-कमरे के अंदर आग लगने से जलकर मौत, आसपास के लोगों को भी नहंीं लगी भनक

BAREILLY: शहर की पॉश कॉलोनी रामपुर गार्डन में एक बुजुर्ग की घर के अंदर ही चिता बन गई। सैटरडे रात में मकान के अंदर आग लग गई और आग पूरी रात जलती रही, लेकिन किसी को आग लगने का पता नहीं चला और बुजुर्ग ने जलकर दम तोड़ दिया। संडे शाम को जब रिश्तेदार ने फोन न उठने पर घर आकर देखा तो हादसे का पता चला। घर में खिड़की-दरवाजे पूरी तरह से जल गए थे और लिंटर भी नीचे गिरने लगा था। मकान में आग कैसे लगी, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

पीछे के कमरे में रहते थे

प्रभा टॉकीज के सामने 35 जे-4 रामपुर गार्डन में 62 वर्षीय अरुण अरोड़ा (62) अकेले रहते थे। उनका अपने भाइयों से विवाद चल रहा था और उन्होंने शादी भी नहीं की थी। घर में किसी का आना जाना भी नहीं था। घर में तीन-चार कमरे हैं लेकिन अरुण सबसे पीछे वाले कमरे में रहते थे। इस कमरे में भी ज्यादा कोई सामान नहीं था, सिर्फ एक फोल्डिंग पलंग और कुछ जरूरत का सामान था। इसके अलावा सभी कमरों मे ताला लगा रहता था।

फोन न मिलने पर आयीं बुआ

अरुण के चचेरे भाई संजय अरोड़ा ने बताया कि अरुण की शुरू से किसी की नहीं बनती थी। राजेन्द्र नगर में अरुण की बुआ लक्ष्मी अरोड़ा रहती थीं। अरुण रोजाना सुबह उनके यहां खाना खाने चले जाते थे और शाम को अपने घर वापस आ जाते थे। अरुण सैटरडे को भी बुआ के घर गए थे लेकिन संडे सुबह जब वह खाना खाने नहीं आए तो उन्होंने फोन लगाया। कई बार कॉल करने पर भी जब फोन नहीं लगा तो वह रामपुर गार्डन पहुंची। उन्होंने गेट से काफी आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो वह पीछे के रास्ते गई तो देखा कि कमरे से धुंआ निकल रहा था और खिड़की दरवाजे जल चुके थे। इसके बाद उन्होंने यूपी 100 को सूचना दी।

नीचे का पूरा हिस्सा जल गया

सूचना पर यूपी 100 और चौकी इंचार्ज प्रीति पंवार मौके पर पहुंची और घर का दरवाजा तोड़कर अंदर गई। फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया। अंदर अरुण की लाश पूरी तरह से कमर के नीचे जल चुकी थी। आग के कारण दीवार व छत का प्लास्टर भी टूटकर नीचे गिर चुका था। कमरे में रखा सारा सामान जल चुका था। सिर्फ एक सिलिंडर बचा था। यदि इसमें भी आग लग जाती तो ब्लास्ट भी हो सकता था।

सोते समय लगी आग

पुलिस आशंका जता रही है कि पूरी रात कमरे में आग सुलगती रही होगी। आस-पड़ोसियों का कहना है कि किसी ने भी वृद्ध की चीख नहीं सुनी। परिवार के नाम पर महज उनकी बुआ और पड़ोस में रहने वाले चचेरे भाई संजय अरोड़ा ही सामने आए। संजय ने बताया कि अरुण के एक भाई बबलू ने अरुण पर मकान के बंटवारे को लेकर अदालत में केस भी कर रखा है। अरुण की अपने भाई बबलू व अतुल अरोड़ा से भी नहीं बनती थी। लिहाजा किसी का उनके घर आना-जाना नहीं था।

बुजुर्ग अकेले रहते थे। रिश्तेदारों के मुताबिक वह नशे के आदी थे। शनिवार की रात उनकी कमरे में जलकर मौत हो गई। किसी को पता तक नहीं चला। बीड़ी सिगरेट या मोमबत्ती आदि से आग लगने की आशंका लग रही है.- गीतेश कपिल, इंस्पेक्टर कोतवाली।

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सर्दियों में आग से बरतें सावधानी

सर्दियों में लोग ठंड से बचने के लिए घर के अंदर ब्लोअर, हीटर या फिर अंगीठी जला लेते हैं। सोते वक्त कई बार इनकी वजह से बिस्तर में आग लग जाती है और किसी को पता भी नहीं चलता, जिसकी वजह से लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में लोगों को सोते वक्त गर्मी करने वाले सभी संसाधनों को बंद कर देना चाहिए। बरेली में इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं। सुभाषनगर में आग लगने से दो बच्चों की जलकर मौत हो गई थी। प्रेमनगर के एक रेस्टोरेंट में आग लगने से मजदूर की मौत हो गई थी।