओं ने इसका विरोध किया। यही नहीं उन्होंने प्रिंसिपल की कुर्सी पर गलत ढंग से बैठने का भी विरोध किया। छात्रनेताओं डायरेक्टर से आपत्ति जताई। जिसके बाद डायरेक्टर ने क्रू मेंबर्स से ऐसा ना करने के निर्देश दिए।