70 के करीब मामले रोज हो रहे दर्ज
5 साल में बढ़े ठगी के चार गुना मामले
1 पोजीशन में राजधानी ठगी के मामले में
43 थाने हैं राजधानी में
- लचर पैरवी और कार्रवाई के चलते छूट जाते हैं ठग
- पुलिस अब जांच के बाद ही केस दर्ज करने की कर रही तैयारी
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LUCKNOW: राजधानी ठगी के मामले में प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी पहले स्थान पर है। ऑनलाइन ठगी के साथ मैनुअल ठगी के मामले यहां रोज दर्ज हो रहे हैं। पुलिस भी बहुत कम मामलों में चार्जशीट दाखिल कर आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज पाती है। लचर कार्रवाई के चलते आरोपी कानूनी प्रक्रिया से बचकर बाहर आ जाते हैं और फिर ठगी के धंधे में लग जाते हैं।
हर दिन 60 से 70 केस
राजधानी के 43 थानों में डेली 60 से 70 केस दर्ज होते हैं। इसमें मैनुअल ठगी के साथ-साथ ऑनलाइन ठगी के मामले भी शामिल हैं। गाजीपुर, विकास नगर एरिया में मई और जून माह में टप्पेबाजी और ठगी के करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए गए। कुछ ऐसे ही हालात हर थाने के हैं। इसके अलावा साइबर सेल और अन्य सेल में भी ठगी की शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
कैसे बच जाते है आरोपी
ठगी के केस में बहुत कम चार्जशीट दाखिल होती हैं। इसकी विवेचना इतनी लंबी और कठिन होती है विवेचक केस में पर्चे तो काटते हैं लेकिन चार्जशीट दाखिल करने से बचते हैं। लंबी प्रक्रिया के चलते कई बार आरोपी बच जाते हैं।
साक्ष्य जुटाने में मुश्किल
फ्राड के मामले में विवेचक को सबसे बड़ी मुश्किल साक्ष्य जुटाने में आती है। साक्ष्य के अभाव के चलते ही आरोपी केस से बच जाते है। फ्राड होने की दशा में घटनास्थल से लेकर उसके उद्देश्य की स्थिति अहम होती है। कई बार केस दर्ज कराने के बाद वादी के मजबूत पैरवी न करने पर केस छूट जाता है।
जांच के बाद केस होगा दर्ज
अब ठगी के मामले में आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने और कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस ठगी के मामले में जांच के बाद केस दर्ज करने की तैयारी है। मतलब जांच में साक्ष्य को जुटाने के लिए केस दर्ज कर उसकी विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की जाए ताकि आरोपियों को सजा मिल सके।
इस तरह होती है आॅनलाइन ठगी
- नेट बैकिंग फ्राड
- एडीएम क्लोन फ्राड
- मेल स्कूमिंग फ्राड
- फेक साइट से ऑनलाइन आर्डर पर फ्राड
- टूरिस्ट व एयर टिकट बुकिंग फ्राड
- ओएलएक्स पर खरीदने बेचने के नाम पर फ्राड
इस तरह होती है ऑफलाइन ठगी
- नौकरी का झांसा देकर ठगी
- ठेका और कांट्रेक्टर के नाम पर फ्राड
- फ्लैट व जमीन खरीदने बेचने का फ्राड
- गाडि़यों को ट्रैवल्स में लगवाने के नाम पर फ्राड
ऑनलाइन ठगी का आंकड़ा
वर्ष ऑनलाइन फ्राड
2015 735
2016 1120
2017 1702
2018 1854
2019 1404 (अब तक)
ऑफलाइन फ्राड के आंकड़े
वर्ष ऑफलाइन फ्राड
2015 640
2016 975
2017 1125
2018 1240
2019 1064 (अब तक)
यहां ऑफलाइन ठगी ज्यादा
मैनुअल ठगी के सर्वाधिक मामले हजरतगंज, विभूतिखंड, गोमती नगर, गाजीपुर और आशियाना में दर्ज होते हैं। इसके अलावा मडि़यांव और कैसरबाग में भी मैनुअल ठगी के मामले दर्ज होते हैं। इन इलाकों में सबसे ज्यादा सरकारी और गैर सरकारी ऑफिस होने के चलते मैनुअल ठगी के मामले दर्ज हो रहे हैं।