- ट्रैफिक पुलिस तीन चरणों में चलाएगी अभियान

- संशोधित स्कूल वाहन नियमावली लागू

- स्कूल प्रबंधक को भी करना होगा एफआईआर का सामना

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW : अगर आप अपने बच्चे को ओवरलोड स्कूल वैन में बिठाकर स्कूल भेज रहे हैं तो अलर्ट हो जाइये। ट्रैफिक पुलिस 15 अगस्त के बाद आपके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराएगी। संशोधित स्कूल वाहन नियमावली लागू होने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला किया है। जिसके तहत पहले वॉर्निग, फिर चालान और तीसरे चरण में वाहन सीज किया जाएगा। इतना ही नहीं, पेरेंट्स के साथ ही जिस स्कूल में बच्चा जाता है, उसके प्रबंधक को भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।

तीन चरणों में चलेगा अभियान

एसपी ट्रैफिक पूर्णेदु सिंह ने बताया कि स्कूल वाहन नियमावली-1998 को शासन ने संशोधित कर बीती 27 मई को लागू कर दिया है। जिसके बाद स्कूल वाहनों को लेकर जारी गाइडलाइन के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस तीन चरणों में अभियान चलाएगी। इसके तहत 21 जुलाई तक सभी स्कूलों में स्कूल वैन व बस की पड़ताल व उनकी कमियों पर वॉर्निग दी जाएगी। 22 जुलाई से 15 अगस्त तक कमी वाली वैन व बसों का चालान किया जाएगा। इसके बाद भी अगर कोई वैन या स्कूल बस निर्धारित सीट क्षमता से अधिक बच्चे बिठाती हैं या फिर उनके कागजों में कमी है तो उन वाहनों को सीज कर दिया जाएगा। एसपी सिंह ने बताया कि आमतौर पर देखा गया है कि स्कूल वैन में निर्धारित सीट क्षमता से ज्यादा बच्चों को बिठाकर स्कूल पहुंचाया जाता है। संशोधित नियमावली में ऐसी वैन को सीज करने के साथ ही बच्चों के पेरेंट्स व स्कूल प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान है। उनके खिलाफ धारा 279 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

परिवहन सुरक्षा समिति करेगी मॉनीटरिंग

स्कूल वाहनों से होने वाले हादसों और उनसे स्कूल प्रबंधन द्वारा पल्ला झाड़ना अब संभव नहीं होगा। एसपी सिंह ने बताया कि हर स्कूल में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति गठित की जाएगी। जिसके अध्यक्ष स्कूल के प्रिंसिपल जबकि सदस्य के रूप में डीएम द्वारा नामित नायब तहसीलदार, लोकल एसएचओ, चौकी इंचार्ज, डीआईओएस व बीएसए द्वारा नामित एडीआईओएस सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल आने-जाने वाले वाहनों का भौतिक सत्यापन व वैध प्रपत्रों की जांच यह समिति करेगी। सभी स्कूलों में 31 जुलाई तक परिवहन सुरक्षा समिति की बैठक सुनिश्चित कराई जा रही है। साथ ही इसी मियाद में स्कूल में संचालित स्कूल वाहनों के ड्राइवर्स का आई टेस्ट भी कराने की तैयारी है। इसके अलावा सभी स्कूल वाहन ड्राइवर्स के पुलिस सत्यापन कराकर एक स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा।

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वैन व बस का किराया तय करेगी समिति

एसपी पूर्णेदु सिंह ने बताया कि निर्धारित सीट क्षमता के मुताबिक बच्चों को बिठाने पर स्कूल वैन संचालक मनमर्जी किराया बढ़ा सकते हैं। इसलिए, स्कूलों में बनने वाली परिवहन सुरक्षा समिति को यह अधिकार दिया गया है कि वह बच्चों के घर से स्कूल की दूरी के मुताबिक वैन या बस का किराया तय करेगी। ताकि, पेरेंट्स की जेब पर ज्यादा असर न पड़ सके।

वर्जन

संशोधित स्कूल वाहन सुरक्षा नियमावली लागू कर दी गई है। इसी के मुताबिक लखनऊ ट्रैफिक पुलिस तीन चरणों में अभियान शुरू करने जा रही है। अब पेरेंट्स को भी सतर्कता बरतनी होगी कि वे ओवरलोड वाहनों में अपने बच्चों को स्कूल न भेजें अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

- पूर्णेदु सिंह, एसपी ट्रैफिक