-रोडवेज स्टेशन पर खराब पड़े हैं फायर एक्सटिंग्यूशर

-पैसेंजर्स की सुरक्षा को लेकर अफसर भी नहीं दिख रहे गंभीर

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12-फायर एक्सटिंग्यूशर लगे हैं ओल्ड रोडवेज बस स्टेशन पर

3-जगह पर खाली स्टैंड ही लगे, फायर एक्सटिंग्यूशर लापता

4-फायर एक्सटिंग्यूर में रिफिल ही नहीं

22-प्लेटफार्म हैं ओल्ड रोडवेज स्टेशन पर

665- बसें हैं रोडवेज की

7 हजार से अधिक पैसेंजर्स डेली बरेली करते हैं सफर

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13 अप्रैल से शुरू हुआ फायर सेफ्टी वीक, 20 तक चलेगा

बरेली:

अग्निशमन विभाग डिस्ट्रिक्ट में फायर सेफ्टी वीक मना रहा है. कभी रैली तो कभी स्कूलों में प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं. ताकि जिम्मेदारों के साथ पब्लिक भी अवेयर हों और हादसों से बचा जा सके. इसके बाद भी कुछ जिम्मेदार फायर सेफ्टी से खिलवाड़ कर हजारों पैसेंजर्स की जिन्दगी को भी खतरे में डालने से नहीं चूक रहे हैं. थसर्ड को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के ओल्ड रोडवेज बस स्टेशन पर फायर सेफ्टी उपकरण को चेक किया तो हकीकत चौकाने वाली सामने आई. बस स्टेशन के प्लेटफार्म पर जितने फायर एक्सटिंग्युशर लगे हैं, उसमें से आधे से अधिक तो कंडम हैं और जो बाकी रह गए हैं वह भी जरूरत पर काम आ सकेंगे या नहीं इसका भी कोई भरोसा नहीं है.

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गायब हो गए फायर एक्सटिंग्यूशर

ओल्ड रोडवेज के 22 प्लेटफार्म पर 12 फायर एक्सटिंग्यूशर लगे थे. लेकिन इसमें से तीन के स्टैंड ही लगे रह गए हैं, उनके फायर एक्सटिंग्यूशर ही गायब हैं. वहीं जो फायर एक्सटिंग्यूशर लगे हैं उनका प्रेशर तक डाउन हो चुका है.

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चार साल से नहीं कराए रीफिल

रोडवेज के प्लेटफार्म पर लगे फायर एक्सटिंग्यूशर को वर्ष 2015 में रीफिल कराया गया था. इसके बाद न तो रोडवेज के अफसरों ने इन्हें दोबारा रीफिल कराने की जरूरत समझी और न ही पिछले चार साल में फायर डिपार्टमेंट के अफसर यहां आग बुझाने के संसाधन चेक करने पहुंचे. जबकि इन फायर एक्सटिंग्यूशर को हर साल रीफिल कराया जाना चाहिए. ऐसे में कोई हादसा होने पर आग पर काबू कर पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

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डेट पढ़ पाना भी मुश्किल

रोडवेज पर लगे कई फायर एक्सटिंग्यूशर पर लगे स्टीकर तक फाड़ दिए गए हैं. ऐसे में यह पता लगाना तक मुश्किल है कि इन उपकरण को कब रीफिल कराया गया था और उनकी अगली रीफिलिंग कब होनी थी.

सफर के दौरान भी खतरा

बरेली रीजन में बदायूं, पीलीभीत शाहजहांपुर, बरेली और रुहेलखंड डिपो की 665 बसें हैं. इनमें करीब 24 शताब्दी बसें हैं. सभी बसों में बरेली से करीब 7 हजार पैसेंजर्स डेली सफर करते हैं. लेकिन उनकी सुरक्षा के प्रति परिवहन विभाग ही लापरवाह हैं. सिर्फ शताब्दी बसों में ही फायर एक्सटिंग्यूशर लगे हैं और बाकी करीब 640 बसों में आग बुझाने के लिए फायर एक्सटिंग्यूशर लगवाने की जरूरत तक निगम के अफसरों ने नहीं समझी.

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बिजली से भी हादसे का डर

ओल्ड रोडवेज पर बिजली के बोर्ड और बॉक्स भी ओपन पड़े हैं. कई वायर तो इधर-उधर ओपन झूल रहे हैं. इनसे कभी भी कोई हादसा हो सकता है. इसके बाद भी परिवहन विभाग के जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं.

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फायर सेफ्टी के लिए लगाए गए फायर एक्सटिंग्यूशर दिखवा लूंगा. अगर उनमें कोई कमी है तो ठीक कराए जाएंगे.

एसके मुखर्जी, आरएम बरेली रीजन

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स्टाफ की कमी के चलते हमारी टीम सभी जगह नहीं जा सकती. इसलिए लोगों को अवेयर करने के लिए अभियान चलाते हैं, जिससे आग लगने पर खुद ही आग बुझाने के प्रयास कर सकें. यदि कहीं से शिकायत आती है तो उसे दिखवा लेते हैं.

सोमदत्त सोनकर, एफएसओ, बरेली