DEHRADUN: 14 से 20 अप्रैल तक मनाए गए फायर वीक में राजधानी दून के तमाम स्कूलों के अलावा होटल्स, इंडस्ट्रीयल एरियाज में फायर सर्विस डिपार्टमेंट ने पब्लिक अवेयरनेस प्रोग्राम संचालित किए. फायर इक्विपमेंट के संचालन को लेकर बकायदा डेमो कराया गया, लेकिन फायर सर्विस डिपार्टमेंट के सामने सबसे बड़ा चैलेंज संकरी व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में आगजनी की घटनाएं सामने आने के बाद वहां तक फायर बुझाने के वाहनों को पहुंचाना है. इसके लिए दून, ऋषिकेश व मसूरी के कई मार्केट चिन्हित किए गए हैं. फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि कोशिशों के बावजूद इसका कोई हल नहीं निकल पा रहा है.

ये हैं सेंसेटिव एरियाज

- दून का पलटन मार्केट

- दून का इंदिरा मार्केट.

- दून का प्रेमनगर मार्केट.

- ऋषिकेश का मुखर्जी मार्केट.

- मसूरी की मालरोड.

फायर सर्विस डिपार्टमेंट की चिंताएं शुरू

हर बार की तर्ज पर इस बार भी फायर सीजन शुरू हो गया है, लेकिन हर बार जब भी सीजन शुरू होता है, फायर सर्विस की चिंताएं बढ़नी शुरू हो जाती हैं. डिपार्टमेंट का कहना है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में आग बुझाने के लिए बड़े-बड़े वाहनों का पहुंच पाना सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है. सीएफओ एसके राणा कहते हैं यह दिक्कत डे-टाइम में सबसे ज्यादा आती है. ऐसे में आग बुझाने के लिए छोटे वाहनों की हेल्प ली जाती है. बताया जा रहा है दून, मसूरी, ऋषिकेश के बोटल नेक मार्केट में वाहनों के न पहुंच पाने का कारण सड़कों पर अतिक्रमण सबसे बड़ी वजह है.

नियमों की अनदेखी

शहरों में मल्टीस्टोरी होटल्स, बिल्डिंग्स, इंडस्ट्रीज आदि के फायर नॉ‌र्म्स के नियमों की अनदेखी के मामले भी सामने आते रहे हैं. बताया जा रहा है कि राज्य में फायर नियमावली लागू न होने के कारण इनफोर्समेंट की दिक्कत आ रही है. अधिकारी बताते हैं कि स्टेट का फायर एक्ट 2016 में तैयार हो चुका है. लेकिन कैबिनेट व सदन से मंजूरी मिलनी बाकी है. जिसके बाद इन्फोर्समेंट की कार्रवाई आसान हो पाएगी.